वृद्धि संधि किसे कहते हैं ? (Vridhi Sandhi Kise Kahate Hain)
मेरे मित्रों एवं पाठकों आपलोगों को इस लेख (Article) में वृद्धि संधि (Vridhi Sandhi) , वृद्धि संधि के 20 से अधिक उदाहरण (Vridhi Sandhi Ke Udaharan) को साधारण भाषा में समझानें का प्रयास किया गया है ।मुझे आशा है, आपलोग इस post को kamlaclasses.com के माध्यम से समझ पाएँगे ।
वृद्धि स्वर संधि (Vridhi Sandhi):-
“यदि ‘अ‘ या ‘आ‘ के बाद ‘ए‘ या ‘ऐ‘ रहें तो “ऐ“ और ‘ओ‘ या ‘औ‘ रहें तो “औ“ बन जाता हैं “।
जैसे :- अद्य + एव = अद्यैव
अ + ए = ऐ ।
एक + एक = एकैक
अ + ए = ऐ ।
गंगा + ओघ = जलौघ
आ + ओ = औ ।
गंगा + ऐश्वर्य = गंगैश्वर्य
आ + ऐ = ऐ ।
गृह + औत्सुक्य = गृहौत्सुक्य
अ + औ = औ
जल + ओघ = जलौघ
अ + ओ = औ
टिक + ऐत = टिकैत
अ + ऐ = ऐ
तथा + एव = तथैव
आ + ए = ऐ आदि ।
वृद्धि संधि के दो नियम देखे जाते हैं (Vridhi Sandhi Ka Do Niyam):-
(i) अ/आ + ए/ऐ = ऐ ।
जैसे :- अ + ए = ऐ = एक + एक = एकैक ।
(जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं, कि ‘अ’ एवं ‘ए’ ये दोनों स्वर शब्दों में है। जब शब्दों की संधि की जाती है तो इन ही दोनों स्वरों के कारण शब्दों में परिवर्तन आता है। जब संधि होती है, तो ‘अ’ एवं ‘ए’ मिलकर “ऐ” बनाते हैं। अतः ‘एक’ एवं ‘एक’ से मिलकर “एकैक” बनता है। अतः “एकैक” वृद्धि संधि है ।)
अ + ऐ = ऐ = टिक + ऐत = टिकैत ।
(जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं, कि ‘अ’ एवं ‘ऐ’ ये दोनों स्वर शब्दों में है। जब शब्दों की संधि की जाती है तो इन ही दोनों स्वरों के कारण शब्दों में परिवर्तन आता है। जब संधि होती है तो ‘अ’ एवं ‘ऐ’ मिलकर “ऐ” बनाते हैं। अतः ‘टिक’ एवं ‘ऐत’ से मिलकर “टिकैत” बनता है। अतः “टिकैत” वृद्धि संधि है ।)
आ + ए = ऐ = तथा + एव = तथैव ।
(जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं, कि ‘आ’ एवं ‘ऐ’ ये दोनों स्वर शब्दों में है। जब शब्दों की संधि की जाती है ,तो इन ही दोनों स्वरों के कारण शब्दों में परिवर्तन आता है। जब संधि होती है ,तो ‘आ’ एवं ‘ऐ’ मिलकर “ऐ” बनाते हैं। अतः ‘तथा’ एवं ‘एव’ से मिलकर “तथैव” बनता है। अतः “तथैव” वृद्धि संधि है ।)
आ + ऐ = ऐ = गंगा + ऐश्वर्य = गंगेश्वर्य ।
(जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं, कि ‘आ’ एवं ‘ऐ’ ये दोनों स्वर शब्दों में है। जब शब्दों की संधि की जाती है, तो इन ही दोनों स्वरों के कारण शब्दों में परिवर्तन आता है। जब संधि होती है, तो ‘आ’ एवं ‘ऐ’ मिलकर “ऐ” बनाते हैं। अतः ‘गंगा’ एवं ‘ऐश्वर्य’ से मिलकर “गंगेश्वर्य” बनता है। अतः “गंगेश्वर्य ” वृद्धि संधि है ।) आदि ।
(ii) अ/आ + ओ/औ = औ ।
जैसे :- अ + ओ = औ = जल + ओघ = जलौघ ।
(जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं, कि ‘अ’ एवं ‘ओ’ ये दोनों स्वर शब्दों में है। जब शब्दों की संधि की जाती है, तो इन ही दोनों स्वरों के कारण शब्दों में परिवर्तन आता है। जब संधि होती है, तो ‘अ’ एवं ‘ओ’ मिलकर “औ” बनाते हैं। अतः ‘जल’ एवं ‘ओघ’ से मिलकर “जलौघ” बनता है। अतः “जलौघ” वृद्धि संधि है ।)
अ + औ = औ = परम + औदार्य = परमौदार्य ।
(जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं, कि ‘अ’ एवं ‘औ’ ये दोनों स्वर शब्दों में है। जब शब्दों की संधि की जाती है, तो इन ही दोनों स्वरों के कारण शब्दों में परिवर्तन आता है। जब संधि होती है, तो ‘अ’ एवं ‘औ‘ मिलकर “औ” बनाते हैं। अतः ‘परम’ एवं ‘औदार्य’ से मिलकर “परमौदार्य” बनता है। अतः “परमौदार्य” वृद्धि संधि है ।)
आ + ओ = औ = महा + ओषधि = महौषधि।
(जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं, कि ‘आ’ एवं ‘ओ’ ये दोनों स्वर शब्दों में है। जब शब्दों की संधि की जाती है, तो इन ही दोनों स्वरों के कारण शब्दों में परिवर्तन आता है। जब संधि होती है, तो ‘आ’ एवं ‘ओ’ मिलकर “औ” बनाते हैं। अतः ‘महा’ एवं ‘ओषधि’ से मिलकर “महौषधि” बनता है। अतः “महौषधि” वृद्धि संधि है ।)
आ + औ = औ = महा + औषध = महौषध ।
(जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं, कि ‘आ’ एवं ‘औ’ ये दोनों स्वर शब्दों में है। जब शब्दों की संधि की जाती है, तो इन ही दोनों स्वरों के कारण शब्दों में परिवर्तन आता है। जब संधि होती है, तो ‘आ’ एवं ‘औ’ मिलकर “औ” बनाते हैं। अतः ‘महा’ एवं ‘औषध’ से मिलकर “महौषध” बनता है। अतः “महौषध” वृद्धि संधि है ।) आदि । निचे वृद्धि के 20 उदाहरण दिये गए हैं
वृद्धि संधि का उदाहरण (Vridhi Sandhi Ka Udaharan):-
संधिपद – संधि-विच्छेद
1. अद्यैव = अद्य + एव ।
2. एकैक = एक + एक ।
3. गंगौघ = गंगा + ओघ ।
4. गंगेश्वर्य = गंगा + ऐश्वर्य ।
5. गृहौत्सुक्य = गृह + औत्सुक्य ।
6. जलौघ = जल + ओघ ।
7. टिकैत = टिक + ऐत ।
8. तथैव = तथा + एव ।
9. परमौषध = परम + औषध ।
10. परमौषधि = परम + ओषधि ।
11. परमौदार्य = परम + औदार्य ।
12. परमौजस्वी = परम + ओजस्वी ।
13. बिम्बौष्ठ = बिम्ब + ओष्ठ ।
14. मतैक्य = मत + ऐक्य ।
15. महैश्वर्य = महा + ऐश्वर्य ।
16. महौज = महा + ओज ।
17. महौषध = महा + औषध ।
18. वध्वैश्वर्य = वधू + ऐश्वर्य ।
19. वसुधैव = वसुधा + एव ।
20. वनौषधि = वन + औषधि ।
21. सदैव = सदा + एव ।
22. हितैषी = हित + ऐषी ।
आशा करते हैं कि आपको इस ब्लॉग से वृद्धि संधि (Vridhi Sandhi), वृद्धि संधि के 20 से अधिक उदाहरण मिले होंगे । वृद्धि संधि के उदाहरण (Vridhi Sandhi Ke Udaharan) तथा हिंदी व्याकरण से जुड़े हुए अन्य लेख पढ़ने के लिए हमारे YouTube Channel को सब्सक्राइब करें और kamla classes के Facebook एवं Instagram के पेज को भी Follow करें, समय पर सभी नए लेख के Notification पाने के लिए ।
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