संधि किसे कहते हैं? Sandhi Kise Kahate Hain संधि का उदाहरण, शाब्दिक अर्थ एवं परिचय, भेद, उपभेद एवं स्वर संधि का अन्य उदाहरण|
मेरे प्यारे साथियों एवं पाठकों इस पोस्ट (Post) के अंतर्गत हम सभी,जानेंगे संधि किसे कहते हैं ? (Sandhi Kise Kahate Hain)
संधि के शाब्दिक अर्थ एवं परिचय, संधि के सभी भेद एवं उपभेद को उदाहरण (Sandhi ke Udaharan) सहित समझने का प्रयास करते हैं ।
संधि किसे कहते हैं ? Sandhi Kise Kahate Hain
“दो वर्णों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) या ध्वनि उत्पन्न होता है, उसे संधि कहते है।”
जैसे – हिम + आलय = हिमालय
अ + आ = आ
एक + एक = एकैक
अ + ए = ऐ
* नोट (Note) – जब दो वर्णों का मिलन अत्यन्त निकटता ( नजदीकता) के कारण होता है तब उनमें कोई- न- कोई परिवर्तन (बदलाव) होता है और वही परिवर्तन संधि के नाम से जाना जाता है ।
जैसे -हिम + आलय = हिमालय ।
अ + आ (यहाँ “अ” एवं “आ” अत्यंत निकट है ।)
आ (“अ” एवं “आ” के मिलने से विकार हुआ है ।)
हिम् ( “म्” से अ निकालने पर )
“आलय” से “आ” निकालने पर “लय” बना ।
हिम् + ( अ + आ ) + लय
हिम् आ लय ( “म्” के साथ आ का संयोग (मेल) होने पर “हिमा” बना । अतः अब हिमा और लय दोनो को मिला देने पर “हिमालय” बना ।
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संधि किसे कहते हैं ? (Sandhi Kise Kahate Hain) ये हमने ऊपर परिभाषा के साथ – साथ उदाहरण के द्वारा समझने का प्रयास किया हैं आगे हम संधि के शाब्दिक अर्थ एवं उनके सभी भेद एवं उपभेद को समझते है ।
संधि का शाब्दिक परिचय
- संधि का शाब्दिक अर्थ क्या होता है ?
– संधि का शाब्दिक अर्थ “मेल या समझौता” होता है । - संधि कौन – सी शब्द है ?
– तत्सम । - संधि का लिंग क्या है ?
– स्त्रीलिंग । - संधि का विलोम क्या होता है ?
– विच्छेद । - संधि का वर्ण- विच्छेद क्या होता है ?
सम् + धा + कि । - संधि का पर्यायवाची शब्द क्या – क्या होता है ?
मेल, समझौता, संयोग, सामाधान, मिलान, जोड़, गाँठ आदि ।
संधि-विच्छेद किसे कहते है ? (Sandhi vichchhed)
“वर्णों को अलग करते हुए पदों को अलग – अलग कर देना ही संधि-विच्छेद (Sandhi Vichchhed) है ।”
जैसे – विद्या + आलय = विद्यालय । यहाँ विद्यालय शब्द का संधि-विच्छेद “विद्या + आलय” हुआ है, एवं प्रथम पद से आ तथा दूसरी पद से “आ” अलग हुआ है ।
संधि कितने प्रकार के होते हैं ?
संधि निम्नांकित तीन प्रकार के होते हैं :-
(1) स्वर संधि |
(2) व्यंजन संधि |
(3) विसर्ग संधि ।
संधि किसे कहते हैं ? (Sandhi Kise Kahate Hain) ये हमने ऊपर के परिभाषा के साथ – साथ उदाहरण के द्वारा समझने का प्रयास किया हैं आगे हम स्वर संधि के परिभाषा एवं उनके सभी भेद एवं उपभेद को समझते हैं।
(1) स्वर संधि किसे कहते हैं (Swar Sandhi Kise Kahate Hain )?
“स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से जो विकार या ध्वनि उत्पन्न होता है, उसे स्वर संधि कहते हैं “।
जैसे- राम + अयन = रामायण ।
अ + अ = आ
विद्या + अर्थो = विद्यार्थी । इत्यादि ।
आ + अ = आ
लिपि किसे कहते हैं? लिपि की परिभाषा, प्रकार, भेद, उदाहरण |
स्वर संधि की पहचान:- सर्वप्रथम कोई संधि लें जैसे कि – “विद्यालय” फिर “विद्यालय” का संधि-विच्छेद (विद्या + आलय) करें । फिर खंडित भाग के प्रथम पद का अंतिम उच्चारण (जैसे – विद्या का अंतिम उच्चारण “आ”) एवं दूसरी पद का प्रथम उच्चारण (जैसे – आलय का प्रथम उच्चारण “आ”) स्वर वर्ण हो,तो वह संधि स्वर संधि होगा ।
जैसे- राम + अयन = रामायण
अ + अ = आ
विद्या + अर्थो = विद्यार्थी इत्यादि ।
आ + अ = आ
संधि किसे कहते हैं ? (Sandhi Kise Kahate Hain) में आगे का पोस्ट निम्नलिखित हैं-
स्वर संधि के कितने भेद है ?(Swar Sandhi Ke Bhed)
स्वर संधि के कितने भेद हैं ?(Swar Sandhi ke bhed )
स्वर संधि का निम्नांकित पाँच (05) भेद हैं :-
(i) दीर्घ स्वर संधि |
(ii) गुण स्वर संधि |
(iii) वृद्धि स्वर संधि |
(iv) यण् स्वर संधि |
(v) अयादि स्वर संधि ।
(i) दीर्घ स्वर संधि किसे कहते है ? (Dirgh Swar Sandhi)
“दो सवर्ण (समान वर्ण) या सजातीय स्वर वर्ण (अ-आ,इ-ई,उ-ऊ,ऋ-ॠ) के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है ,उसे दीर्घ स्वर संधि कहते हैं “।
जैसे – अ+अ = आ = राम + अयन = रामायण ।
ऋ + ऋ = ॠ = पितृ + ऋण = पितृऋण आदि ।
अथवा,
“दो ह्रस्व स्वर या दो दीर्घ स्वर या एक ह्रस्व तथा एक दीर्घ स्वर के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है ,उसे दीर्घ स्वर संधि कहते हैं “।
नोट:-
(i) ह्रस्व स्वर+ ह्रस्व स्वर = दीर्घ स्वर ।
(ii) दीर्घ स्वर + दीर्घ स्वर = दीर्घ स्वर ।
(iii) ह्रस्व स्वर + दीर्घ स्वर = दीर्घ स्वर ।
दीर्घ संधि के चार नियम देखे जाते हैं (Dirgh Sandhi Ke Niyam ):-
(क) अ/आ + अ/आ = आ
जैसे – अ+अ = आ = राम + अयन = रामायण ।
अ+आ= आ = परम + आत्मा = परमात्मा ।
(ख) इ/ई +इ/ई = ई
जैसे :- इ+इ = ई = गिरि + इन्द्र = गिरीन्द्र ।
इ+ई = ई = गिरि + ईश = गिरीश ।
(ग) उ/ऊ + उ/ऊ = ऊ ।
जैसे :- उ + ऊ = ऊ = सिंधु + ऊर्मि = सिंधूर्मि ।
उ+उ = ऊ =भानु + उदय = भानूदय ।
(घ) ऋ + ऋ =ऋ । ( इसका प्रयोग केवल संस्कृत मे होता है ।)
जैसे :- ऋ + ऋ = ॠ = पितृ + ऋण = पितृऋण । आदि ।
(संधि किसे कहते हैं ? (Sandhi Kise Kahate Hain) में आगे का पोस्ट निम्नलिखित हैं )
(ii) गुण स्वर संधि (Gun Swar Sandhi or Gun Sandhi) :-
“यदि ‘अ’ या ‘आ’ के बाद ‘इ’ या ‘ई’ आए तो -“ए”, ‘उ’ या ‘ऊ’ आए तो- “ओ ” एवं ‘ऋ’ का – “अर् ” हो जाता हैं “।
(संधि किसे कहते हैं ? (Sandhi Kise Kahate Hain) में आगे का पोस्ट निम्नलिखित हैं)
गुण संधि के तीन नियम देखे जाते हैं (Gun Sandhi Ke Niyam):-
(क) अ/आ + इ/ई = ए
जैसे :- अ + इ = ए = देव + इन्द्र = देवेन्द्र ।
(ख) अ/आ + उ/ऊ = ओ
जैसे :- अ + उ = ओ = चन्द्र + उदय = चन्द्रोदय ।
(ग) अ/आ + ऋ = अर् ।
जैसे :- अ + ऋ = अर् = देव + ऋषि = देवर्षि ।
* नोट:- इस गुण संधि का अन्य उदाहरण छात्र स्वयं करें , ताकि गुण संधि को अच्छी तरह समझ सकें ।
(संधि किसे कहते हैं ? (Sandhi Kise Kahate Hain) ये हमने ऊपर जानें । अब हमलोग वृद्धि स्वर संधि और उनके नियम को जानते हैं ।)
(iii) वृद्धि स्वर संधि (Vridhi Swar Sandhi Or Vridhi Sandhi):
“यदि ‘अ’ या ‘आ’ के बाद ‘ए’ या ‘ऐ’ रहें तो “ऐ” और ‘ओ’ या ‘औ’ रहें तो “औ” बन जाता है “।
वृद्धि संधि के दो नियम देखे जाते हैं (Vridhi Sandhi Ke Niyam) :-
(i) अ/आ + ए/ऐ = ऐ ।
जैसे :- अ + ए = ऐ = एक + एक = एकैक ।
(ii) अ/आ + ओ/औ = औ ।
जैसे :- अ + ओ = औ = जल + ओघ = जलौघ ।
अ + औ = औ = परम + औदार्य = परमौदार्य आदि ।
* नोट:– इस वृद्धि संधि का अन्य उदाहरण छात्र स्वयं करें , ताकि वृद्धि संधि को अच्छी तरह समझ सकें ।
(iv) यण् स्वर संधि (Yan Swar Sandhi ):-
“यदि इ /ई , उ/ऊ और ‘ऋ’ के बाद कोई भिन्न स्वर आए तो ‘इ/ई’ का “य्” , ‘उ/ऊ’ का “व्” और ‘ऋ’ का “र्” हो जाता है “।
यण् संधि के तीन नियम देखे जाते हैं (Yan Sandhi Ke Niyam):-
(i) इ/ई + भिन्न स्वर = य्
जैसे :- इ+अ = य् = यदि + अपि = यद्यपि ।
ई+अ = य् = नदी + अगम = नद्यगम ।
(ii) उ/ऊ + भिन्न स्वर = व्
जैसे :- उ + अ = व् = अनु + अय = अन्वय ।
उ + आ = वा = सु + आगत = स्वागत ।
(iii) ऋ + भिन्न स्वर = रा
जैसे :- ऋ + आ = रा = पितृ + आदेश = पित्रादेश आदि ।
* नोट:- इस यण् संधि का अन्य उदाहरण छात्र स्वयं करें , ताकि यण् संधि को अच्छी तरह समझ सकें ।
(v) अयादि स्वर संधि (Ayadi Swar Sandhi):-
“यदि ए, ऐ, ओ और औ के बाद कोई भिन्न स्वर आए तो ‘ए‘ का “अय्” , ‘ऐ’ का “आय्” , ‘ओ’ का “अव्” एवं ‘औ’ का “आव्” हो जाता हैं “।
* नोट:- इस यण् संधि का अन्य उदाहरण छात्र स्वयं करें , ताकि यण् संधि को अच्छी तरह समझ सकें ।
अयादि संधि के ‘चार नियम‘ देखे जाते हैं (Ayadi Sandhi Ke Niyam):-
(i) ए + भिन्न स्वर = अय्
जैसे :- ए + अ = अय् = ने + अन = नयन ।
ए + अ = अय् = चे + अन = चयन । आदि ।
(ii) ऐ + भिन्न स्वर = आय्
जैसे :- ऐ +अ = आय् = गै + अक = गायक । आदि ।
(iii) ओ + भिन्न स्वर = अव् ।
जैसे :- ओ + अ = अव् = पो + अन = पवन ।
ओ + अ = अव् = भो + अन = भवन । आदि ।
(iv) औ + भिन्न स्वर = आव्
जैसे :- औ + अ = आव् = पौ + अक = पावक ।
औ + अ = आव् = धौ + अक = धावक आदि ।
* नोट:- इस अयादि संधि का अन्य उदाहरण छात्र स्वयं करें , ताकि अयादि संधि को अच्छी तरह समझ सकें ।
(2) व्यंजन संधि किसे कहते है ? (Vyanjan Sandhi kise Kahate Hain)
“दो व्यंजन वर्ण या एक स्वर और एक व्यंजन वर्ण के मेल से जो विकार या ध्वनि उत्पन्न होता है , उसे व्यंजन संधि कहते हैं ” |
जैसे :- सत् + जन = सज्जन
सत् + आनन्द = सदानन्द
अहम् + कार = अहंकार
सम् + मान = सम्मान आदि ।
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(3) विसर्ग संधि किसे कहते हैं ? (Visarg Sandhi kise kahate Hain)
“विसर्ग के बाद स्वर वर्ण या व्यंजन वर्ण के मेल से जो विकार या ध्वनि उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते है ।”
जैसे :- निः + मान = निर्माण
शि: + मल = निर्मल
निः + गुण = निर्गुण
निः + मल = निर्मल
निः + जल = निर्जल आदि ।
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अधिकत्तर पूछे जाने वाली प्रश्न (FAQs)
1. संधि किसे कहते हैं (Sandhi kise kahate Hain) ?
उत्तर:- दो वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है , उसे संधि कहते हैं ।
जैसे :- अ + अ = आ
राम + अयन = रामायण ।
अ + ए = ऐ
एक + एक = एकैक आदि ।
2. संधि का शाब्दिक अर्थ क्या होता है ?
उत्तर:- मेल या समझौता ।
3. संधि किन दो शब्द से मिलकर बना है ?
उत्तर:- संस्कृत के “सम् और धा” से मिलकर बना है ।
4. संधि के पर्यायवाची शब्द है –
उत्तर:- मेल , समझौता , मिलन ।
5. संधि के कितने भेद हैं ?
उत्तर:- संधि के निम्नांकित तीन भेद हैं :-
(क) स्वर संधि
(ख) व्यंजन संधि
(ग) विसर्ग संधि
6. जल + ऊर्मि = जलोर्मि कौन संधि है ?
उत्तर:- स्वर संधि ।
7. दो स्वर वर्णो के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है , उसे क्या कहते है ?
उत्तर:- स्वर संधि ।
8. स्वर संधि के कितने भेद हैं ?
उत्तर:- 05 ।
9. “अयादि संधि” किस संधि के प्रकार हैं ?
उत्तर:- स्वर संधि ।
10. “सम्मान” किस संधि के उदाहरण है ?
उत्तर:- व्यंजन संधि के ।
11. “निर्गंध” किस संधि के उदाहरण है ?
उत्तर:- विसर्ग संधि के ।
12. अति + अंत का संधि है –
उत्तर:- अत्यंत ।
13. “अ+ अ” के मेल से कौन – सा वर्ण बनेगा ?
उत्तर:- आ ।
14. “अ + आ” के मेल से कौन – सा वर्ण बनेगा ?
उत्तर:- आ ।
15. “ई + ई” के मेल से कौन – सा वर्ण बनेगा ?
उत्तर:- ई ।
16. “इ + इ” के मेल से कौन – सा वर्ण बनेगा ?
उत्तर:- ई ।
17. “इ + ई” के मेल से कौन – सा वर्ण बनेगा ?
उत्तर:- ई ।
18. “आ + उ” के मेल से कौन – सा वर्ण बनेगा ?
उत्तर:- ओ ।
19. “अ + ए” के मेल से कौन – सा वर्ण बनेगा ?
उत्तर:- ऐ ।
20. “अ + ऊ” के मेल से कौन – सा वर्ण बनेगा ?
उत्तर:- ओ ।
21. “अ + ओ” के मेल से कौन – सा वर्ण बनेगा ?
उत्तर:- औ ।
Conclusion :-
संधि किसे कहते हैं ? (Sandhi Kise Kahate Hain) -मेरे प्यारे साथियों एवं पाठकों इस पोस्ट (Post) के अंतर्गत हम सभी ने समझा ” संधि किसे कहते हैं? (Sandhi Kise kahate Hain)” संधि के शाब्दिक अर्थ एवं परिचय, संधि के सभी भेद एवं उपभेद को उदाहरण (Sandhi ke Udaharan) सहित जानने का प्रयास किये हैं । अब संधि किसे कहते हैं ? (Sandhi Kise kahate Hain) एवं संधि के शाब्दिक अर्थ एवं परिचय, संधि के सभी भेद एवं उपभेद को जानें हैं । संधि किसे कहते हैं ? (Sandhi Kise kahate Hain) , इसके के बारे में और अधिक विस्तृत रूप से जानने के लिए kamlaclasses.com के साथ जुड़े रहें |
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