Visheshan in Hindi Grammar: “विशेषण क्या है? परिभाषा, प्रकार, और उदाहरण – हिंदी व्याकरण “

विशेषण का परिचय (Visheshan in Hindi)

विशेषण हिंदी व्याकरण का एक अनिवार्य हिस्सा है, जिसका उपयोग वाक्यों में संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने के लिए किया जाता है। यह किसी वस्तु, व्यक्ति या स्थान आदि के गुण, परिमाण, संख्या, या अन्य विशेषताएँ बताने में सहायता करता है। उदाहरण के लिए, “सुंदर लड़की”, “तीन सेब”, और “यह किताब” जैसे वाक्य विशेषण के उपयोग को दर्शाते हैं। हिंदी व्याकरण में विशेषण वाक्य की गहराई और स्पष्टता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस पोस्ट में विशेषण (Visheshan in hindi) का सम्पूर्ण व्याख्या है, जो आपके प्रत्येक प्रतियोगिता परिक्षा (Compatative Exam) के साथ-साथ बोर्ड एग्जाम (Bihar Board Exam) के लिए उपयोगी है।

Table of Contents

विशेषण किसे कहते हैं (Visheshan Kise Kahate Hain)?

जो शब्द किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता (गुण, दोष, संख्या, परिमाण, रंग, दशा आदि) बतलाए, उसे विशेषण कहते हैं।
जैसे:- अच्छा, सुंदर, मीठा, लंबा, चतुर, कुरूप, नाटा, बुरा, खटास, चौड़ा, मूर्ख, लाल, हरा, पीला, नीला, गुलाबी, भूरा, दुबला, पतला, थोड़ा, बहुत, काल, गोरा, अस्वस्थ, रोगी, कठोर, नमकीन, पुराना आदि ।

हिंदी व्याकरण में विशेषण का महत्व:-

(i)विशेषण वाक्य में भावनाओं और विचारों को प्रभावित ढंग से व्यक्त करने में सहायक होता है । जिससे वाक्य स्पष्ट और व्यवहारिक होता है ।
(ii)हिंदी व्याकरण में भाषा को सुंदर, व्यवहारिक और रंगीन बनाने के लिए विशेषणों का प्रयोग किया जाता है ।
(iii)विशेषणों के प्रयोग से वाक्यों में सजीवता आता है ।
(iv)हिंदी व्याकरण में भाषा कौशल को विशेषणों के उपयोग से सुधारा जा सकता है ।
(V)विशेषणों से शब्दों के गुण, विशेषता, स्थिति, आकार, अवस्था,रंग, दोष, महत्व आदि को व्यक्त किया जा सकता है ।
(vi)किसी व्यक्ति या वस्तु के गुणों को स्वतंत्र रूप से जानने के लिए तथा अन्य चीज की तुलना में वर्णित करने के लिए विशेषण का उपयोग किया जाता है ।

(Vii)विशेषण एक “विकारी” शब्द है ।
(Viii)विशेषण हमारी जिज्ञासाओं का भी शमन (समाधान) करता है ।
जैसे:- वह कैसा लड़का है? (अच्छा या बुरा)
सीता कैसी है? (सुंदर या कुरूप)
किताब कैसी है? (मोटी या पतली)।

(ix)विशेषण न केवल “संज्ञा या सर्वनाम” का विशेषता बताता है, बल्कि वह अपने “विशेष्य” की संख्या और परिमाण (मात्रा) भी बताता है ।
जैसे:- पांच लड़के क्रिकेट खेलते हैं । (संख्याबोधक)
छः लड़कियां कबड्डी खेल रही है । (संख्याबोधक)
दो लीटर दूध दो । ( परिमाण बोधक)
थोड़ा चावल है । (परिमाणबोधक) आदि ।

विशेषण के उपयोग की प्राथमिकताएँ (Visheshan ka upyog)

(i) विशेषण का उपयोग से वाक्यों में सुंदरता आती है।
(ii) विशेषण का उपयोग किसी संज्ञा या सर्वनाम को संबोधित या वर्णित करने के लिए किया जाता है।

(iii) विशेषण भाषण का एक हिस्सा है। जिसका उपयोग किसी संज्ञा या सर्वनाम का वर्णन करने एवं उनके अधिक जानकारी के लिए किया जाता है।

(iv) किसी व्यक्ति या वस्तु के गुणों को स्वतंत्र रूप से जानने के लिए तथा अन्य चीज की तुलना में वर्णित करने के लिए विशेषण का उपयोग किया जाता है।

(v) विशेषणों का उपयोग व्यक्तिगत लोगों और अद्वितीय चीजों की पहचान या परिमाण करने के लिए किया जाता है, वे आमतौर पर संज्ञा या सर्वनाम से पहले स्थित होते हैं जिन्हें वे संशोधित करते हैं।

विशेषण के उदाहरण (Visheshan Ke Udaharan) को वाक्य द्वारा समझे।

(i)राम अच्छा है। (राम का विशेषता (गुण) – “अच्छा” है।)
(ii)सीता सुंदर है। (सीता की विशेषता (गुण) – “सुंदर” है ।)
(iii)आम मीठा है। (आम का विशेषता (गुण) – “मीठा” है ।)
(iv)पुस्तक पुरानी है। (पुस्तक की विशेषता (गुण) – “प्राचीनता” है ।)
(V)ससिता कुरूप है। (ससिता की विशेषता (दोष) – “कुरूप” है ।)
(Vi)मोहन नाटा है। (मोहन का विशेषता (दोष) – “नाटा” है ।)
(vii)सीता गोरी है। (सीता की विशेषता (रंग) – “गोरी” है ।)
(viii)मेरा कमीज पीला है। (कमीज कमीज का विशेषता (रंग) – “पीला” है ।)
(ix)मुझे थोड़ा दूध दो। (दूध का विशेषता (परिमाण) – “थोड़ा” है ।)
(x)राम अस्वस्थ रहता है। (राम का विशेषता (दशा) – “अस्वस्थ” है ।) आदि ।

नोट(Note):- उपर्युक्त वाक्य में “अच्छा, सुंदर, मीठा, प्राचीनता, कुरूप, नाटा, गोरी, पीला, थोड़ा, अस्वस्थ” आदि “संज्ञा अथवा सर्वनाम” के विशेषता बदलते हैं। अतः ये “विशेषण” है।

विशेषण के कार्य (Visheshan ke kary)

विशेषण के कार्य निम्नलिखित हैं :-
(i) विशेषण “संज्ञा या सर्वनाम” के गुण – दोष को बतलाता है। जैसे :-

  • राम दौड़ने में “तेज” है । (गुण)
  • मोहन “डरपोक” है । (दोष)
  • सीता “स्वभावशील” है । (गुण)
  • मैं नाटा हूँ । (दोष)  आदि ।

(ii) विशेषण “संज्ञा या सर्वनाम” के निश्चित संख्या या परिमाण (मात्रा) को बतलाता है। जैसे :-

  • पाँच लड़कें पढ़ रहे हैं । (पांच लड़के – निश्चित संख्या)
  • पाँच लीटर दूध देना । (पाँच लीटर – निश्चित परिमाण)
  • चार लड़की जा रही हैं । (चार लड़की – निश्चित संख्या)
  • चार लीटर पेट्रोल ले आना (चार लीटर-निश्चित परिमाण)
  • दस किलो चावल उधार है । (दस किलो – निश्चित  परिमाण) आदि । 

(iii) विशेषण कभी-कभी “संज्ञा अथवा सर्वनाम” की अनिश्चित संख्या या परिमाण भी बतलाता है। जैसे :-

  • कुछ जानवर खेत चर रहे हैं । (कुछ जानवर – अनिश्चित  संख्या)
  • थोड़ा चावल शेष हैं । (थोड़ा चावल – अनिश्चित परिमाण)
  • कुछ शिक्षक पढ़ाते हैं । (कुछ शिक्षक – अनिश्चित संख्या)
  • थोड़े दिन शेष हैं । (थोड़े दिन – अनिश्चित संख्या)
  • थोड़ा दूर बचा है । (थोड़ा दूर – अनिश्चित परिमाण) आदि।

(iv) विशेषण किसी “संज्ञा या सर्वनाम” के क्षेत्र को सीमित करता है। जैसे:-

  • उजला रुमाल लाओ। (“उजला रुमाल” मतलब सिर्फ “उजला” रुमाल न कि लाल, हरा, पीला, नीला रुमाल । यहां “उजाला रंग” अन्य रंगों को सीमित करता है।)
  •  उस लड़की को बुलाओ। (उस “लड़की” का मतलब किसी “खास लड़की” को न कि किसी दूसरी लड़की को ) आदि।

(v) यह “संज्ञा अथवा सर्वनाम” की “दशा, अवस्था या आकार” को बतलाता है। जैसे :-

  • मोहन अस्वस्थ है । (दशा का बोध)
  • तुम डरपोक हो । (दशा का बोध)
  • वह बूढ़ा है । (अवस्था का बोध)
  • मोहन युवा है । ( अवस्था का बोध)
  • खेत की लंबाई- चौड़ाई अच्छी है । (आकार का बोध)
  • टेबल लंबा है । (आकार का बोध) आदि ।

विशेषण का शब्द रचना (Visheshan Ka Shabd Rachna)

(i) विशेषण का अर्थ क्या होता है ?“किसी संख्या अथवा सर्वनाम का विशेषता बतलाना ।“
(ii) विशेषण का वर्णविच्छेद क्या होता है ?“व् + इ + श् + ए + ष् + अ + ण् + अ।”
(iii) विशेषण किस उपसर्ग से बना है ?“वि” उपसर्ग से ।
(iv) विशेषण शब्द क्या है ?विकारी शब्द ।
(v) अर्थ की दृष्टि से विशेषण कौनसी शब्द है ?सार्थक शब्द ।
(vi) उत्पत्ति के दृष्टि से विशेषण कौनसी शब्द है ?तद्भव शब्द ।

विशेष्य किसे कहते हैं? (Visheshy Kise Kahate Hain)

जिन संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता बतलाई जाती है उसे विशेष्य से कहते हैं।
जैसे:- श्याम सुंदर लड़का है।
(इस वाक्य में “सुंदर” विशेषण एवं श्याम “विशेष्य” हैं एवं सुंदर शब्द श्याम का विशेषता बतला रहा है। अतः “श्याम” विशेष्य है।)

वह मोटा है।
(इस वाक्य में “मोटा” विशेषण एवं वह “विशेष्य” हैं एवं मोटा शब्द वह का विशेषता बतला रहा है। अतः “वह” विशेष्य है।)

रानी कुरूप लड़की है।
(इस वाक्य में “कुरूप” विशेषण एवं रानी “विशेष्य” हैं एवं कुरूप शब्द रानी का विशेषता बतला रहा है। अतः “रानी” विशेष्य है।)

अन्य, विशेष्य के उदाहरण (Visheshy Ke Udaharan)
  • सीता मोटी है। (विशेष्य – सीता)
  • थोड़ा दूध दो। (विशेष्य – दूध)
  • राम को तेज बुखार है। (विशेष्य – राम)
  • दो किलोग्राम चावल चाहिए। (विशेष्य – चावल)
  • रामायण प्राचीन ग्रंथ हैं। (विशेष्य – रामायण)
  • वेद चार होते हैं। (विशेष्य – वेद)
  • श्याम चार भाई है। (विशेष्य – श्याम)
  • राम और श्याम चतुर है। (विशेष्य – राम और श्याम)
  • सोना कीमती है। (विशेष्य – सोना)
  • बच्चा अस्वस्थ है। (विशेष्य – बच्चा ) आदि।

विशेष्य का शब्द रचना (Sbabd Rachna):-

(i) विशेष्य का अर्थजिस शब्द का विशेषता बतलाई जाए वे विशेष्य होता है।
(ii) विशेष्य का वर्णविच्छेदव् + इ + श् + ए + ष् + य + अ ।
(iii) विशेष्य में कौनसा उपसर्ग है ?“वि” उपसर्ग ।
(iv) विशेष्य क्या होता हैं?विशेष्य कोई “संज्ञा या सर्वनाम” ही होता है ।
(v) अर्थ के आधार पर विशेष्य शब्द हैसार्थक शब्द ।

प्रविशेषण किसे कहते हैं? (Pravisheshan kise kahate hain)

जो शब्द विशेषण का भी विशेषता बतलाता है, उसे प्रविशेषण कहते हैं।” जैसे :- थोड़ा, बहुत, अति, अत्यंत, अधिक, अत्यधिक, बड़ा, बेहद, महा, घोर, ठीक, बिल्कुल, लगभग आदि। प्रविशेषण के उदाहरणों को वाक्य के द्वारा समझते हैं :-


राम बहुत सुंदर है ।
(इस वाक्य में राम – विशेष्य। सुंदर – विशेषण। एवं बहुत – प्रविशेषण हैं।)

सीता अति सुंदर है ।
(इस वाक्य में सीता – विशेष्य। सुंदर – विशेषण। एवं अति – प्रविशेषण हैं।)

वह अधिक भोज्य खाता है ।
(इस वाक्य में वह – विशेष्य। भोज्य – विशेषण। एवं अधिक – प्रविशेषण हैं।)

तुम लगभग 10 बजे आया।
(इस वाक्य में तुम – विशेष्य। 10 बजे – विशेषण। एवं लगभग – प्रविशेषण हैं।) आदि।

अन्य, प्रविशेषण के उदाहरण (Pravisheshan ke Udaharan):-
  • मोहन बेहद प्रसन्न है । (प्रविशेषण – बेहद)
  • सोहन महा प्राचीन ग्रंथ पढ़ता है । (प्रविशेषण – महा)
  • यह घोर अन्याय है । (प्रविशेषण – घोर)
  • लड़कियाँ अत्यंत सुंदर हैं । (प्रविशेषण – अत्यंत)
  • यह अति प्राचीन वस्तु है । (प्रविशेषण – अति)
  • मोहन ठीक 12 बजे आया । (प्रविशेषण – ठीक।) आदि ।

प्रविशेषण का शाब्दिक अर्थ क्या होता है ?

“प्रविशेषण का शाब्दिक अर्थ विशेषण से पहले लगकर विशेषण के सामान्य गुणों में वृद्धि करना होता है।”

प्रविशेषण की विशेषताएँ :-

(i) प्रविशेषण दो शब्दों “प्र + विशेषण” से मिलकर बना है ।
(ii) प्रविशेषण विशेषण से पहले लगता है ।
(iii) प्रविशेषण विशेषण के गुणों में वृद्धि करता है ।
(iv) प्रविशेषण को “अंतर्विशेषण” भी कहा जाता है ।

प्रविशेषण का शब्द रचना (Shabd Rachna):-

(i) प्रविशेषण का अर्थ क्या होता है?“प्रविशेषण का अर्थ विशेषण का भी विशेषता बतलाना होता है।”
(ii) प्रविशेषण शब्द का वर्णविच्छेद क्या होता है?“प् + र् + अ + व् + इ + श् + ए + ष् + अ + ण् + अ “
(iii) प्रविशेषण शब्द का लिंग है“नपुंसकलिंग।”
(iv) प्रविशेषण शब्द किन दो शब्दों से बना है?“प्र उपसर्ग और विशेषण” से ।
(v) प्रविशेषण में कौनसा उपसर्ग लगा है?“प्र” उपसर्ग ।
(vi) उत्पत्ति के आधार पर प्रविशेषण कौनसा शब्द है?“तद्भव शब्द”।
(vii) अर्थ के आधार पर प्रविशेषण कौनसा शब्द है?“सार्थक शब्द”।

विशेषण के प्रकार/भेद (Visheshan ke Bhed)

(1) संख्यावाचक विशेषण
(2) परिमाणवाचक विशेषण
(3) गुणवाचक विशेषण
(4) सार्वनामिक विशेषण ।

visheshan ke bhed || Visheshan

visheshan ke bhed || Visheshan


(1) संख्यावाचक विशेषण (Sankhyavachak Visheshan)

  • संख्यावाचक = संख्या + वाचक ।
  • संख्या = निश्चित या अनिश्चित संख्या ।
  • वाचक = बोध/ज्ञान  ।

संख्यावाचक विशेषण का अर्थ :- जो किसी संज्ञा या सर्वनाम का निश्चित या अनिश्चित संख्या का बोध कराता है, वे संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं ।
जैसे :- दो लीटर दूध, पांच लड़कें,  कुछ छात्र,  थोड़ा चावल, पाँच सौ आदमी इत्यादि ।

संख्यावाचक विशेषण किसे कहते हैं (Sankhyavachak Visheshan kise kahate hain) ?

“वह विशेषण जो किसी संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित या अनिश्चित संख्याओं का बोध कराता है, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।” जैसे :- वर्ग में पांच लड़के हैं ।

संख्यावाचक विशेषण के 10 उदाहरण (Sankhyavachak Visheshan ke udaharan)

  • सात गायें जा रही हैं |
  • मेरे विद्यालय में दो सौ छात्र एवं छात्राएँ हैं
  • मेरे गांव के दस लड़कें पिकनिक पर गए हैं ।
  • मेरे विद्यालय में लड़की के दोगुना लड़कें हैं ।
  • शहर के छात्र गांव के छात्र से दोगुनी मेधावी होते हैं ।
  • पांच दर्जन केले ले आना ।
  • राम को दो जोड़ी चप्पल हैं ।
  • कल की अपेक्षा आज ढाई गुना लाभ हुआ ।
  • मेरे पुत्र पहली कक्षा में पढ़ता है ।
  • घर के चौथी खिड़की खुली है । इत्यादि ।


संख्यावाचक विशेषण के कितने भेद/प्रकार होते हैं ?

“संख्यावाचक विशेषण के निम्नांकित दो भेद/प्रकार होते हैं” :-
(A) निश्चित संख्यावाचक विशेषण
(B)अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण ।

(A) निश्चित संख्यावाचक विशेषण किसे कहते हैं (Nishchit Sankhyavachak Visheshan kise kahate hain) ?

“जिस विशेषण से किसी संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित संख्या का बोध होता है, उसे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।“
जैसे:- दस आदमी, पांच लड़कें, पचास रूपये, पहला लड़का, दसवीं अध्याय, दोनों लड़के, चारों आदमी, आठों पुस्तकें, दोनो प्रहर आदि ।

निश्चित संख्यावाचक विशेषण का उदाहरण वाक्यों में | (Nishchit Sankhyavachak Visheshan Ke Udaharan)
  • दस आदमी खेलते हैं ।
  • पांच लड़कियां कक्षा में हैं ।
  • पचास रूपये उधार हैं ।
  • पहला लड़का मेधावी हैं ।
  • दोनों लड़के खेल रहे हैं ।
  • चारों आदमी आपस में बातें कर रहे थे ।
  • आठों पुस्तकें उपयोगी हैं ।
  • दोनों प्रहर बीत गए । आदि ।


निश्चित संख्यावाचक विशेषण के कितने उपभेद होते हैं? (Sankhyavachak Visheshan ke kitne upbhed hote hain)

“निश्चित संख्यावाचक विशेषण के निम्नांकित चार उपभेद होते हैं “
(i) गणनावाचक विशेषण
(ii) क्रमवाचक विशेषण
(iii) आवृत्तिवाचक विशेषण
(iv) समुदाय वाचक विशेषण ।

 
(i)
गणनावाचक विशेषण (Gananawachak Visheshan)

“यह विशेषण अपने विशेष्य (संज्ञा या सर्वनाम) की साधारण संख्या या गिनती को बताता है।” जैसे :- आठ लड़कियां, चार मित्र, छह सिपाही, डेढ रुपए, पचास रूपये,ग्यारह खिलाड़ी, बारह सैनिक आदि ।

गणनावाचक विशेषण के उपभेद (Gananawachak Visheshan ke upbhed)?

“गणनवाचक विशेषण के निम्नांकित दो उपभेद होते हैं” :-
(क) पूर्णांक बोधक/पूर्ण संख्यावाचक विशेषण
(ख) अपूर्णांक बोधक/अपूर्ण संख्यावाचक विशेषण ।

()  पूर्णांक बोधक/पूर्ण संख्यावाचक विशेषण:-

“इस विशेषण में पूर्ण संख्या का प्रयोग होता है।” जैसे :- छः खिलाड़ी, पांच मित्र, पांच पांडव, सौ कौरव, अट्ठारह पुराण, एक सौ आठ उपनिषद् आदि

() अपूर्णांक बोधक/अपूर्ण संख्यावाचक विशेषण:-

“इस विशेषण में अपूर्ण संख्या का प्रयोग होता है।” जैसे :- ढाई सौ रुपया, डेढ़ रुपया आदि।

(ii)  क्रमवाचक विशेषण (Kramvachak Visheshan):-

“यह संज्ञा या सर्वनाम की क्रमागत संख्या यानी विशेष्य के क्रम को बतलाता है।” जैसे:- पहला लड़का, चौथी कक्षा, पांचवा घर, छठी खिड़की, गांव का दसवां घर, दूसरा मंदिर, सातवीं लड़की इत्यादि ।
नोट(Note):- इसका प्रयोग हमेशा एक वचन में होता है।

(iii) आवृत्तिवाचक विशेषण (Avrittivachak Visheshan):-

“यह विशेष्य में किसी इकाई की आवृत्ति (दोहराव) की संख्या बतलाता है।” जैसे:- तीगूने छात्र, दुगने किसान, ढाई गूणा हानि, चौगुणे लाभ, दस गुणा आदमी आदि ।

(iv) समुदायवाचक विशेषण (Samudayvachak Visheshan):-

“यह विशेषण वस्तुओं की सामुदायिक संख्या को व्यक्त करता है।” जैसे:- छः दर्जन केले, आठ दर्जन कॉपियां, एक जोड़ी जूता, तीन दर्जन किताबें आदि ।

निश्चित संख्यावाचक विशेषण के कुछ अन्य उपभेद:-

* संग्रहवाचक विशेषण :-

“यह विशेषण अपने विशेष्य की सभी इकाइयों का संग्रह बतलाता है।” जैसे:- आठों सिद्धि, नव निधि, सोलहों संस्कार, चारों लड़का, चारों पहर, आठों पुस्तक, पन्द्रहों बच्चे आदि ।

* विप्सावाचक विशेषण:-

“व्यापकता का बोध कराने वाली संख्या को विप्सावाचक विशेषण कहते हैं।” जैसे:- प्रत्येक पाँच घंटे पर यहां से गाड़ी खुलती है ।

  • बच्चे छः-छः दर्जन केले खरीदे ।
  • प्रत्येक तीन घंटे पर दवा खिलाना ।
  • तीन-तीन लड़के पढ़ते हैं ।
  • वह प्रति माह आता है ।
  • प्रति व्यक्ति पचास रूपयाचंदा लगी है ।
  • हर घर से एक आदमी है ।
  • हर आदमी को एक-एक फल मिला । आदि ।

(B) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण किसे कहते हैं? (Nishchit Sankhyavachak Visheshan kise kahate hain)

“जिस विशेषण से किसी संज्ञा या सर्वनाम के अनिश्चित संख्या का बोध होता है, उसे निश्चित संख्यावाचक विशेषण (Visheshan) कहते हैं।” जैसे:- कुछ लड़कें, कुछ गांव, कुछ आदमी, कुछ लड़कियाँ, ज्यादा लोग, अधिक विद्यालय आदि ।

नोट (Note):-

(i) कभी-कभी निश्चित संख्यावाचक विशेषण भी अनिश्चयसूचक विशेषण के योग से अनिश्चित संख्यावाची बन जाते हैं ।
जैसे :- इस वर्ग में लगभग पचास छात्र हैं ।
यह बात लगभग 1857 की है ।
गांव में लगभग हजार मतदाता होंगे ।
उस सभा में लगभग दो हजार व्यक्ति थे । आदि ।

(ii) आसपास के दो निश्चित संख्याओं के साथ-साथ प्रयोग भी दोनों के आसपास की अनिश्चित संख्या को प्रकट करता है ।
जैसे :- यहां दो-चार आदमी रह जाओ ।
मुझे हजार – दो – हजार रूपए दे दो ।
भीड़ में हजार – दो – हजार आदमी हैं ।
परिवार में पांच – छः व्यक्ति होंगे । आदि ।

(iii) कुछ संख्याओं में “ओं” जोड़ने से उनके बहुत्व यानी अनिश्चित संख्या की बोध होती है ।
जैसे :- सालों बाद ऐसा बाढ़ आया ।
वैश्विक आर्थिक मंदी का असर करोड़ों लोगों पर स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है । इत्यादि ।


(2)परिमाणवाचक विशेषण (Parimanvachak Visheshan)

  • परिमाणवाचक = परिमाण + वाचक ।
  • परिमाण = मात्रा (नाप/तौल/माप) ।
  • बोधक = ज्ञान ।

परिमाणवाचक विशेषण का अर्थ (Parimanvachak Visheshan ka Arth):- “जिससे नाप, तौल वाली विशेष्य की बोध होता है, वे परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।”

परिमाणवाचक विशेषण किसे कहते हैं? (Parimanvachak Visheshan kise kahate hain)

“वह विशेषण जो अपने विशेष्य की निश्चित या अनिश्चित मात्रा (नाप, माप, तौल) का बोध कराते हैं, उसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।” जैसे :- थोड़ा दूध दे दीजिए, बच्चा भूखा है । (थोड़ा दूध – अनिश्चित परिमाण।), कुछ काम दे दो। (कुछ काम – अनिश्चित परिमाण )

परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण

  • थोड़ा चावल दीजिए परिवार में सब लोग भूखे हैं ।
  • कुछ मक्खन ले लू ।
  • राम के खेत में पाँच क्विंटल धान पैदा हुए ।
  • दो लीटर दूध दे दीजिए ।
  • पाँच मीटर कपड़ा चाहिए ।
  • भाई के शादी में चार क्विंटल सब्जी लगा ।
  • बारात को खिलाने के लिए दो क्विंटल चावल चाहिए ।
  • पाँच लीटर तेल चाहिए ।

उपर्युक्त वाक्य में थोड़ा दूध, पाँच मीटर, ——————- निश्चित एवं अनिश्चित परिणाम का बोध कराते हैं।
* नोट (Note):- इस विशेषण का एकमात्र विशेष “द्रव्यवाचक संज्ञा” है।

परिमाणवाचक विशेषण के भेद/प्रकार (Parimanvachak Visheshan ke bhed/prakar)

“परिमाणवाचक विशेषण के निम्नांकित दो भेद/प्रकार होते हैं” :-
(i) निश्चितवाचक विशेषण
(ii) अनिश्चितवाचक विशेषण ।

(i) निश्चित परिमाणवाचक विशेषण किसे कहते हैं? (Nishchit Parimanvachak Visheshan kise kahate hain)

“जिस विशेषण से निश्चित मात्रावाले विशेष्य का बोध होता है, उसे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।” जैसे:- तीन लीटर दूध, पाँच किलो चावल, दस गज कपड़ा, दस ग्राम सोना, एक लीटर तेल, आठ किलोग्राम गेहूं, बीस किलो दाल, दो किलो आटा इत्यादि।

(ii) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण किसे कहते हैं? (Anishchit Parimanvachak Visheshan kise kahate hain)

“जिस विशेषण से अनिश्चित मात्रा वाले विशेष्य का बोध होता है, उसे अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।” जैसे:- थोड़ा कपड़ा, थोड़ा दूध, ज्यादा लीटर तेल, अधिक चावल, अधिक दाल, सारा गांव, सारा कपड़ा, सभी स्कूल इत्यादि।

संख्यावाचक विशेषण और परिमाणवाचक विशेषण में अंतर (Sankhyavachak Visheshan Aur Parimanvachak Visheshan me Antar)?

संख्यावाचक विशेषण और परिमाण वाचक विशेषण में अंतर निम्नलिखित हैं :-

संख्यावाचक विशेषणपरिमाणवाचक विशेषण
(i) वह विशेषण जो किसी संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित या अनिश्चित संख्याओं का बोध कराता है, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे:- पाँच लड़कें, कुछ छात्र।(i) वह विशेषण जो अपने विशेष्य की निश्चित या अनिश्चित मात्रा का बोध कराते हैं, उसे परिमाणवाचक विशेषण कहते है। जैसे:- थोड़ा दूध, पाँच,लीटर
(ii)संख्यावाचक विशेषण गणना/गिनती की बोध होती है।(ii)परिमाणवाचक विशेषण में नापा, मापा या तौला जाने का बोध होता है।
(iii)संख्यावाचक विशेषण में संख्या के बाद कोई संज्ञा या सर्वनाम शब्द होता है।(iii)परिमाणवाचक विशेषण में संख्या के बाद नाप, माप, या तौल की इकाई होती है और उसके बाद पदार्थ (द्रव्यवाचक संज्ञा) होता है।

(3)गुणवाचक विशेषण (Gunvachak Visheshan)

  • गुणवाचक = गुण + वाचक ।
  • गुण = गुण/दोष ।
  • वाचक = वोध कराना ।

गुणवाचक विशेषण का अर्थ (Gunvachak Visheshan ka Arth):- “जो विशेषण किसी संज्ञा या सर्वनाम का गुण, दोष आदि को बतलाए, वे गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं ।”

गुणवाचक विशेषण किसे कहते हैं? (Gunvachak Visheshan kise kahate hain)?

“जो शब्द किसी व्यक्ति या वस्तु के गुण, दोष, रंग, आकर, अवस्था, स्थिति, स्वभाव, दशा, दिशा, स्पर्श, गंध, स्वाद आदि का बोध कराता है, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं।” जैसे :- सुंदर, अच्छा, झूठा, कुरूप, पतला, छोटा, लंबा, पश्चिम, उत्तरी, कठोर, कोमल इत्यादि ।

Gunvachak visheshan ke udaharan: गुणवाचक विशेषण का उदाहरण

  • गुण बोधक:- सुंदर, अच्छा, भला, उत्तम, श्रेष्ठ, ईमानदार, शिष्ट, सभ्य, सच्चा, नेक, नम्र, सुशील, कर्मठ इत्यादि ।
  • अवस्था बोधक:- सुखा, गिला, जला हुआ, पिघला हुआ इत्यादि ।
  • स्पर्श बोधक:- कठोर, कोमल, मुलायम, मखमली, चिकना, खुरदरा इत्यादि ।
  • गंध बोधक:- बदबूदार, सुगंधित, खुशबूदार इत्यादि ।
  • स्वाद बोधक:- तीखा, कड़ुवा, चटपटा, नमकीन, कसैला, मीठा, खट्टा, मिठास इत्यादि ।
  • दशा बोधक:- गरीब, अमीर, स्वास्थ, बीमार, धनी, रोगी, अस्वस्थ, सुखी, दुखी इत्यादि ।
  • कल बोधक:- नया, पुराना, ताजा, प्राचीन, नवीन,क्षणिक, क्षणभंगुर इत्यादि ।

कुछ गुणवाचक विशेषण का उदाहरण (Gunvachak Visheshan ke Udaharan) निम्न वाक्यों में दिया गया है:-

  • सीता सुंदर है । (गुण – सुंदर)
  • राम का पिता और स्वस्थ हैं । (दशा – अस्वस्थ)
  • फल मीठा है । (गुण – मीठा)
  • मिट्टी गिला है । (अवस्था – गिला)
  • राम की बहन कुरूप है । (दोष – कुरुप)
  • मैं भारतीय हूँ । (स्थान बोधक – भारतीय)
  • मंदिर में बिहारी रहता है । (स्थान बोधक – बिहारी)

नोट (Note) :-

(i) गुणवाचक विशेषण में कुछ विशेषण खास विशेष्य के साथ प्रयुक्त होते हैं तथा उनके प्रयोग से वाक्य अत्यंत सुंदर और मजेदार हो जाते हैं। जैसे :- राम इस चिलचिलाती धूप में विद्यालय जाता है ।
इस मुहल्ले का बजबजाता नाला नगर निगम की पोल खोल रहा है ।
ससिता के बाल बलखाती नागिन जैसे हैं ।
अतः उक्त वाक्यों में चिलचिलाती – धूप के लिए, बजबजाता-नाले के लिए, और बलखाती – नागिन के लिए प्रयुक्त हुए हैं । इसे विशेषणों के “पदवाचक विशेषण” कहा जाता है ।

(ii)क्षेत्रीय भाषाओं में जहाँ के लोग कम पढ़े-लिखे होते हैं, वह कभी-कभी उक्त विशेषणों से भी जानदार विशेषण का प्रयोग करते देखे गए हैं। जैसे :-

  • मूर्ख के लिए – काला अक्षर ।
  • बहुत गहरे लाल के लिए – लाल टुह-टुह ।
  • बहुत घने तारों के लिए – तारा गज-गज ।
  • बहुत मोटे के लिए – मोटा थुल-थुल ।
  • बहुत मैला/गंदा – मैल कुच-कुच/खुट-खुट ।
  • बहुत अधिक तिक्त के लिए – नीम हर-हर ।

गुणवाचक विशेषण की तुलना:-

तुलनाबोधक विशेषण किसे कहते हैं? (Tulanabodhak Visheshan kise kahate hain)

“जिस विशेषणों के द्वारा दो या दो से अधिक विशेष्यों के गुण-अवगुण की तुलना की जाती है, उसे तुलनाबोधक विशेषण कहते हैं।”
जैसे :- राम श्याम से सुन्दर है ।
सीता गीता से कुरुप है ।
सोहन मोहन से अधिक काल है। आदि।

तुलना के आधार पर विशेषण के अवस्था या प्रकार

तुलना के आधार पर विशेषण की निम्नलिखित तीन प्रकार अवस्था हैं:-
(i) मूलावस्था विशेषण
(ii) उत्तरावस्था विशेषण
(iii) उत्तमावस्था विशेषण ।

(i)मूलावस्था विशेषण (Mulavastha Visheshan):- “इसके अंतर्गत विशेषणों का मूल रूप आता है। इस अवस्था में तुलना नहीं होती है, सामान्य विशेषताओं का उल्लेख मात्र होता है।” जैसे :- सीता सुंदर है। गीता कुरूप है आदि ।

(ii)उत्तरावस्था विशेषण (Uttravastha Visheshak):- “जब दो व्यक्ति या वस्तुओं के बीच अधिकता या न्यूनता की तुलना होती है, तब उस विशेषण को उत्तरावस्था कहते हैं।” जैसे :- सीता गीता से सुंदर है। गीता रीता से कुरूप है आदि।

(iii)उत्तमावस्था विशेषण (Uttamavastha Visheshan):- “वह विशेषण का सर्वोत्तम अवस्था जिसमें दो या दो से अधिक व्यक्तियों या वस्तुओं के बीच तुलना की जाती है और उनमें से एक को श्रेष्ठता या निम्नता दी जाती, उसे आत्मावस्था विशेषण कहते हैं।” जैसे :- मोहन सबसे लंबा है। पंकज सबसे गोरा है। गीता सबसे कुरूप है आदि ।

नोट (Note):- मूलावस्था में “तर और तम” लगाकर उसके उत्तरावस्था और उत्तमावस्था में परिवर्तन किया जाता है। जैसे कुछ निम्न लिखित हैं:-

मूलावस्थाउत्तरावस्थाउत्तमावस्था
सुंदरसुंदरतरसुंदरतम
निम्ननिम्नतरनिम्नतम
कठोरकठोरतरकठोरतम
योग्ययोग्यतरयोग्यतम
मृदुमृदुतरमृदूतम
निर्बलनिर्बलतरनिर्बलतम
गुरूगुरुतरगुरुतम इत्यादि | 

(4)सार्वनामिक विशेषण किसे कहते हैं? (Sarvnamik Visheshan kise kahate hain)

“वे सर्वनाम शब्द जो, विशेषण की तरह प्रयुक्त होते हैं, उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।” जैसे :- यह लड़का बहुत बुद्धिमान है। यह लड़की बुद्धिमती है। वे घोड़े मजबूत हैं। उस देवी को मैं आज भी याद करता हूं। इस देश में 29 राज्य हैं आदि।

अधिकतर पूछे गए प्रश्नोत्तर (FAQs)

(1) विशेषण की परिभाषा क्या है? (Vishashen ki paribhasha kya hain)

उत्तर:- “जो शब्द किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बतलाता है, उसे विशेषण कहते हैं।” जैसे:- अच्छा, सुंदर, मीठा, लंबा, चतुर, कुरूप, नाटा आदि ।

(2) संज्ञा और विशेषण में क्या संबंध है?

उत्तर:- संज्ञा और विशेषण में अटूट संबंध है। संज्ञा किसी व्यक्ति या वस्तु के नाम को बताते हैं, लेकिन विशेषण उस व्यक्ति या वस्तु का गुण, दोष, स्वभाव, धर्म, अवस्था आदि की विशेषता को बतलाते हैं। इससे वाक्य में व्यक्ति या वस्तु की महत्ता स्पष्ट होता है। जैसे:- सीता सुंदर है। (इस वाक्य में सीता एक संज्ञा है एवं सीता की विशेषता सुंदर हैं)

(3) संख्यावाचक विशेषण का उदाहरण?

उत्तर:- SankhyaVachak Visheshan Ke Udaharan:- पांच लड़कें, दो सौ छात्र, दस विद्यालय, पन्द्रह लड़कियाँ, बारह गांव आदि।

(4) परिमाणवाचक विशेषण एवं गुणवाचक विशेषण में क्या अंतर है?

उत्तर:- परिमाणवाचक विशेषण एवं गुणवाचक विशेषण में अंतर निम्नलिखित हैं:-

संख्यावाचक विशेषणपरिमाणवाचक विशेषण
(i) संख्यावाचक विशेषण में गणना/गिनती की बोध होती है।(i) परिमाणवाचक विशेषण में नापा, मापा या तौला जाने का बोध होता है।
(ii)संख्यावाचक विशेषण में संख्या के बाद कोई संज्ञा या सर्वनाम शब्द होता है।(ii) परिमाणवाचक विशेषण में संख्या के बाद नाप, माप, या तौल की इकाई होती है और उसके बाद पदार्थ (द्रव्यवाचक संज्ञा) होता है।

(5) विशेषण का विलोम शब्द क्या होता है?

उत्तर:- सामान्य ।

(6) विशेषण का पर्यायवाची शब्द क्या होता है?

उत्तर:- विशेषण का पर्यायवाची शब्द :- वर्णनात्मक शब्द, मजबूत मिलान होता है ।

(7) विशेषण के भेद? (Visheshan Ke Bhed)

उत्तर:- विशेषण के निम्नलिखित चार भेद होते हैं:-
(क) संख्यावाचक विशेषण
(ख) परिमाणवाचक विशेषण
(ग) गुणवाचक विशेषण
(घ) सार्वनामिक विशेषण ।

(8) परिमाणवाचक विशेषण का उदाहरण

उत्तर:- परिमाणवाचक विशेषण का उदाहरण:- थोड़ा चावल, बहुत दाल, दो लीटर दूध, पाँच लीटर पेट्रोल, तीन किलो चावल आदि।

(9) गुणवाचक विशेषण का उदाहरण

उत्तर:- गुणवाचक विशेषण का उदाहरण :- सफेद, काला, हरा, लाल, मटमैला, चितकबरा, पीला, नीला, बैंगनी, भूरा, गुलाबी, गौरा, तीखा, कड़ुवा, चटपटा, नमकीन, कसैला, मीठा, खट्टा, मिठास आदि ।

(10) सार्वनामिक विशेषण का उदाहरण

उत्तर:- सार्वनामिक विशेषण का उदाहरण:- यह लड़का, वह लड़की, वे शिक्षक, ये वस्तुएँ, मैं राम, हम लड़कें आदि।


बोर्ड परीक्षा में MCQ टाइप  पूछे गये  25 महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर:

1. विशेषण किसे कहते हैं?

a) जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताएँ
b) जो शब्द क्रिया का समय बताएँ
c) जो शब्द वाक्य को जोड़ें
d) जो शब्द भावनाएँ व्यक्त करें
उत्तर: a) जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताएँ

2. “सुंदर लड़की” में विशेषण कौन है?

a) लड़की
b) सुंदर
c) कोई नहीं
d) सुंदर लड़की
उत्तर: b) सुंदर

3. विशेषण के कितने मुख्य प्रकार हैं?

a) 2
b) 3
c) 4
d) 5
उत्तर: c) 4 (संख्यावाचक, परिमाणवाचक, गुणवाचक, सार्वनामिक)

4. “पाँच लड़के” में कौन-सा विशेषण है?

a) गुणवाचक
b) संख्यावाचक
c) परिमाणवाचक
d) सार्वनामिक
उत्तर: b) संख्यावाचक

5. “थोड़ा दूध” में विशेषण का प्रकार है:

a) निश्चित संख्यावाचक
b) अनिश्चित परिमाणवाचक
c) गुणवाचक
d) सार्वनामिक
उत्तर: b) अनिश्चित परिमाणवाचक

6. गुणवाचक विशेषण का उदाहरण है:

a) दस किलो
b) लाल फूल
c) यह किताब
d) कुछ लोग
उत्तर: b) लाल फूल

7. “वह मोटा है” में विशेष्य कौन है?

a) वह
b) मोटा
c) है
d) कोई नहीं
उत्तर: a) वह

8. प्रविशेषण किसे कहते हैं?

a) संज्ञा की विशेषता बताने वाला शब्द
b) विशेषण की विशेषता बताने वाला शब्द
c) क्रिया की विशेषता बताने वाला शब्द
d) सर्वनाम की विशेषता बताने वाला शब्द
उत्तर: b) विशेषण की विशेषता बताने वाला शब्द

9. “राम बहुत सुंदर है” में प्रविशेषण कौन है?

a) राम
b) सुंदर
c) बहुत
d) है
उत्तर: c) बहुत

10. “मीठा आम” में विशेषण का प्रकार है:

a) गुणवाचक
b) संख्यावाचक
c) परिमाणवाचक
d) सार्वनामिक
उत्तर: a) गुणवाचक

11. संख्यावाचक Visheshan का उपभेद नहीं है:

a) गणनावाचक
b) क्रमवाचक
c) स्वादवाचक
d) आवृत्तिवाचक
उत्तर: c) स्वादवाचक

12. “दूसरा घर” में विशेषण का प्रकार है:

a) क्रमवाचक
b) गणनावाचक
c) समुदायवाचक
d) अनिश्चित संख्यावाचक
उत्तर: a) क्रमवाचक

13. “तीन दर्जन केले” में विशेषण का प्रकार है:

a) समुदायवाचक
b) परिमाणवाचक
c) सार्वनामिक
d) गुणवाचक
उत्तर: a) समुदायवाचक

14. “सीता गीता से अधिक चतुर है” में तुलना की अवस्था है:

a) मूलावस्था
b) उत्तरावस्था
c) उत्तमावस्था
d) कोई नहीं
उत्तर: b) उत्तरावस्था

15. “सबसे बुद्धिमान” में विशेषण की अवस्था है:

a) मूलावस्था
b) उत्तरावस्था
c) उत्तमावस्था
d) साधारण अवस्था
उत्तर: c) उत्तमावस्था

16. “यह लड़का” में विशेषण का प्रकार है:

a) सार्वनामिक
b) गुणवाचक
c) परिमाणवाचक
d) संख्यावाचक
उत्तर: a) सार्वनामिक

17. विशेषण और विशेष्य का सही उदाहरण है:

a) नीला आसमान
b) तेज दौड़ना
c) धीरे बोलो
d) खुशी से
उत्तर: a) नीला आसमान (विशेषण: नीला, विशेष्य: आसमान)

18. “अति सुंदर” में प्रविशेषण है:

a) अति
b) सुंदर
c) दोनों
d) कोई नहीं
उत्तर: a) अति

19. परिमाणवाचक विशेषण का उदाहरण नहीं है:

a) दो लीटर दूध
b) थोड़ा पानी
c) पीला कपड़ा
d) पाँच किलो
उत्तर: c) पीला कपड़ा (गुणवाचक)

20. “मोहन महा प्रतिभाशाली है” में प्रविशेषण है:

a) महा
b) प्रतिभाशाली
c) मोहन
d) है
उत्तर: a) महा

21. गुणवाचक विशेषण की विशेषता नहीं है:

a) रंग बताना
b) संख्या बताना
c) स्वाद बताना
d) अवस्था बताना
उत्तर: b) संख्या बताना

22. “चारों लड़के” में विशेषण का प्रकार है:

a) संग्रहवाचक
b) क्रमवाचक
c) गणनावाचक
d) परिमाणवाचक
उत्तर: a) संग्रहवाचक

23. “लगभग पचास छात्र” में विशेषण है:

a) निश्चित संख्यावाचक
b) अनिश्चित संख्यावाचक
c) गुणवाचक
d) सार्वनामिक
उत्तर: b) अनिश्चित संख्यावाचक

24. “कठोर हृदय” में विशेषण का प्रकार है:

a) स्पर्शबोधक
b) स्वादबोधक
c) गंधबोधक
d) दशाबोधक
उत्तर: a) स्पर्शबोधक

25. “उत्तमावस्था” का उदाहरण है:

a) राम श्याम से लंबा है
b) सीता सबसे सुंदर है
c) यह फल मीठा है
d) वह थोड़ा खाता है
उत्तर: b) सीता सबसे सुंदर है

निष्कर्ष

आशा करता हूँ, कि उक्त लिखित पोस्ट में आपने Visheshan in Hindi, विशेष्य, प्रविशेषण की परिभाषा, उदाहरण, भेद, प्रभेद आदि को क्रमबद्ध एवं सुस्पष्ट समझे होंगे। Visheshan हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण भाग है, जो भाषा को स्पष्ट, प्रभावशाली और सुंदर बनाता है। यह न केवल वाक्यों को रोचक बनाता है, बल्कि हमारे विचारों को सटीकता से व्यक्त करने में भी मदद करता है। Visheshan के सही उपयोग से लेखन और संवाद में गहराई और आकर्षण आता है। इसे समझकर और अभ्यास में लाकर, आप अपनी भाषा को और अधिक प्रभावशाली और समृद्ध बना सकते हैं।

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