सर्वनाम के परिभाषा, प्रकार और उदाहरण आदि | Sarvnam Kise Kahate Hain
प्रिय पाठकों आपलोगों को इस लेख (Article) में सर्वनाम किसे कहते हैं (Sarvanam kise kahate hain) सर्वनाम का परिभाषा , सर्वनाम के उदाहरण (Sarvanam ke Udaharan), सर्वनाम के भेद एवं भेद के सभी परिभाषा तथा उदाहरण, अर्थ आदि को सुव्यवस्थित एवं क्रमबद्ध ढंग से दिया गया है । आशा करता हूँ, कि यह Post , Board Exam एवं अन्य Compatative Exam के लिए उपयोगी होगा ।
Table of Contents
Toggleसर्वनाम (Pronoun)
सर्वनाम :- सर्व + नाम ।
* सर्व – सभी
* नाम – संज्ञा (के बदले)
सर्वनाम का अर्थ क्या होता है (Sarvnam ka Arth Kya Hota Hain) ?
सर्वनाम का अर्थ – “जो शब्द सभी संज्ञा के बदले आए “।
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सर्वनाम किसे कहते हैं (Sarvnam Kise Kahate Hain) ?
“संज्ञा के बदले जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है , उसे सर्वनाम कहते है “।
जैसे :- वह, उसे, उसने, मैं, मेरा, मेरे, मेरी, वे, ये, हम, तू , आप, यह, जो, सो आदि ।
और,
अन्य शब्दों मे जानें । सर्वनाम किसे कहते हैं (Sarvnam Kise Kahate Hain) ?
” वे शब्द जो संज्ञा के बदले आते हैं , उसे सर्वनाम कहते है “।
जैसे :- हम, तू , आप, यह, जो, सो आदि ।
नोट :-
(i) सर्वनाम का रूपांतर वचन , कारक और पुरूष के अनुसार होता है ।
(ii) सर्वनाम पर “लिंग” का प्रभाव नहीं पड़ता है ।
(iii) सर्वनाम के दो वचन होते हैं ।
(iv) कारक का प्रभाव सर्वनाम पर नहीं पड़ता है ।
हिन्दी में सर्वनाम की कुल संख्या कितनी है (Hindi me Sarvanam ki Sankhya kitni Hain) ?
हिन्दी में सर्वनाम की कुल संख्या– 11 (ग्यारह) हैं, जो अग्रलिखित हैं :-
मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कोई, क्या, कुछ और कौन ।
सर्वनाम के उदाहरण (Sarvanam Ke Udaharan) :-
1. मैं एक कलाकार हूँ । (सर्वनाम – मैं)
2. तू कब आएगा ? (सर्वनाम – तू)
3. आप यहाँ के सेवक हैं । (सर्वनाम – आप)
4. यह राम का विद्यालय है । (सर्वनाम – यह)
5. वह व्याकरण जानता है । (सर्वनाम – वह)
6. जो सोवत है सो खोवत है । (सर्वनाम – जो , सो)
7. राम के यहाँ कोई आया है । (सर्वनाम – कोई)
8. श्याम क्या करता है । (सर्वनाम – क्या)
9. थोड़ा कुछ भी दो । (सर्वनाम – कुछ)
10. वह कौन है । (सर्वनाम – कौन)
11. वे ऋषिगण हैं । (सर्वनाम – वे)
12. थोड़ा दूध दो । (सर्वनाम – थोड़ा)
13. मैं आप ही पढ़ता हुँ । (सर्वनाम – आप) आदि ।
संज्ञा के बदले सर्वनाम का प्रयोग क्यो किया जाता है ?
“जब किसी वाक्य में एक ही संज्ञा पद एक से अधिक बार आता है , तो वह प्रत्येक बार एक नये व्यक्ति का भ्रम उत्पन्न करता है और ऐसी स्थिति में हमारा वाक्य अनिश्चित हो जाता है “।
जैसे :- आज राम का जन्मदिन है ।
राम ने अपने सभी दोस्तों को आमंत्रित किया ।
राम केक काटेगा ।
फिर राम के सभी दोस्त भोज्य ग्रहण कर घर जाएँगे ।
अतः उक्त समस्या से बचने के लिए दूसरी संज्ञा के स्थान पर उचित सर्वनाम का प्रयोग करते हैं । इसलिए सर्वनाम संज्ञा के बदले आते हैं ।
जैसे :- आज राम का जन्मदिन है ।
उसने अपने सभी दोस्तों को आमंत्रित किया ।
वह केक काटेगा ।
फिर उसके सभी दोस्त भोज्य ग्रहण कर घर जाएँगे आदि ।
जैसे :- आज श्याम का जन्मदिन है । श्याम बहुत खुश है । श्याम के मित्र आएँगे ।
आज श्याम का जन्मदिन है । वह बहुत खुश है । उसके मित्र आएँगे ।
अतः जब एक ही संज्ञा पद एक से अधिक वाक्यों में एक साथ आता है , तो ऐसा लगता है , कि वे वाक्य आपस में जुड़ नहीं पा रहें हैं ।
जब प्रथम संज्ञा पद को छोड़कर अन्य संज्ञा पद के स्थान पर सर्वनाम रख दिया जाता है , तो वाक्य भली-भाँति जुड़ जाता है । इसलिए संज्ञा पद के बदले सर्वनाम आते है ।
*नोट(Note) :- सर्वनाम संज्ञा के बदले आते हैं । अतः सर्वनाम संज्ञा का प्रतिनिधि कहलाते हैं ।
प्रश्न :- क्या कोई भी सर्वनाम किसी भी संज्ञा के बदले आ सकता है ?
उत्तर :- नहीं ।
जैसे :- मीना ने मीना को बुलाया ।
मीना ने यह को बुलाया । (अतः यहाँ मीना के बदले “यह” नहीं आएगा।)
मीना ने क्या को बुलाया । (अतः यहाँ मीना के बदले “क्या” नहीं आएगा।) मीना ने जो को बुलाया । अतः यहाँ मीना के बदले “जो” नहीं आएगा।)
अतः उक्त तथ्यों के आधार पर सर्वनाम किसे कहते हैं (Sarvnam kise kahate hain) ?
“सर्वनाम वे शब्द है जो पूर्वापद संबंध के आधार पर किसी संज्ञा के बदले आते हैं , उसे सर्वनाम कहते हैं ।”
पूर्वापद संबंध किसे कहते है ?
“वैसे सर्वनाम जो पहला वाक्य को दूसरे वाक्य से जोड़ता है , उसे पूर्वापद संबंध कहते हैं “।
जैसे :- यहाँ कई किताबें हैं , जो कीमती है । (पूर्वापद संबंध – जो)
इस घोड़ा को देखो । जो मेरा है । (पूर्वापद संबंध – यह)
मोहन ने एक गाय खरीदी , जो काली थी । (पूर्वापद संबंध – यह) आदि।
(अतः यहाँ किताब , घोड़ा , गाय के षदलें “जो” आया है । जोकि सर्वनाम है तथा “जो” प्रथम वाक्य को दूसरे वाक्य से जोड़ता है । इसलिए “जो” यहाँ पूर्वापद संबंध है ।)
श्याम ने एक गाय खरीदी , तुम काली है।
राम ने एक कलम बेची। मैं लाल हूँ ।
(अतः यहाँ दूसरी वाक्य में “ तुम और मैं” आया है , जो सर्वनाम तो है लेकिन यह “गाय या कलम” को संबोधित नहीं करता है और न ही प्रथम वाक्य को दूसरे वाक्य से जोड़ता है ।इसलिए “तुम और मैं” यहाँ पूर्वापद संबंध नहीं है ।)
सर्वनाम के कार्य (Sarvnam ke pramukh kary)
सर्वनाम के प्रमुख कार्य निम्नांकित है :-
संज्ञा जहाँ उसी का बोध कराती है वह नाम है , वहाँ सर्वनाम किसी भी वस्तु का बोध कराता है , यदि पहले वह संज्ञा आ गयी हो ।
जैसे :- राम अच्छा लड़का है । – वह मेरा भाई है ।
(यहाँ दूसरी वाक्य में “राम” के बदले “वह” सर्वनाम आया है।)
सीता अच्छी लड़की है । – वह मेरी बहन है ।
(यहाँ दूसरी वाक्य में “सीता” के बदले “वह” सर्वनाम आया है।)
इस कुत्ते को देखो । – यह मेरा है ।
(यहाँ दूसरी वाक्य में “कुत्ते” के बदले “यह” सर्वनाम आया है।)
मुझे कई कलमें हैं । – वे कीमती हैं ।
(यहाँ दूसरी वाक्य में “कलमें” के बदले “वे” सर्वनाम आया है।) आदि ।
- सर्वनाम नामों (संज्ञाओं) की पुनरूक्ति (दोहराव) को रोकता है ।
पुनरूक्ति दोष → पुनरूक्ति रहित
* मोहन अच्छा लड़का है।→ मोहन अच्छा लड़का है ।
* मोहन बी॰ ए॰ में पढ़ता है।→ वह बी॰ ए॰ में पढ़ता है।
* मोहन पढ़ने में तेज है। → वह पढ़ने में तेज है।
* मोहन वर्ग में प्रथम आता है।→ वह वर्ग में प्रथम आता है आदि ।
- सर्वनाम आदर-अनादर या छोटे-बड़े का बोध कराता है।
जैसे :- (क) आप मेरी बहन हैं।
(इस वाक्य में आदर या बड़े का बोध होता है।)(ख) तू मेरी बहन है ।
(इस वाक्य में आनादर या छोटै का बोध होता है।)
- सर्वनाम निकटता और दूरी का बोध कराता है ।
जैसे :- यह लड़का है ।
ये लड़कें हैं ।
(अतः उक्त वाक्यों में “यह और ये” सर्वनाम “लड़का और लड़के़” संज्ञा के निकटता का बोध कराता है।)वह लड़का है।
वे लड़के हैं ।
(अतः उक्त वाक्यों में “वह और वे” सर्वनाम “लड़का और लड़के” संज्ञा के दूरी का बोध कराता है।)यह लड़की है।
ये लड़कियाँ हैं।
(अतः उक्त वाक्यों में “यह और ये” सर्वनाम “लड़की और लड़कियाँ” संज्ञा के निकटता का बोध कराता है।)वह लड़की है।
वे लड़कियाँ हैं ।
(अतः उक्त वाक्यों में “वह और वे” सर्वनाम “लड़की और लड़कियाँ” संज्ञा के दूरी का बोध कराता है।)
- सर्वनाम निश्चय और अनिश्चय का बोध कराता है।
जैसे :- उसे बुलाओ। — निश्चित व्यक्ति
किसी को बुलाओ। — अनिश्चित व्यक्ति ।
इसे खाओ। —— निश्चित वस्तु ।
किसी को खा लो। अनिश्चित वस्तु आदि । - सर्वनाम प्रधान वाक्य और आश्रित वाक्यों में संबंध जोड़ता है।
जैसे :- बिना विचार जो करे , सो पीछे पछता ।
जिसकी लाठी उसकी भैंस ।
जो राम खाता है , वही श्याम भी खाता है ।
जब अरूण पढ़ता है। तब सोहन खेलता है आदि ।
(अतः उक्त वाक्यों में प्रधान वाक्य के द्वारा दूसरे वाक्य सो, उसकी, वही, तब आदि के कारण संबंध जोड़ता है।)
- सर्वनाम जिज्ञासा को अभिव्यक्त करता है ।
जैसे :- कौन आया है ?
तुम्हें क्या चाहिए?
वहाँ कौन आया ?
उसे क्या चाहिए?
वहाँ कौन रहता है ? आदि ।
सर्वनाम का रूपांतर (Sarvnam Ka Rupantar)
सर्वनाम का रूपांतर- सर्वनाम का रूपांतर वचन , पुरूष और कारक के अनुसार होता है । इसपर लिंग का प्रभाव नहीं पड़ता है ।
जैसे :- (1) लिंग के अनुसार –
मैं जाता हूँ ।
मैं जाती हूँ ।
वह पढ़ता है ।
वह पढ़ती है ।
(उक्त उदाहरणों से यह स्पष्ट है , कि सर्वनाम (मैं , वह) पर लिंग का कोई प्रभाव नहीं पड़ा)
(2) वचन और पुरुष के अनुसार –
:- सर्वनाम के भी संज्ञा की तरह दो वचन होते हैं :-
(क) एक वचन
(ख) बहुवचन
वचन के आधार पर इनके रूपों में जो बदलाव आता है, वह निम्न हैं –
पुरूष | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
उत्तमपुरूष | मैं | हम , हमलोग |
मध्यमपुरुष | तू | तुम , तुमलोग |
अन्यपुरूष | यह , वह | ये , वे |
कारक के अनुसार :– सर्वनाम पर भी संज्ञा की तरह कारक का प्रभाव पड़ता है , लेकिन दोनों में थोड़ा बहुत अंतर है । जहाँ संज्ञा में संबोधन कारक भी होता है लेकिन वहाँ सर्वनाम में संबोधन कारक नहीं होता है । इसमें सात ही कारक होते हैं ।
इसके रूपांतर को समझने के लिए इसकी कारक- रचना को समझें । कुछ सर्वनामों की कारक – रचना दोनों वचनों और सातों कारकों में निम्न दी गयी है –
मैं (ऊत्तम पुरूष) – Mai Uttam Purush
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्त्ता कारक | मैं,मैंने | हम, हमने, हमलोग, हमलोगों ने |
कर्म कारक | मुझे, मुझको | हमें, हमको, हमलोगों को |
करण कारक | मुझसे, मेरे द्वारा | हमसे, हमारे द्वारा, हमलोगों से |
सम्प्रदान कारक | मुझे, मुझको, मेरे लिए | हमें, हमको, हमारे लिए |
आपादान कारक | मुझसे | हमसे, हमलोगों से |
संबंध कारक | मेरा, मेरे, मेरी | हमारा, हमारी, हमारे |
अधिकरण कारक | मुझमें, मुझपर | हममें, हमपर |
तू (मध्यम पुरुष) Tu Madhyam Purush
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्त्ता कारक | तू, तूने | तुम, तुमने, तुमलोगों ने |
कर्म कारक | तुझे, तुझको | तुम्हें, तुमको, तुमलोगों को |
करण कारक | तुझसे, तेरे द्वारा | तुमसे, तुमलोगों से, तुम्हारे द्वारा |
सम्प्रदान कारक | तेरे लिए, तुझको, तुझे | म्हारे लिए, तुमको, तुम्हें |
आपादान कारक | तुझसे | तुमलोगों से, तुमसे |
संबंध कारक | तेरा, तेरी, तेरे | तुम्हारे, तुम्हारी, तुम्हारा |
अधिकरण कारक | तुझपर, तुझमें | तुमलोगों में, तुममें |
वह (अन्य पुरुष) – Vah Any Purush
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्त्ता कारक | वह, उसने | उनलोगों ने, उन्होंने, ये |
कर्म कारक | उसको, उसे | उनलोगों को, उनको, उन्हें |
करण कारक | उसके द्वारा, उससे | उनके द्वारा, उनसे |
सम्प्रदान कारक | उसके लिए, उसे | उनके लिए, उनको, उन्हें |
आपादान कारक | उससे | उनलोगों से, उनसे |
संबंध कारक | उसका, उसके, उसकी | उनलोगों के, उनका, उनकी |
अधिकरण कारक | उसमें, उसपर | उनमें, उनलोगों में |
आप (आदरसूचक) – Aap Aadarsuchak
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्त्ता कारक | आपने, आप | आपलोगों ने, आपलोग |
कर्म कारक | आपको | आपलोगों को |
करण कारक | आपके द्वारा, आपसे | आपलोगों के द्वारा, आपलोगों से |
सम्प्रदान कारक | आपके लिए, आपको | आपलोगों के लिए, आपलोगों को |
आपादान कारक | आपसे | आपलोगों से |
संबंध कारक | आपका, आपके, आपकी | आपलोगों के / की |
अधिकरण कारक | आपमें/ पर | आपलोगों में/ पर |
सर्वनाम के कितने भेद हैं ( Sarvanam ke bhed ) ?
सर्वनाम के निम्नांकित छः (06) भेद होते हैं :-
(क) पुरूषवाचक सर्वनाम (Personal Pronoun)
(ख) निजवाचक सर्वनाम (Reflexive Pronoun)
(ग) निश्चयवाचक सर्वनाम (Demonstrative Pronoun)
(घ) अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Indefinite Pronoun)
(ङ) प्रश्नवाचक सर्वनाम (Interrogative Pronoun)
(च) संबंधवाचक सर्वनाम (Relative Pronoun)
सर्वनाम के भेद को याद रखने का ट्रिक :- पुरूष ने निज से प्रश्न कर अनिश्चित संबंधों को निश्चित किया ।
(क) पुरूषवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं (Purush Vachak Sarvnam Kise Kahate Hain)?
“वह सर्वनाम जो किसी व्यक्ति या वस्तु के नाम के बदले आता है ,उसे पुरूषवाचक सर्वनाम (Purush Vachak Sarvanam) कहते हैं “।
जैसे :- मैं , मैने , हम , तू , आप , यह , वह , उसका , उसकी आदि ।
- मैं :- मैं खेलने जा रहा हूँ ।
- मैंने :- मैंने आप ही खाया ।
- हम :- यह काम हम नहीं करेंगे ।
- तू :- राम के साथ तू भी पढ़ रहे हो ।
- आप :- आप कहाँ रहते हैं ?
- यह :- यह सेब है ।
- वह :- वह राम के साथ जाता है ।
- उसका :- यह उसका पुत्र है ।
- उसकी :- उसकी पुत्री अच्छी है आदि ।
(ख) निजवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं (Nij vachak Sarvnam Kise Kahate Hain)?
“वह सर्वनाम जो स्वयं या खुद का बोध कराता है , उसे निजवाचक सर्वनाम (Nijvachak Sarvanam) कहते हैं “।
जैसे :- आप , स्वयं , खुद आदि ।
आप :- मैं आप ही खाता हूँ ।
स्वयं :- वह स्वयं पढ़ाता है ।
खुद :- राम खूद ही खेलेगा । आदि ।
(ग) निश्चयवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं (Nishchay Vachak Sarvnam Kise Kahate Hain) ?
“वह सर्वनाम जो संज्ञा से पहले लगकर संज्ञा को निश्चित करता है , उसे निश्चयवाचक सर्वनाम (Nishchay Vachak Sarvanam) कहते हैं “।
जैसे :- यह और वह ।
यह :- यह कौन है ?
वह :- वह कहाँ है ? आदि ।
(घ) अनिश्चयवाचक सर्वनाम खिसे कहते हैं (Anishchay vachak Sarvnam Kise Kahate Hain) ?
“जिस सर्वनाम से किसी अनिश्चित व्यक्ति या वस्तु का बोध होता है , उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Anishchay Vachak Sarvanam) कहते हैं “।
जैसे :- कोई और कुछ ।
कोई :- मेरे घर पर कोई आया है ।
यहाँ कोई था ।
राम के घर पर कोई आएगा ।
कुछ :- मुझे कुछ दे दीजिए ।
श्याम कुछ काम करो ।
उसे कुछ देना है आदि ।
(ङ) प्रश्नवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं (Prashna vachak Sarvnam Kise Kahate Hain) ?
जिस सर्वनाम से किसी व्यक्ति एवं वस्तु से प्रश्न पूछे जाने का बोध होता है , उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम (Prashn Vachak Sarvanam) कहते हैं ।
जैसे :- कौन और क्या ।
कौन :- कौन आ रहा है ।
मोहन के साथ कौन आया है ।
क्या :- वह क्या खा रहा है ।
तुम क्या करते हो । आदि ।
(च) संबंधवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं (Sambandh vachak Sarvnam Kise Kahate Hain)?
“जिस सर्वनाम से एक शब्द या वाक्य का दूसरे शब्द या वाक्य से संबंध का बोध होता है , उसे संबंधवाचक सर्वनाम (Sambandh Vachak Sarvanam) कहते हैं “।
जैसे :- जो , सो , जिसका , जिन्होंने आदि ।
जो :- जो जागेगा ।
जो पढ़ेगा ।
जो खेलेगा ।
सो :- सो पाएगा ।
सो परीक्षा परिणाम प्राप्त करेगा ।
सो स्वस्थ रहेगा ।
जो और सो से बने कुछ वाक्य निम्न हैं :-
- जो जागेगा सो पावेगा ।
- जिसकी लाठी उसकी भैंस ।
- जो व्यायाम करेगा वह सब दिन स्वस्थ रहेगा ।
- जो सोएगा वह खोएगा । आदि ।
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अधिकत्तर पूछे आने वाली प्रश्न (FAQs)
(1) सर्वनाम किसे कहते हैं ? (Sarvnam Kise Kahate Hain)
उत्तर:- “संज्ञा के बदले जिस शब्द का प्रयोग किया जाता है , उसे सर्वनाम (Sarvanam) कहते हैं “।
जैसे :- यह , वह , जिसकी , कौन , क्या आदि ।
(2) सर्वनाम के कितने भेद होते हैं ? (Sarvanam ke bhed)
उत्तर:- छः (06) ।
(3) सर्वनाम का संधि-विच्छेद क्या होता है ?
उत्तर:- सर्व + नाम ।
(4) संज्ञा का प्रतिनिधित्व कौन करता है ?
उत्तर:- सर्वनाम ।
(5) सर्वनाम की कुल संख्या कितनी है ?
उत्तर:- 11 (ग्यारह) ।
(6) किसी भी वाक्य के सुन्दरता के लिए किसका प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर:- सर्वनाम ।
(7) सर्वनाम कौन-सा शब्द हैं ?
उत्तर:- विकारी शब्द ।
(8) वह मोहन का पुत्र है। इस वाक्य में सर्वनाम कौन है ?
उत्तर:- वह ।
(9) सीता आप ही भोजन बनाती है। इस वाक्य में सर्वनाम कौन है ?
उत्तर:- आप ।
(10) यह खिलौना है। इस वाक्य में “यह” क्या है ?
उत्तर:- सर्वनाम।
(11)राम क्या खाता है। इस वाक्य में “सर्वनाम” कौन है ?
उत्तर:- क्या ।
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6 thoughts on “Sarvanam Kise Kahate Hain | सर्वनाम: परिभाषा, उदाहरण और भेद | Sarvnam”