लिपि किसे कहते हैं? लिपि की परिभाषा, प्रकार, भेद, उदाहरण | Lipi Kise Kahate Hain

लिपि किसे कहते हैं ? (Lipi Kise Kahate Hain), लिपि के परिभाषा, प्रकार, भेद और उदाहरण आदि | 

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  • लिपि (Lipi):

लिपि का अर्थ – “किसी भाषा के वर्ण या अक्षर लिखने की विशिष्ट प्रणाली या शैली “।

  • लिपि किसे कहते हैं (Lipi kise Kahate Hain)?

“भाषा के लिखित स्वरूप और ध्वनियों को जिस चिन्ह (संकेत) के द्वारा व्यक्त किया जाता है,उसे लिपि कहते हैं”।
जैसे:- देवनागरी, गुरुमुखी, बांग्ला तिरहूतिया, कन्नड़, तमिल इत्यादि ।

अन्य दृष्टिकोण से –

लिपि किसे कहते हैं

लिपि किसे कहते हैं ?(Lipi Kise Kahate Hain)

“भाषा की सभी ध्वनियों के लिए निर्धारित प्रतीक चिन्हों का ही सामूहिक नाम लिपि है”।

“लिपि” का शाब्दिक अर्थ क्या होता है ?
“लिपि” का शाब्दिक अर्थ लिखावट या लिखित अथवा चित्रित करना होता है ।

भाषा किसे कहते हैं?

 

  • लिपि की विशेषताएं

1.लिपि ध्वनियों के चिन्हों से बनती है ।

2.लिपि में कम अक्षर होने चाहिए ताकि भाषा को अभिव्यक्त करने में बिल्कुल सशक्त होने चाहिए ।

3.एक लिपि में सभी अक्षर समान ऊंचाई के होने चाहिए ।

4.आदर्श लिपि लेखन की दृष्टि से सरल होनी चाहिए प्रत्येक मौलिक उच्चारण के लिए विशिष्ट अक्षर अथवा लिपि चिन्ह होना चाहिए ।

5. लिपि में अक्षरों के नाम और उच्चारण समान तथा अभिन्न होने चाहिए ।जैसे – देवनागरी लिपि में क,ख,ग,घ आदि का नाम और उच्चारण समान है, इसके विपरीत रोमन में अक्षरों के नाम और उच्चारण में अंतर होता है ।

6. एक अक्षर एक ही ध्वनि का वाहक होना चाहिए । कभी-कभी ऐसे लिपि चिन्ह भी देखे जाते हैं,जिनके उच्चारण का उनसे प्रकट होने वाली ध्वनियों से कोई संबंध नहीं होता है ।
जैसे – रोमन का W “व” ध्वनि का वाहक है ।

7. एक आदर्श वर्णमाला में अक्षरों का क्रम सहज और उनके आकार के अनुसार होना चाहिए ।

 

  • विश्व की प्रमुख भाषा एवं लिपि की सूची

 

भाषालिपि
    हिंदीदेवनागरी
तेलुगूतेलुगू
तमिलतमिल
कन्नड़कन्नड़
मलयालममलयालम या मलय
कोंकणीदेवनागरी
गुजरातीगुजराती
मराठीदेवनागरी
पंजाबीगुरूमुखी
उड़ियाओड़िया
बंगालीबांग्ला
असमियाअसमिया
मणिपुरीमीतै
अंग्रेजीरोमन
उर्दूफारसी
नेपालीदेवनागरी
रूसीरूसी
जर्मनरोमन
फ्रेंचरोमन
स्पेनिशरोमन
संस्कृतदेवनागरी

 

  • लिपि का विकास क्रम

चित्र लिपि > मूल लिपि > प्रतीकात्मक लिपि > अक्षारात्मक लिपि > वर्णनात्मक लिपि ।

विश्व में सर्वप्रथम किस लिपि का विकास हुआ ?
विश्व में सर्वप्रथम “चित्र लिपि” का विकास हुआ ।

विश्व में सबसे अंत में किस लिपि का विकास हुआ ?
विश्व में सबसे अंत में “वर्णनात्मक लिपि” का विकास हुआ ।

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नोट(Note) देवनागरी एक अक्षारात्मक लिपि है,क्योंकि इसमें सभी व्यंजन स्वर के माध्यम से व्यक्त या उच्चरित होते हैं ।

देवनागरी लिपि का मूल लिपि क्या है ?
देवनागरी लिपि का मूल लिपि “ब्राह्मी लिपि” है । 

“देवनागरी लिपि” को अन्य किन-किन नामों से जाना जाता है ?
“देवनागरी लिपि” को ‘नागरी लिपि’ ,’नंदीनागरी लिपि’ जैसे अन्य नामों से जाना जाता है ।

“देवनागरी लिपि” का नामकरण कैसे हुआ ?
“देवनागरी लिपि” के नामकरण के संबंध में विद्वानों के बीच बड़ा मतभेद देखा जाता है। किसी एक विद्वान के मातानुसार गुजरात प्रांत के नागर ब्राह्मणों के द्वारा प्रयोग में लाए  जाने के कारण इस लिपि का नाम “नागरी लिपि” पड़ा । वही किसी दूसरे विद्वान के मतानुसार बाकी नगर सिर्फ नगर है जबकि काशी “देवनगर” है।

अतः यहां प्रयुक्त होने के कारण इस लिपि का नाम “देवनागरी” पड़ा ।इस प्रकार किसी एक अन्य मत के अनुसार गुप्तवंश के महान शासक चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य का व्यक्तिगत नाम “देव” था । इसलिए उसके राजधानी नगर पाटलिपुत्र (पटना) को “देवनगर” भी कहा जाता होगा और वहां प्रयुक्त होने के कारण इस लिपि का नाम “देवनागरी” पड़ा होगा।

 

  • देवनागरी लिपि की विशेषताएं

1. यह लिपि बायें से दाएं की ओर लिखी जाती है।
2. यह लिपि अत्यंत व्यवस्थित तथा वैज्ञानिक लिपि है।
3. इसमें ध्वनि एवं अक्षरों का उत्कृष्ट समन्वय होता है।
4. यह लिपि भाषा के अंतर्गत आने वाली अधिक से अधिक चिन्हों से संपन्न है।
5. यह लिपि समस्त प्राचीन भारतीय भाषाओं जैसे – संस्कृत, प्रकृति,पाली एवं अपभ्रंश भाषा की भी लिपि रही है।

लिपि किसे कहते हैं | Lipi Kise Kahate Hain


FAQs

  • उत्तर भारत से नागरी लिपि का लेख मिलना कब से प्रारंभ हो जाता है ?
    उत्तर भारत से नागरी लिपि का लेख “आठवीं सदी” से मिलना प्रारंभ हो जाता है
  • नागरी लिपि के आरंभिक लेख कहां से प्राप्त हुए हैं ?
    नागरी लिपि क्या आरंभिक लेख “गुजरात राज्य” से प्राप्त हुए है ।
  • देवनागरी लिपि का सर्वप्रथम प्रयोग कहां हुआ था ?
    गुजरात के नरेश जयभट्ट (700 से 800) ईo के शिलालेख में ।
  • देवनागरी लिपि का प्राचीनतम लेख किसे माना जाता है ?
    विद्वानों के अनुसार राष्ट्रकूट के राजा दंतिदुर्ग की सामांगड दानपत्र (754 ई) को देवनागरी लिपि का प्राचीनतम लेख माना जाता है ।

 

  • देवनागरी लिपि में कितने मूल लिपि चिन्ह है ?
    देवनागरी लिपि में कुल 45 (पैंतालीस) मूल लिपि चिन्ह है ।
  • ब्राह्मी लिपि से किन-किन लिपियों की उत्पत्ति हुई है ?
    ब्राह्मी लिपि से – गुप्त लिपि, कुटिल लिपि, शारदा लिपि, देवनागरी लिपि, तेलुगु लिपि, कन्नड़ लिपि, तमिल आदि लिपियों की उत्पत्ति हुई है ।
  • “ब्राह्मी लिपि एवं खरोष्ठी लिपि” को सर्वप्रथम किस विद्वान ने पढ़ा ?
    “ब्राह्मी लिपि एवं खरोष्ठी लिपि” को सर्वप्रथम जेम्स प्रिंसेप नामक विद्वान ने पढ़ा ।
  • ब्राह्मी लिपि में कुल कितने वर्ण होते हैं ?
    54 (चौवन) वर्ण होते हैं ।

 

  • ब्राह्मी लिपि का प्रथम अभिलेख कौन-सा है ?
    सम्राट अशोक के प्राचीन अभिलेख “धाम” जो ब्राह्मी लिपि में लिखी गई है ।
  • भारत की सबसे प्राचीन लिपि कौन है ?
    भारत की सबसे प्राचीन लिपि ब्राह्मी लिपि है ।
  • विश्व की सबसे प्राचीन लिपि कौन है ?
    विश्व की सबसे प्राचीन लिपि क्यूनिफॉर्म लिपि है ।
  • ब्राह्मी लिपि की वैज्ञानिक नाम क्या है ?
    ब्राह्मी लिपि की वैज्ञानिक नाम “वकोपा मोननेरी” है ।

 

  • ब्राह्मी लिपि से पहले किस लिपि का प्रचलन था ?
    सरस्वती लिपि की ।
  • संस्कृत की सबसे पुरानी अभिलेख कौन-सी है ?
    संस्कृत की सबसे पुरानी अभिलेख हाथीबाड़ा घोसुण्डी शिलालेख है ।
  • विश्व में कुल कितने प्रकार की लिपियां मौजूद हैं ?
    विश्व में कुल 26 प्रकार की लिपियां मौजूद हैं

 

  • लिपि की शाब्दिक परिचय
    लिपि की पर्यायवाची शब्द- लिखावट, अक्षराकृति, आलेख, चिन्ह, निशान, लेखन
  • लिपि की लिंग क्या होती है?
    स्त्रीलिंगजैसे – देवनागरी लिपि अच्छी है ।
  • लिपि का अंग्रेजी क्या होता है?
    लिपि का अंग्रेजी Script (स्क्रिप्ट) होता है ।

प्रिय पाठककों इस लेख में आप लिपि किसे कहते हैं (lipi kise kahate hain) एवं इससे संबंधित सभी टाॅपिक को आसान व स्पष्ट शब्दों में उदाहरण सहित समझे होंगे आशा करता हूं कि आपको लिपि किसे कहते हैं (lipi ki paribhasha) एवं इनसे संबंधित सभी टॉपिक पसंद आए होंगे |

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5 thoughts on “लिपि किसे कहते हैं? लिपि की परिभाषा, प्रकार, भेद, उदाहरण | Lipi Kise Kahate Hain”

    • बहुत बहुत धन्यावाद आपका प्यारे से comment करने के लिए। बहुत जल्द संस्कृत और संस्कृत व्याकरण का भी पोस्ट आनेवाला। तब तक kamlaclasses.com के साथ जुड़े रहे । धन्यावाद ।

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