Bihar Board Class 10th Sanskrit Chapter 8 in Hindi || कर्मवीर कथा पीयूषम् भाग 2 || Sanskrit Objective Questions

Bihar Board Class 10th Sanskrit Chapter 8 || कर्मवीर कथा (karmveer katha Sanskrit) में एक दलित समाज के ग्रामीण पुरुष की प्रेरणादायक कहानी है। इस कहानी में बताया गया है कि एक कर्मवीर पुरुष ने अपने उत्साह और परिश्रम से विद्या अर्जित की और समाज में सम्मानित स्थान प्राप्त किया। इस कथा का मुख्य संदेश है कि कठिन परिस्थितियों में भी व्यक्ति को कभी निराश नहीं होना चाहिए; उत्साह और कठिन परिश्रम से सब कुछ संभव है। Bihar Board Exam Objective Questions के दृष्टिकोण से भी यह अध्याय अत्यंत महत्वपूर्ण है।

बिहार राज्य के दुर्गम क्षेत्र में भीखनटोला नामक गांव स्थित है। वहां अति निर्धन और शिक्षाविहीन लोग कठिनाइयों से भरा जीवन जी रहे थे। इसी गांव में एक परिवार था जो गांव से बाहर स्थित एक जर्जर कुटिया में निवास करता था। कुटिया धूप से तो बचाव करती थी, लेकिन वर्षा से नहीं। Bihar Board Class 10th Sanskrit Chapter 8 Hindi Translation || कर्मवीर कथा (karmveer katha Sanskrit) के अनुसार, इस परिवार में गृहस्वामी, उनकी पत्नी, एक पुत्र और एक छोटी पुत्री शामिल थे।

Bihar Board Class 10th Sanskrit Chapter 8 || कर्मवीर कथा में इस कहानी के माध्यम से यह बताया गया है कि विपरीत परिस्थितियों में भी यदि व्यक्ति आत्म-विश्वास और मेहनत का सहारा ले, तो वह समाज में सम्मान और सफलता अर्जित कर सकता है। Bihar Board Exam Objective Questions में भी इस अध्याय से जुड़े प्रश्नों का उत्तर देना उपयोगी साबित हो सकता है। इस अध्याय Bihar Board Class 10th Sanskrit Chapter 8 || कर्मवीर कथा से यह सिखने को मिलता है कि शिक्षा और आत्म-विश्वास के बल पर एक साधारण व्यक्ति भी असाधारण उपलब्धियाँ हासिल कर सकता है।

Bihar Board Class 10th Sanskrit Chapter 8 in Hindi || कर्मवीर कथा

[पाठेऽस्मिन् समाजे दलितस्य ग्रामवासिनः पुरूषस्य कथा वर्तते । कर्मवीरः असौ निजोत्साहेन विद्यां प्राप्य महत्पदं लभते, समाजे च सर्वत्र सत्कृतो भवति । कथाया मूल्यं वर्तते यत् निरोशो न स्यात्, उत्साहेन सर्वं कर्तुं प्रभवेत् ।]

संधि-विच्छेद (Sandhi Vichchhed) :-
  • पाठेऽस्मिन् = पाठे + अस्मिन् ।
  • निजोत्साहेन = निज + उत्साहेन ।
शब्दार्थ  (Sabdarth):-
  • असौ – वह ।
  • प्राप्य – पाकर ।
  • लभते – प्राप्त करते हैं ।
  • स्यात् – होना चाहिए ।
  • प्रभवेत् – करना चाहिए ।

व्याख्या :- [ इस पाठ में दलित समाज के ग्रामीण पुरुष का कहानी है । वह कर्मवीर अपने उत्साह से विद्या पाकर महत्वपूर्ण पद प्राप्त करते हैं और समाज में सभी जगह सत्कृत होते हैं । इस कथा का मूल्य है, कि व्यक्तियों को कभी निराश नहीं होना चाहिए, उत्साह व कठिन परिश्रम से सब कुछ किया जा सकता है ।]

  • Related Post: Bihar Board संस्कृत पीयूषम भाग – 2 के सम्पूर्ण अध्याय का हिंदी में Solutions के लिये यहाँ क्लिक करें

* वस्तुनिष्ठ प्रश्न :-

Q1. “कर्मवीर कथा” पाठ में किस समाज की कहानी है ?
उत्तर:- दलित समाज की ।
Q2. कर्मवीर कौन है ?
उत्तर:- रामप्रवेश राम ।
Bihar Board Class 10th Sanskrit Chapter 8 Solutions का

2nd Paragraph

अस्ति बिहारराज्यस्य दुर्गमप्राये प्रान्तरे “भीखनटोला” नाम ग्रामः। निवसन्ति स्म तत्रातिनिर्धनाः शिक्षाविहीनाः क्लिष्टजीवनाः जनाः। तेष्वेवान्यतमस्य जनस्य परिवारो ग्रामाद् बहिःस्थितायां कुट्यां न्यवसत्। कुटी तु जीर्णप्रायत्वात् परिवारजनान् आतपमात्राद् रक्षति, न वृष्टेः। परिवारे स्वयं गृहस्वामी, तस्य भार्या तयोरेकः पुत्रः कनीयसी दुहिता चेत्यासन्।

संधि-विच्छेद :-
  • तत्रातिनिर्धनाः = तत्र + अति + निर्धनाः ।
  • तेष्वेवान्यतमस्य = तेषु + एव + अन्यतमस्य ।
  • न्यवसत् = नि + अवसत् ।
  • तयोरेकः = तयोः + एकः ।
  • चेत्यासन् = च + अति + आसन् ।
शब्दार्थ :-
  • प्रान्तरे – प्रान्त/ राज्य में ।
  • ग्रामः – गाँव ।
  • निवसन्ति स्म – निवास करते थे ।
  • शिक्षाविहीना :- शिक्षा विहिन ।
  • क्लिष्टजीवनाः – कठिनाईयों से जीवन – यापन करनेवाले ।
  • तेष्वेवान्यतमस्य – उन्हीं में से एक का ।
  • ग्रामाद् – गाँव से ।
  • बहिः – बाहर ।
  • तु – तो ।
  • जीर्णप्रायत्वात् – जर्जर होने से ।
  • आतपमात्राद् – धूप मात्र से ।
  • वृष्टेः – वर्षा से ।
  • भार्या – पत्नी ।
  • तयोरेकः – दोनों के ।
  • कनीयसी – छोटी ।
  • दुहिता – पुत्री ।
Class 10th Sanskrit Chapter 8 Question Answer in Hindi

हिंदी अनुवाद:- बिहारराज्य के दुर्गमप्राय प्रांत में भीखनटोला नामक ग्राम / गांव है । वहां अति निर्धन, शिक्षाविहीन, कठिनाइयों से जीवन – यापन करने वाले लोग निवास करते थे। उनमें ही एक व्यक्ति का परिवार गांव से बाहर स्थित कुटिया में निवास करते थे। कुटी तो लगभग जर्जर होने से परिवार के लोगों का धूप मात्र से रक्षा होता था वर्षा से नहीं। परिवार में स्वयं गृहस्वामी उनकी पत्नी उन दोनों के एक पुत्र और छोटी पुत्री थी।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न :-
Q1. बिहारराज्य के दुर्गमप्राय प्रांत में कौन सा गांव स्थित है ?
उत्तर:- भीखनटोला ।
Q2. भीखनटोला किस राज्य में स्थित है ?
उत्तर:- बिहारराज्य में ।
Q3. बिहार राज्य के किस प्रांत में भीखनटोला स्थित है ?
उत्तर:- दुर्गमप्राय प्रांत ।
Bihar Board Class 10th Sanskrit Chapter 8 Solutions का

3rd Paragraph

तस्मात् ग्रामात् क्रोशमात्रदूरं………… ……………………………. महाविद्यालये प्रवेशमलभत ।

संधि-विच्छेद :-
  • तत्रैकः = तत्र + एकः ।
  • द्रष्टुमागतः = द्रष्टुम् + आगतः ।
  • तस्यापातरमणीयेन = तस्य + आपातरमणीयेन ।
  • स्वभावेनाभिभूतः = स्वभावेन + अभिभूतः ।
  • शिक्षितुमारभत = शिक्षितुम् + आरभत ।
  • बालकोऽपि = बालकः + अपि ।
  • शिक्षणशैल्याकृष्टः = शिक्षणशैल्या + आकृष्टः ।
  • गतिरिति = गतिः + इति ।
  • निरन्तरमध्यवसायेन = निरन्तरम् + अध्यवसायेन ।
  • निरतोऽभवत् = निरतः + अभवत् ।
  • गतस्तस्यैव = गतः + तस्य + एव ।
  • शिक्षकस्याध्यापनेन = शिक्षकस्य + अध्यापनेन ।
  • छात्राणामध्ययनं = छात्राणाम् + अध्ययनं ।
  • स्वविद्यागुरूणोपदिष्टोऽसौ = स्वविद्यागुरूणा + उपदिष्टः + असौ।
  • पित्रोरर्थाभावेऽपि = पित्रोः + अर्थ + अभावे + अपि ।
  • कनीयश्छात्राणां = कनीयस् + छात्राणां ।
  • प्रवेशमलभत = प्रवेशम् + अलभत् ।
शब्दार्थ :-
  • तस्मात् – उससे ।
  • क्रोशमात्रदूरं – मात्र कोशभर दूर ।
  • सामाजिकसामरस्यरसिकः – सामाजिक समरसता के पक्षधर ।
  • समागतः – आए ।
  • द्रष्टुमागतः – देखने के लिए आए ।
  • कदाचित् – कभी ।
  • खेलनरतं – खेलने में रत (मग्न) ।
  • विलोक्य – देखकर ।
  • आपत – सहज ।
  • आकृष्ट – आकर्षित ।
  • मन्यमानो – मानकर ।
  • निरतोऽभवत् – तत्पर हुआ ।
  • तपः – तपस्या ।
  • भूयोभूयः – बार-बार ।
  • उपदिष्टः – उपदेश ।
  • अर्थ – धन ।
  • छात्रवृत्या – छात्रवृत्ति ।
  • कनीयश – छोटी ।
  • नगरगते – नगर गये ।

हिंदी अनुवाद :- उस गांव से मात्र कोश भर दूर प्रशासन द्वारा प्राथमिक विद्यालय स्थापित किया गया। वहां एक नवीन दृष्टि (विचार) से संपन्न सामाजिक समरसता के पक्षधर शिक्षक आए । भीखन टोला देखने आए। वह कभी खेलने में मग्न दलित बालक को देखकर उनके सहज आकर्षण स्वभाव से अति प्रसन्न हुए। शिक्षक उस बालक को अपने विद्यालय लाकर स्वतः पढ़ाने लगे। बालक भी उनके शिक्षण शैली से आकृष्ट होकर और शिक्षा कर्म को जीवन के परम गति ऐसा मानकर लगातार अपने परिश्रम लाभ के लिए तत्पर हुए।

क्रमशः (लगातार) उच्च विद्यालय गए उन्हीं शिक्षक के अध्यापन और अपने अध्ययन से प्रथम स्थान प्राप्त किया। छात्रों का अध्ययन तपस्या है, ऐसा बार-बार अपने विद्या गुरु के उपदेश से वह बालक अपने पिता के धनभाव में भी छात्रवृत्ति और छोटे बच्चों को पढ़ाकर अर्जित धन से नगर गए और महाविद्यालय में प्रवेश पाये।

* वस्तुनिष्ठ प्रश्न :-
Q1. भीखनटोला से कितनी दूर प्रशासन द्वारा प्राथमिक विद्यालय स्थापित किया गया ?
उत्तर :- कोष भर दूर ।
Q2. भीखनटोला को किसने देखने आया ?
उत्तरं :- शिक्षक ।
Bihar Board Class 10th Sanskrit Chapter 8 Solutions का

4th Paragraph

तत्रापि गुरूणां प्रियः……………… ………………… विद्याजन्यां प्रतिष्ठाम् ।

संधि-विच्छेद :-
  • तत्रापि = तत्र + अपि ।
  • पुस्तकालये = पुस्तक + आलये ।
  • सदावहितचेतसा = सदा + अवहितचेतसा ।
  • स्वाध्यायनिरतोऽभूत् = स्व + अध्यायनिरतः + अभूत् ।
  • पुस्तकागारे = पुस्तक + आगारे ।
  • आत्मसादसौ = आत्मसात् + असौ ।
  • अवाप्य = अव + आप्य ।
  • ख्यातिमवर्धयत् = ख्यातिम् + अवर्धयत् ।
  • नाजानतां = न + अजानताम् ।

 शब्दार्थ :-

  • तत्रापि – वहाँ भी ।
  • सन् – बनकर ।
  • सततं – हमेशा ।
  • अकृतकालक्षेपः – बिना समय गवाए ।
  • पुस्तकागारे – पुस्तकालय ।
  • कृतवान् – किया ।
  • विद्याजन्यां – विद्या से उत्पन्न ।

हिंदी अनुवाद:- वहां भी गुरुओं का प्रिय बनकर हमेशा पुस्तकालय और अपने वर्ग में सावधान मन से बिना समय गमाए या नष्ट किये अपने अध्ययन में तत्पर हो गए। महाविद्यालय के पुस्तकालय में अनेकों विषयों के पुस्तकों को उन्होंने आत्मसात् किया। वहां स्नातक परीक्षा विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान पाकर अपने महाविद्यालय के ख्याति (यश) को बढ़ाएं। सभी जगह रामप्रवेश राम यह शब्द सुने जाते  नगर और विश्वविद्यालय परिसर में। लेकिन उनके पिताजी विद्या से उत्पन्न इस प्रतिष्ठा को नहीं जान पाए।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न :-
Q1. कर्मवीर किस परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया ?
उत्तर :- स्नातक परीक्षा ।
Q2. सभी जगह किसका नाम सुने जाते थे ?
उत्तर :- रामप्रवेश राम का ।
Bihar Board Class 10th Sanskrit Chapter 8 Solutions का

5th Paragraph

वर्षान्तरेऽसौ केन्द्रीयलोकसेवापरीक्षायामपि स्वाध्यवसायेन व्यापकविषयज्ञानेन च उन्नतं स्थानमवाप। साक्षात्कारे च समितिसदस्यास्तस्य व्यापकेन ज्ञानेन, तत्रापि तादृशे परिवारपरिवेशे कृतेन श्रमेणाभ्यासेन च परं प्रीताः अभूवन्।

संधि-विच्छेद :-

  • वर्षान्तरेऽसौ = वर्ष + अन्तरे + असौ ।
  • परीक्षायामपि = परीक्षायाम् + अपि ।
  • समितिसदस्यास्तस्य = समितिसदस्याः + तस्य ।
  • श्रमेणाभ्यासेन = श्रमेण + अभ्यासेन ।

 शब्दार्थ :-

  • वर्षान्तरे – दो वर्ष के अंतर में ।
  • उन्नतं – उच्च ।
  • वाप – प्राप्त ।
  • प्रीताः – प्रसन्न ।

हिंदी अनुवाद :- उन्होंने एक वर्ष के बाद केंद्रीय लोक सेवा परीक्षा में भी अपने अध्ययन और व्यापक विषय ज्ञान से उच्च स्थान प्राप्त किया। और साक्षात्कार समिति सदस्य उनके व्यापक ज्ञान से वहां भी  उसीप्रकार पारिवारिक परिवेश में किए गए परिश्रम और अभ्यास से बहुत प्रसन्न हुए।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न:-

Q1. रामप्रवेश राम कि परीक्षा में उच्च स्थान प्राप्त किया ?
उत्तर :- केंद्रीयलोकसेवा परीक्षा में ।

Bihar Board Class 10th Sanskrit Chapter 8 Solutions का

6th Paragraph

अद्य रामप्रवेशरामस्य …………….. ……………………………पुरूषसिंहमुपैति लक्ष्मीः ।

संधि-विच्छेद :-

  • सर्वेषामावर्जके = सर्वेषाम् + आवर्जके ।
  • नूनमसौ = नूनम् + असौ ।
  • व्यतीत्य = वि + अति + इत्य ।
  • सत्यमुक्तम् = सत्यम् + उक्तम् ।
  • उपैति = उप + इति ।

शब्दार्थ :-

  • अद्य – आज ।
  • प्रभूता – बहुत अधिक ।
  • नूनमसौ – वह अवश्य ।
  • व्यतीत्य – बिताकर ।
  • संजातः – हुआ ।

हिंदी अनुवाद:- आज रामप्रवेश राम की प्रतिष्ठा अपने प्रांत में और केंद्र प्रशासन में बहुत अधिक है। उनके प्रशासन क्षमता संकट काल में निर्णायक सामर्थ्य सबों के लिए आकर्षक है। वह  कर्मवीर अवश्य बाधा को बिताकर प्रशासन केंद्र में लोकप्रिय हुआ। सत्य कहा गया है – परिश्रमी सिंह पुरुष को लक्ष्मी वर्णन करती है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न :-

Q1. परिश्रमी सिंह पुरुष को कौन वरण करती है ?
उत्तर :- लक्ष्मी ।

Class 10th Sanskrit Chapter 8 Question Answer in Hindi

बिहार बोर्ड एग्जाम (Bihar Board Exam) में पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण हिंदी प्रश्नोत्तर :

Q1. रामप्रवेश राम किससे प्रभावित होकर अध्ययन में निरत हो गया ?

उत्तर:- “रामप्रवेश राम प्राथमिक विद्यालय में आए नवीन दृष्टि से संपन्न सामाजिक समरसता के पक्षधर शिक्षक के परिश्रम और शिक्षण शैली से आकृष्ट होकर विद्या अध्ययन करने में निरत हो गया ।”

Q2. रामप्रवेश राम की शैक्षणिक उपलब्धियों पर प्रकाश डालें ।

उत्तर:- ” रामप्रवेश राम अत्यंत परिश्रमी और लगनशील छात्र हुए । जो प्राथमिक विद्यालय से लेकर महाविद्यालय तक कि शिक्षा प्राप्त की और स्नातक परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर अपने गुरूजनों एवं विश्वविद्यालय का ख्याति बढ़ाएँ । और भारतीय लोकसेवा आयोग की परीक्षा में उच्च स्थान पाकर एक सफल अधिकारी बने ।”

Q3. कर्मवीर कथा से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?

उत्तर:- “कर्मवीर कथा से हमें यह शिक्षा मिलती है, कि मनुष्य के जीवन में अनेक प्रकार की बाधा आते हैं । उससे उन्हें घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें अपने परिश्रम और धैर्य के साथ-साथ एक स्नेहिक व्यक्ति के सानिध्य में रहकर बाधाओं से लड़कर अच्छे पद प्राप्त करना चाहिए । क्योंकि मनुष्य अपने सत्यता, निष्ठा, सच्चरित्रता आदि गुणों से निश्चित ही सफलता की सीढ़ियों की ओर अग्रसित होता है ।
                    अतः हमें भी सत्यता, निष्ठा आदि को आधार बनाकर सत्कर्म पर बने रहना चाहिए ।”

Q4. भीखनटोला की आर्थिक स्थिति एवं जीवन शैली कैसी है ?

उत्तर:- “बिहार राज्य में स्थित भीखनटोला की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय थी । इस गांव की कोई भौगोलिक परिदृश्य नहीं थी । और यह टोला दलितों की बस्ती थी । तथा यहां के निवासी अति निर्धन , शिक्षा विहीन एवं कठिनाइयों से जीवन – यापन करने के लिए विवश है ।”

Class 10th Sanskrit Chapter 8 Question Answer in Hindi

Q5. रामप्रवेश राम का चरित्र - चित्रण करें ।

उत्तर:- “रामप्रवेश राम कर्मवीर कथा का प्रमुख पात्र हैं । इनका जन्म बिहार राज्य के भीखन टोला में हुआ है । कभी खेलने में संलग्न रहने वाले राम प्रवेश राम अध्यापक का सानिध्य पाकर विद्याध्ययन में लग गये । गुरु का आशीर्वाद पाकर और मेहनत उनकी सफलता की सोपान बनते गये । धनाभाव में उन्होंने अपना अध्ययन जारी रखा । विद्यालय स्तर से लेकर प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी प्रथम स्थान प्राप्त करते गये । केंद्रीय लोक सेवा परीक्षा में उत्तीर्ण होकर उन्होंने समाज के समक्ष अपना आदर्श प्रस्तुत कर दिया । उनके प्रशासन क्षमता और संकटकाल में निर्णायक सामर्थ्य सभी को आकर्षित करते हैं ।”

Q6. रामप्रवेश राम की प्रतिष्ठा कहाँ-कहाँ देखी जा रही है ?

उत्तर:- “रामप्रवेश राम अपनी अदम्य इच्छा और अध्ययन से न केवल अपने ग्राम , विद्यालय , महाविद्यालय , विश्वविद्यालय का ही नाम रोशन किया बल्कि राज्य एवं केंद्र प्रशासन के क्षेत्र में भी प्रसिद्धि प्राप्त की जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उनके द्वारा प्रतिष्ठा प्राप्त की गयी ।”

Q7. रामप्रवेश राम का घर कहां और कैसा था ?

उत्तर:- “रामप्रवेश राम का घर बिहार राज्य के दुर्गमप्राय प्रांत के भीखनटोला में स्थित था । घर फूस की एक झोपड़ी मात्रा थी , जो किसी तरह धूप से तो रक्षा कर पाती थी बल्कि वर्षा से नहीं ।”

अभ्यासः (मौखिकः)

1. एकपदेन उत्तरं वदत

(क) कर्मवीरः कः अस्ति ?
उत्तरं :- रामप्रवेशरामः ।

(ख) बिहारप्रान्तस्य दुर्गमप्राये प्रान्तरे कः ग्रामः अस्ति ?
उत्तरं :- भीखनटोला ।

(ग) “भीखनटोला” ग्रामे शिक्षकः कं दृष्टवान् ?
उत्तरं :- दलितबालकं ।

(घ) कर्मवीरः रामप्रवेशः कुत्र उन्नतं स्थानं प्राप्तवान् ?
उत्तरं :- केन्द्रीयलोकसेवा परीक्षायाम् ।

(ङ) केन कर्मवीरः उन्नतं स्थानमवाप ?
उत्तरं :- व्यापक विषयज्ञानेन ।

अभ्यासः (लिखितः)

Class 10th Sanskrit Chapter 8 Question Answer in Hindi

1. एकपदेन उत्तरं लिखत

(क) रामप्रवेशस्य ग्रामस्य नाम किम् अस्ति ?
उत्तरं :- भीखनटोला ।
(ख) भीखनटोलां द्रष्टुं कः आगतः ?
उत्तरं :- शिक्षकः ।
(ग) बालकः कस्य शिक्षणशैल्याकृष्टः ?
उत्तरं :- शिक्षकस्य ।
(घ) स्नातकपरीक्षायां प्रथमस्थानं प्राप्य कस्य ख्यातिमवर्धयत् ?
उत्तरं :- स्वमहाविद्यालयस्य ।
(ङ) उद्योगिनं पुरूषसिंहं का उपैति ?
उत्तरं :- लक्ष्मीः ।

2. पूर्णवाक्येन उत्तरं लिखत

(क) “भीखनटोला” ग्रामः कुत्र अस्ति ?
उत्तरं :- भीखनटोला ग्रामः बिहारराज्यस्य दुर्गमप्राये प्रान्तरे अस्ति।
(ख) प्राथमिकविद्यालये कीदृशः शिक्षकः समागतः ?
उत्तरं :- प्राथमिकविद्यालये नवीनदृष्टिसम्पन्नः शिक्षकः समागतः ।
(ग) शिक्षकः कं शिक्षितुमारभत ?
उत्तरं :- शिक्षकः दलितबालकं शिक्षितुमारभत ।
(घ) रामप्रवेशः कस्यां परीक्षायाम् उन्नतं स्थानमवाप ?
उत्तरं :- रामप्रवेशः केन्द्रीयलोकसेवापरीक्षायाम् उन्नतं स्थानमवाप ।
(ङ) कयोः अर्थाभावेऽपि रामप्रवेशः महाविद्यालये प्रवेशमलभत ?
उत्तरं :- पित्रोरर्थाभावेऽपि रामप्रवेशः महाविद्यालये प्रवेशमलभत ।
(च) साक्षात्कारे समितिसदस्याः किमर्थं प्रीताः अभवन् ?
उत्तरं :- साक्षात्कारे समितिसदस्याः व्यापकेन ज्ञानेन तत्रापि तादृशे परिवारपरिवेशे कृतेन श्रमेणाभ्यासेन च प्रीताः अभवन् ।
(छ) रामप्रवेशस्य प्रतिष्ठा कुत्र-कुत्र दृश्यते ?
उत्तरं :- रामप्रवेशस्य प्रतिष्ठा स्वप्रान्ते केन्द्रप्रशासने च दृश्यते ।
(ज) लक्ष्मीः कीदृशं जनम् उपैति ?
उत्तरं :- लक्ष्मीः उद्योगिनं पुरूषसिंहम् जनम् उपैति ।

निष्कर्ष :-

Bihar Board Class 10th Sanskrit Chapter 8 || कर्मवीर कथा का निष्कर्ष यह है कि कठिन परिस्थितियों में भी आत्म-विश्वास और परिश्रम से व्यक्ति समाज में सम्मानित स्थान प्राप्त कर सकता है। यह कथा विद्यार्थियों को प्रेरणा देती है कि वे निराश न हों और हर चुनौती का साहस से सामना करें। Bihar Board Exam Objective Questions From Kamla Classes  के माध्यम से इस अध्याय का अध्ययन परीक्षा की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

मुझे आशा है, कि उक्त लिखित पोस्ट Bihar Board Class 10th Sanskrit Chapter 8, का कर्मवीर कथा पीयूषम् भाग 2 (Karmveer Katha) क्रमबद्ध तरीका से पढ़ें और समझें होंगे और आपके Bihar Board Class 10th Sanskrit Chapter 6 Solutions (वर्ग – 10 संस्कृत का अध्याय 6 का भारतीयसंस्काराः ) का विश्लेषण उपयोगी रहें होंगे ।

इसी तरह के अन्य  लेख पढ़ने के लिए हमारे YouTube Channel को सब्सक्राइब करें और kamla classes के Facebook  एवं Instagram के पेज को भी Follow करें, समय पर सभी नए लेख के Notification पाने के लिए ।


Leave a comment

error: Content is protected !!