वर्ण विचार किसे कहते हैं ? स्वरूप, भेद, वर्णों का उच्चारण आदि || Varn Vichar

वर्ण विचार के परिभाषा, नियम, भेद, उच्चारण और उदाहरण आदि || Varn Vichar Kise Kahte Hain || Orthography

वर्ण विचार किसे कहते  हैं ( Varn vichar kise kahate hain ),वर्ण विचार के अन्तर्गत वर्ण क्या है, वर्ण विचार की परिभाषा (Varn Vichar ki paribhasha),वर्ण विचार की विशेषता, वर्ण के भेद, वर्ण के प्रकार, वर्ण का स्वरूप, वर्ण की संख्या आदि के विषय में इस लेख (Articles ) में साधारण भाषा में वर्णन किया गया हैं ।

Table of Contents

इस Article के अन्तर्गत हम वर्ण विचार की विस्तृत जानकारी देने का यथासंभव प्रयाश किया हूँ । हिन्दी व्याकरण (Hindi Grammar) का प्रथम भाग वर्ण विचार के अन्तर्गत वर्ण विचार (Varn Vichar ) का परिभाषा, वर्ण का परिभाषा, वर्ण के भेद, वर्ण का स्वरूप, वर्ण का प्रकार, वर्ण की संख्या, वर्ण की विशेषता आदि का वर्णन बिल्कुल सरल भाषा में  है ,जो साथ-साथ प्रत्येक प्रतियोगिता परीक्षा (General Compilation) के लिए उपयोगी होगा ।और यह Post  आपको वर्ण विचार को समझाने में पूरी तरह से मदद करेगी। यहाँ वर्ण विचार से संबंधित सभी टाॅपिक को छोटे-छोटे भागों में वर्गीकृत करके उदाहरण सहित समझाया गया है ।

 

वर्ण विचार किसे कहते हैं? (Varn vichar kise kahte hai) ?

“हिन्दी व्याकरण के जिस भाग में वर्णों के उच्चारण, आकार, भेद, बनावट आदि का वर्णन हो, उसे वर्ण विचार कहते हैं”।

ध्वनि (Sound)  – “ध्वनि” शब्दों की आधारशिला है, जिसके बिना शब्द की कल्पना नहीं की जा सकती। अ, आ, इ, ई, आदि जब मनुष्य की वागिंद्रिय द्वारा व्यक्त होते हैं, तब ये ध्वनियाँ कहलाती है ।वर्ण किसे कहते है -ध्वनि के लिखित स्वरूप को वर्ण कहते है । वर्ण को “ध्वनि-चिन्ह” भी कहते हैं।

अंग्रेजी के Inch और हिंदी के ‘इंच’ में ध्वनिगत भेद नहीं है, क्योंकि दोनों भाषाओं में एक ही तरह की ध्वनियाँ हैं। लेकिन, लिखने में दोनों की ध्वनियों के चिन्ह एक-दूसरे से भिन्न हैं। इस प्रकार हम देखते हैं कि इनमें ध्वनि -भेद तो नहीं, पर वर्ण-भेद अवश्य है । ध्वनि बोलने और सुनने में आता है, लेकिन वर्ण लिखने, पढ़ने और देखने में आता है। अतएव, लघुत्तम वाग्-ध्वनि को ‘वर्ण’ कहते हैं ।

  • अक्षर- अ + क्षर
  • अ – नहीं ।
  • क्षर – नाश ।


अक्षर
किसे कहते हैं ? (Akshar Kise Kahate Hain) ?

“जिसका “क्षर” अर्थात् नाश  नहीं होता है, उसे अक्षर कहते हैं “।
जैसे :- अ, क, इ, ग, ख, च, छ, झ, ट, ठ, ड, त, थ, ध, न, प, फ, भ आदि ।

 

वर्ण किसे कहते हैं ?(Varn Kise Kahate Hain)

“जिस मूल-ध्वनि का खंड या टुकड़ा नहीं किया जा सके, उसे वर्ण कहते हैं” ।
जैसे – अ, आ, इ, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, क्, ख्, घ्,च्, छ्, ज्, ट्, ड्, ढ्, त्, थ्, न्, प्, फ्, य्, र्, ल्, व् आदि ।

 

वर्ण किसे कहते हैं | Vern | वर्ण
Vern | वर्ण

 

नोट (Note)- “खा लो” इस वाक्य में मुख्यतः दो शब्द या ध्वनियां सुनाई पड़ती है – ‘खा’ और ‘लो’ ।
खा, इसमे (एक शब्द या ध्वनि) = लेकिन, ख् + आ इसमें (दो मूल ध्वनियाँ या वर्ण) है ।

लो, इसमे (एक शब्द या ध्वनि) = लेकिन, ल् + ओ इसमें (दो मूल ध्वनियाँ या वर्ण) है ।
अतः इससे स्पष्ट होता है, कि ‘खा लो’ में चार मूल ध्वनियां या चार वर्ण है क्योंकि – (ख्, आ) तथा (ल् ओ) के और चार टुकड़े या खंड नहीं हो सकते । इसलिए इन्हें वर्ण या मूल ध्वनि कहते हैं ।

 

वर्ण की विशेषताएं (Varn ki Visheshtae):-

1.वर्ण को “ध्वनि – चिन्ह” भी कहा जाता है ।
2.वर्ण भाषा को लिखने के “चिन्ह” है ।
3.वर्ण भाषा की सबसे “छोटी इकाई” है ।
4.वर्ण के उच्चरित या अमूर्त रूप को ही “ध्वनि” कहते हैं ।

जैसे – क, च, ट, प, ख, छ, म, आदि ।
5.वर्ण को ही “लिपि चिन्ह” भी कहते हैं ।
6.वर्ण सार्थक इकाई नहीं है ।
7. वर्ण भाषा की सबसे छोटी और “अविभाज्य” इकाई है ।

  • वर्णमाला = वर्ण + माला ।
  • वर्ण का अर्थ- वर्ण
  • माला का अर्थ- क्रमबद्ध एवं व्यवस्थित

 

वर्णमाला किसे कहते हैं ( Varnmala Kise Kahte Hain ) ?

“वर्णों के क्रमबद्ध एवं व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं “।

  • क्रमबद्ध का अर्थ – जो वर्ण इसके पहले या बाद आता है, उसे उसके पहले या बाद ही आना चाहिए ।
  • व्यवस्थित का अर्थ – वर्णमाला में जो वर्ण जिस व्यवस्था में आता है, उसे इस व्यवस्था में आना चाहिए ।
  • वर्णमाला का जनक कौन है ? – महर्षि पाणिनि ।

 

आधुनिक हिंदी वर्णमाला (Hindi Varnmala) में कितने वर्ण हैं ?

“आधुनिक हिंदी वर्णमाला ( Hindi Varnmala ) में निम्नांकित 52 (बावन) वर्ण हैं ” ।

स्वर वर्ण की कुल संख्या 11 (ग्यारह) हैं – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ ।
अयोगवाह की कुल संख्या 02 (दो) हैं – अं, अः ।
मूल व्यंजन वर्ण की कुल संख्या 33 (तैंतीस) हैं ,जो निम्नलिखित हैं-
क, ख, ग, घ, ङ
च, छ, ज, झ, ञ
ट, ठ, ड, ढ, ण
त, थ, द, ध, न
प, फ, ब, भ, म
य, र, ल, व, श, ष, स तथा ह ।

संयुक्त व्यंजन वर्ण की कुल संख्या 04 (चार) हैं – क्ष, त्र, ज्ञ, श्र ।

वर्ण के कितने भेद हैं (Varn ke kitne bhed hai) ?

 

वर्ण विचार के कितने भेद हैं | Vern Vichar Ke Bhed
वर्ण विचार के कितने भेद हैं | Vern Vichar Ke Bhed

 

वर्ण के निम्नांकित 02 (दो) भेद हैं:-

(क) स्वर वर्ण
(ख) व्यंजन वर्ण ।

स्वर – सुत्र :- स्वसं राजन्ते इति स्वराः
अर्थात् जो स्वयं से शासित होते हैं, उन्हें स्वर कहते हैं ।

 

स्वर वर्ण किसे कहते हैं (Swar Varn Kise Kahte Hain) ?

“जिस वर्ण के उच्चारण में अन्य वर्णों की सहायता नहीं ली जाती है, उसे स्वर वर्ण (Swar varn) कहते हैं” ।
जैसे – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ तथा औ ।

स्वर वर्ण की कुल संख्या कितनी है ?
स्वर वर्ण की कुल संख्या 11 (ग्यारह) है ,जो निम्नांकित है :-
[अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ तथा औ ]

नोट(Note) –
1.अयोगवाह सहित स्वर वर्ण की कुल संख्या कितनी हैं ?
अयोगवाह सहित स्वर वर्ण की कुल संख्या13 (तेरह) हैं, जो निम्नांकित है :-
[अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः ।]

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स्वर वर्ण की मात्राएँ कितनी है ?
-10 दस है  ।

2. कुछ वैयाकरण ‘’ को स्वर नहीं मानते हैं। उनका तर्क है, कि इनका उच्चारण प्रायः ‘रि’ जैसा होता है, लेकिन मात्रा की दृष्टि से ‘ऋ’ स्वर है ।
जैसे – ऋषभ, ऋषि, ऋण, ऋतु आदि । ( ‘रि’—व्यंजन ध्वनि )
कृषक, कृषि, पितृण, पृष्ठ आदि । (‘ऋ’ की मात्रा –स्वर की मात्रा) है ।

3. अं और अः — हिन्दी वर्णमाला में ‘अं’ और ‘अः’ को स्वरों के साथ लिखने की परंपरा है, लेकिन ‘अं’ (अनुस्वार) और ‘अः’ (विसर्ग) स्वर नहीं हैं ।इन्हें “अयोगवाह” कहा जाता है ।

4. — इसे ‘अर्द्धचन्द्र’ भी कहते हैं ।इसका उच्चारण स्वर की तरह होता है, लेकिन यह अंग्रेजी की स्वर ध्वनि है । इसे गृहित / आगत स्वर ध्वनि कहते हैं। इसका प्रयोग प्रायः अंग्रेजी के शब्दों में होता है ।
जैसे- ऑफिस, ऑफसेट, ऑस्कर आदि ।

 

स्वर वर्ण को कितने आधार पर विभेदित किए जाते हैं ?

“स्वर वर्ण को निम्नांकित आधार पर विभेदित किए जाते हैं “–
1. व्युत्पत्ति या बनावट या निर्माण के आधार पर
2. मात्रा के आधार पर
3. जिह्वा के उच्चारण स्थिति के आधार पर
4. होठों की आकृति के आधार पर
5. मुख के खुलने के आधार पर
6. जाति के आधार पर  ।

 

1.उत्पत्ति या बनावट के आधार पर स्वर वर्ण के कितने भेद हैं ?

“उत्पत्ति या बनावट के आधार पर स्वर वर्ण के निम्नांकित तीन (03) भेद हैं ” –
(क) मूल स्वर
(ख) दीर्घ स्वर
(ग) संयुक्त स्वर ।

(क) मूल स्वर किसे कहते हैं (Mul swar kise kahte hai) ?
“वे स्वर जो सबसे पहले बने तथा अन्य स्वर जिनसे मिलकर बनते हैं या जो अन्य स्वरों के आधार हैं, उसे मूल स्वर (Mul Swar) कहते हैं “।
जैसे- अ, इ, उ, ऋ ये मूल स्वर हैं।

मूल स्वर के गुण –
(i)यह स्वर सबसे पहले बनते हैं ।
(ii)अन्य स्वर इन्हीं स्वरों से मिलकर बनते हैं ।

(ख) दीर्घ स्वर किसे कहते हैं (Dirgh Swar kise kahte hai) ?
“जब दो मूल स्वर आपस में मिलते हैं , तो उन्हें दीर्घ स्वर (Dirgh Swar) कहते हैं “।
जैसे- अ + अ = आ, इ + इ = ई, उ + उ = ऊ, ऋ + ऋ =ऋ ये दीर्घ स्वर हैं ।

(ग) संयुक्त स्वर किसे कहते हैं (Sanyukt swar kise kahte hai) ?
“जब दो स्वर आपस में जुड़कर (मिलकर) एक तीसरा स्वर बनाते हैं, तो उसे संयुक्त स्वर (Sanyukt Swar) कहते हैं “।

जैसे- अ/आ + इ/ई = ए
अ/आ + ए/ऐ = ऐ
अ/आ + उ/ऊ = ओ
अ/आ + ओ/और =औ ।

 

2. मात्रा (उच्चारण में लगने वाले समय) के आधार पर स्वर वर्ण के कितने भेद हैं ?

” मात्रा के आधार पर स्वर वर्ण के निम्नांकित तीन भेद हैं “–
(क) ह्रस्व स्वर
(ख) दीर्घ स्वर
(ग) प्लूत स्वर ।

(क) ह्रस्व स्वर किसे कहते हैं (Hrasw Swar kise kahte hai) ?
” जिस स्वर वर्ण के उच्चारण में “एक मात्रा” का समय लगता है , उसे ह्रस्व स्वर (Hrashv Swar) कहते हैं “।
जैसे – अ, इ, उ, ऋ, लृ ।
नोट (Note) “लृ” का दीर्घ रूप नहीं होता है।

(ख) दीर्घ स्वर किसे कहते हैं (Dirgh swar kise kahte hai) ?
“जिस स्वर वर्ण के उच्चारण में “दो मात्रा” का समय लगता है , उसे दीर्घ स्वर (Dirgh Swar) कहते हैं “।
जैसे – आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, ऋ ।
नोट (Note) – ए, ऐ, ओ तथा औ का ह्रस्व रूप नहीं होता है ।

(ग) प्लूत स्वर किसे कहते है (Palut swar kise kahte hai) ?
” जिस स्वर वर्ण के उच्चारण में “तीन मात्रा” का समय लगता है , उसे प्लूत स्वर (Plut Swar) कहते हैं “।
जैसे – ओउम् ।

नोट – (i) हिंदी में “ओउम्” एकमात्र प्लूत स्वर का उदाहरण है।
(ii) प्लूत स्वर के बाद ‘उ’ लगा होता है।
(iii) आउ, ईउ, ऊउ, ———– प्लूत स्वर है ।
(iv)सभी दीर्घ स्वर ही प्लूत हो सकते है।
जैसे- आउ, ईउ, ऊउ, ॠउ, एउ, ऐउ, ओउ, औउ ।
(v) प्लूत स्वरों की संख्या 8 (आठ) होते हैं।

 

3. जिह्वा की उच्चारण स्थिति के आधार पर स्वर वर्ण के कितने भेद हैं ?

“जिह्वा की उच्चारण स्थिति के आधार पर स्वर वर्ण के निम्नांकित 03 (तीन) भेद हैं ” :-
(क) अग्र स्वर
(ख) मध्य स्वर
(ग) पश्च स्वर ।

(क) अग्र स्वर किसे कहते हैं ?
“जिस स्वर वर्ण का उच्चारण जीभ के अग्र (आगे वाले) भाग से होता है, उसे अग्र स्वर (Agra Swar) कहते हैं “।
जैसे- इ, ई, ए, ऐ ।

(ख) मध्य स्वर किसे कहते हैं ?
“जिस स्वर वर्ण का उच्चारण जीभ के मध्य (बीच वाले) भाग से होता है, उसे मध्य स्वर (Madhya Swar) कहते हैं “।
जैसे – अ ।

(ग) पश्च स्वर किसे कहते हैं ?
“जिस स्वर वर्ण का उच्चारण जीभ के पीछे वाले भाग से होता है, उसे पश्च स्वर (Pashya Swar) कहते हैं “।
जैसे – आ, उ, ऊ, ओ, औ ।

  • अग्र, मध्य और पश्च स्वर याद रखने का सुत्र :- आओ उल्लू पीछे-पीछे अ को छोड़ो बीचे-बीचे ।
  • आओ उल्लू पीछे-पीछे का मतलब- आ, उ, ऊ, ओ, औ पश्च स्वर है ।
  • अ को छोड़ो बीचे-बीचे का मतलब – “अ” मध्य स्वर है ।
  • बाकी -इ, ई, ए, ऐ अग्र स्वर है ।

 

4. होठों के आकृति के आधार पर स्वर वर्ण के कितने भेद हैं ?

” होठों के आकृति के आधार पर स्वर वर्ण के निम्नांकित दो भेद हैं  ” :-
(क) वृतमुखी स्वर
(ख) अवृतमुखी स्वर ।

(क) वृतमुखी स्वर किसे कहते है ?
” जिस स्वर वर्ण के उच्चारण में होठ गोल होते हैं, उसे वृत्तमुखी स्वर (Vritmukhi swar) कहते हैं “।
जैसे – उ, ऊ, ओ, औ ।

(ख) अवृतमुखी स्वर किसे कहते है ?
“जिस स्वर वर्ण के उच्चारण में होठ गोल नहीं होते हैं, उसे अवृतमुखी स्वर (Avritmukhi Swar) कहते हैं “।
जैसे – अ, आ, इ, ई, ऋ, ए, ऐ ।

 

5. मुख विवर यानी खुलने के आधार पर स्वर वर्ण के कितने भेद हैं ?

“मुख विवर यानी खुलने के आधार पर स्वर वर्ण के निम्नांकित चार भेद हैं” –
(क) विवृत स्वर
(ख) संवृत स्वर
(ग) अर्द्धविवृत स्वर
(घ) अर्द्धसंवृत स्वर ।

(क) विवृत स्वर किसे कहते हैं ?
” जिस स्वर वर्ण के उच्चारण में मुख बड़ा या अधिक खुलता है, उसे विवृत स्वर (Vivrit swar) कहते हैं “।
जैसे – आ ।

(ख) संवृत स्वर किसे कहते हैं ?
“जिस स्वर वर्ण के उच्चारण में मुख सबसे कम या छोटा खुलता है, उसे संवृत स्वर (samvrit Swar) कहते हैं “।
जैसे – इ, ई, उ, ऊ ।

(ग) अर्द्धविवृत स्वर किसे कहते हैं ?
“जिस स्वर वर्ण के उच्चारण में मुख्य आधा खुलता है, उसे अर्द्धविवृत स्वर (Ardhvrit Swar) कहते हैं “।
जैसे – ऐ, औ ।

(घ) अर्द्धसंवृत स्वर किसे कहते हैं ?
“जिस स्वर वर्ण के उच्चारण में मुख आधा बंद रहता है, उसे अर्द्धसंवृत स्वर (Ardhsamvrit swar) कहते हैं “।
जैसे – ए, ओ ।

 

6. जाति के आधार पर स्वर वर्ण के कितने भेद है ?

” जाति के आधार पर स्वर वर्ण के निम्नांकित दो भेद हैं ” –
(क) सजातीय स्वर
(ख) विजातीय स्वर ।

(क) सजातीय स्वर किसे कहते हैं ?
” जिस जोड़े स्वर वर्ण का उच्चारण लगभग एक ही ढंग से होता है, उसे सजातीय स्वर (Sajatiy Swar) कहते हैं ।
जैसे – अ-आ, इ-ई, उ-ऊ, ए-ऐ, ओ-औ ।

(ख) विजातीय स्वर किसे कहते हैं ?
” जिस जोड़े स्वर वर्ण का उच्चारण एक ही ढंग से नहीं होता है, उसे विजातीय स्वर (Vijatiy Swar) कहते हैं ।
जैसे- अ-इ,   आ-ई,    इ-उ,     ई-ऊ आदि ।

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