Bihar Board Class 10 Sanskrit Chapter 4 Solutions संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः पीयूषम् भाग 2 || Sanskrit Piyusham Bhag 2 Sanskrit_sahitye Lekhikah

Bihar Board Class 10 Sanskrit Chapter 4 Solutions के इस पाठ में समाज की प्रगति में पुरुषों और स्त्रियों के समान योगदान को दर्शाया गया है। साहित्य में भी स्त्री और पुरुष दोनों का महत्व समान रूप से रहा है। आज की तारीख में सभी भाषाओं में स्त्रियां भी साहित्य रचना में जुटी हैं और यश अर्जित कर रही हैं। Bihar Board Class 10 Sanskrit Chapter 4 Solutions के माध्यम से, संस्कृत साहित्य की प्राचीन और आधुनिक लेखिकाओं के योगदान को सराहा गया है, जिन्होंने साहित्य निधि को समृद्ध किया है।

इस पाठ में प्रसिद्ध महिला लेखिकाओं के योगदान पर विशेष चर्चा की गई है, जो Bihar Board Exam Objective Questions के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। Bihar Board Class 10 Sanskrit Chapter 4 Solutions में ऐसे प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं, जो छात्रों को Bihar Board Exam Objective Questions के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे। इस पाठ के अध्ययन से छात्रों को न केवल संस्कृत साहित्य में महिलाओं की भूमिका का ज्ञान होता है, बल्कि Bihar Board Class 10 Sanskrit Chapter 4 Solutions से परीक्षा में मदद भी मिलती है।

Bihar Board Class 10 Sanskrit Chapter 4 Solutions संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः पीयूषम् भाग 2

[समाजस्य यानं पुरूषैः नारीभिश्च चलति । साहित्येऽपि उभयोः समानं महत्त्वम् । अधुना सर्वभाषासु साहित्यरचनायां स्त्रियोऽपि तत्पराः सन्ति यशश्च लभन्ते । संस्कृतसाहित्ये प्राचीनकालादेव साहित्यसमृद्धौ योगदानं न्यूनाधिकं प्राप्यते । पाठेऽस्मिन्नतिप्रसिद्धानां लेखिकानामेव चर्चा वर्तते येन साहित्यनिधिपूरणे तासां योगदानं ज्ञायेत ।]

* संधि-विच्छेद –

  • नारीभिश्च = नारीभिः + च ।
  • साहित्येऽपि = साहित्ये + अपि ।
  • स्त्रियोऽपि = स्त्रियः + अपि ।
  • यशश्च = यशः + च ।
  • प्राचीनकालादेव = प्राचीनकालात् + एव ।
  • न्यूनाधिकं = न्यून + अधिकं ।
  • पाठेऽस्मिन्नतिप्रसिद्धानां = पाठेऽस्मिन् + अति + प्रसिद्धानां ।
  • लेखिकानामेव = लेखिकानाम् + एव ।

* शब्दार्थ :-

  • यानं – गाड़ी ।
  • उभयोः – दोनों के ।
  • अधुना – इससमय ।
  • तत्पराः – उत्सुक (हैं) ।
  • लभन्ते – प्राप्त करते हैं ।
  • न्यूनाधिकं – कम अधिक ।
  • प्राप्यते – मिलते हैं ।
  • येन – जिससे ।
  • निधि – खजाना ।
  • तासां – उनकी ।

* व्य्ख्या :- [समाज रूपी गाड़ी पुरुष और नदियों के द्वारा चलती है । साहित्य में भी दोनों का समान महत्व हैं । आज सभी भाषाओं के साहित्य रचना में स्त्रियां भी तत्पर हैं । और यश पा रही है । संस्कृत साहित्य में प्राचीन काल से ही साहित्य समृद्धि में योगदान कम – अधिक रही है । इस पाठ में भी अति प्रसिद्ध लेखिकाओं के नाम की चर्चा हैं , जिससे साहित्य निधि (खजाना) को पूर्ण करने में उनके योगदान ज्ञात होती है ।]

* वस्तुनिष्ठ प्रश्न :-

Q1.समाजरूपी गाड़ी किन-किन के द्वारा चलती है ?
उत्तर:- पुरुष और नदियों के द्वारा ।
Q2.प्राचीन काल से स्त्री और पुरुष का समान महत्व किसमें रहा है ?
उत्तर:- साहित्य में ।
Q3.प्राचीन काल से साहित्य समृद्धि में काम और अधिक योगदान किसकी रही है ?
उत्तर:- स्त्रियों की ।
Q4.संस्कृत के किस पाठ में अति प्रसिद्ध लेखिकाओं के नाम का चर्चा है ?
उत्तर:- संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः ।
Q5.साहित्य निधि को पूर्ण करने में पुरुष के अलावे और किसकी योगदान ज्ञात होता है ?
उत्तर:- स्त्रियों की ।

Bihar Board Class 10 Sanskrit Chapter 4 Solutions पीयूषम भाग -2 || Sanskrit Sahitye Lekhikah

2nd Paragraph

* संधि-विच्छेद :-

  • शास्त्रकारैश्च = शास्त्रकारैः + च ।
  • वैदिककालादारभ्य = वैदिककालात् + आरभ्य ।
  • काव्यानाञ्च = काव्यानाम् + च ।
  • चतुर्विंशतिरथर्ववेदे = चतुर्विंशतिः + अथर्ववेदे ।

* शब्दार्थ :-

  • विपुलं – विशाल ।
  • कविभिः – कवियो के द्वारा ।
  • संवर्धितम् – बढ़ाया गया ।
  • यथा – जैसे ।
  • दत्तचित्ताः – ध्यान दिये ।
  • दत्तावधानाः – ध्यान (सावधान) दी हुई ।
  • प्रत्युत – बल्कि ।
  • चतुर्विंशति – चौबीस ।
  • मन्त्रदर्शनवत्यो – मंत्र दृष्टा या मंत्रदर्शनवती के रूप में ।
  • निर्दिश्यन्ते – निर्देशित हैं ।


Bihar Board संस्कृत पीयूषम भाग – 2 के सम्पूर्ण अध्याय का हिंदी में Solutions के लिये यहाँ क्लिक करें

* वस्तुनिष्ठ प्रश्न :-

Q1.विशाल संस्कृत साहित्य को किनके द्वारा आगे बढ़ाया गया ?
उत्तर:- कवियों और शास्त्रकारों के द्वारा ।

Q2.वैदिक काल के आरंभ से शास्त्रों और काव्यों के रचना और संरक्षण में कौन तत्पर रही ?
उत्तर:- स्त्रियाँ ।

Q3.किस युग में मंत्रों के दृष्टा न केवल ऋषिलोग बल्कि ऋषिकाएं भी थी ?
उत्तर:- वैदिक युग में ।

Q4.ऋग्वेद में कितने ऋषिकाएँ का वर्णन हैं ?
उत्तर:- चौबीस (24) ।

Q5.अथर्ववेद में कितने ऋषिकाएं का वर्णन हैं ?
उत्तर:- पाँच (05) ।

Q6.यमी , अपाला , उर्वशी , इंद्राणी और वागाम्भृणी का वर्णन किस वेद में हैं ?
उत्तर:- अथर्ववेद में ।

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3rd Paragraph

* संधि-विच्छेद:-

  • बृहदारण्यकोपनिषदि = बृहदारण्यक + उपनिषदि ।
  • महाभारतेऽपि = महाभारते + अपि ।

* शब्दार्थ :-

  • वर्णिता – वर्णित हैं ।
  • यां- जिन्हें/जिनको ।
  • वाचक्नवी – विदुषी ।
  • तिष्ठति स्म – रहती थी ।
  • जीवनपर्यन्तं – जीवन भर ।
  • वेदान्तानुशीलनपरायाः – वेदान्त के सतत् और गंभीर अभ्यास करनेवाली ।
  • सुलभाया – आसानी से ।
* वस्तुनिष्ठ प्रश्न :-

Q1.वृहदारण्यक क्या है ?
उत्तर:- उपनिषद् ।
Q2.याज्ञवल्क्य की पत्नी कौन है ?
उत्तर:- मैत्रेयी ।
Q3.याज्ञवल्क्य ने आत्मतत्व की शिक्षा किसे दी ?
उत्तर:- मैत्रेयी ।
Q4.राजा जनक के सभा में शास्त्रों में कुशल विदुषी कौन रहते थी ?
उत्तर:- गार्गी ।
Q5.महाभारत में भी वेदों का सतत और गंभीर अभ्यास कौन करती थी ?
उत्तर:- स्त्रियाँ ।

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4th Paragraph

* संधि-विच्छेद :-

  • चत्वारिंशत्कवयित्रीणां = चत्वारिंशत् + कवयित्रीणां ।
  • इतस्तत = इतः + ततः ।
  • श्यामवर्णासीदिति = श्यामवर्ण + आसीत् + इति ।
  • पद्येनानेन = पद्येन + अनेन ।
  • वृथैव = वृथा + एव ।

* शब्दार्थ :-

  • प्रायेण – प्रायः/ लगभग ।
  • स्फुटरूपेण – स्पष्ट रूप से ।
  • इतस्ततः – इधर – उधर ।
  • तासु – उनमें ।
  • श्यामवर्णासीत् – श्याम वर्ण की थी ।
  • अनेन – इससे ।
  • नीलोत्पलदलश्यामां – नील कमल के पंखुड़ी (जैसा) श्याम ।
  • वृथैव – वैसे ही ।
  • प्रोक्ता – कही गयी ।
  • सर्वशुक्ला – सबसे सुंदर ।
* वस्तुनिष्ठ प्रश्न :-

Q1. लौकिक संस्कृत साहित्य में कितने कवित्रियों का पद स्पष्ट रूप से इधर-उधर मिलते हैं ?
उत्तर:- एक सौ पचास (150 ) ।
Q2. विजयांका किस वर्ण की थी ?
उत्तर:- श्याम वर्ण की ।
Q3. दण्डि द्वारा किसे सबसे सुंदर कही गई है ?
उत्तर:- सरस्वती को ।

5th Paragraph

* संधि-विच्छेद :-

  • अष्टमशतकमित्यनुमीयते = अष्टमशतकम् + इति + अनुमीयते ।
  • विजयभट्टारिकैव = विजयभट्टारिका + एव ।
  • किञ्च = किम् + च ।

* शब्दार्थ :-

  • तस्याः – उनकी ।
  • राज्ञी – रानी ।
  • बहवो – बहुतों के (द्वारा) ।
  • मन्यते – माने जाते हैं ।
  • स्वस्फुटपद्यैः – अपने स्पष्ट पद से ।
* वस्तुनिष्ठ प्रश्न :-
Q1. चालुक्यवंश के शासक कौन था ?
उत्तर:- चंद्रादित्य ।
Q2. चंद्रादित्य की रानी कौन थी ?
उत्तर:- विजयभट्टारिका ।
Q3. शास्त्रकारों के द्वारा किसे विजयांका मानी जाती है ?
उत्तर:- विजयभट्टारिका को ।
Q4. शीला भट्टारिका , देवकुमारिका , रामभद्राम्बा इत्यादि कहां की लेखिका थी ?
उत्तर:- दक्षिण भारत की ।

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6th Paragraph

* संधि-विच्छेद :-

  • आसन्निति = आसन् + इति ।
  • विदितमेव = विदितम् + एव ।
  • तेषामन्तःपुरेऽपि = तेषाम् + अन्तःपुरे + अपि ।
  • राज्ञ्योऽभवन् = राज्ञ्यः + अभवन् ।
  • विजयघटनामाश्रित्यारचयत् = विजयघटनाम् + आक्षित्य + अरचयत् ।
  • तत्रालङ्काराणां = तत्र + अलङ्काराणां ।
  • तस्मिन्नेव = तस्मिन् + एव ।
  • चम्पूकाव्यमरचयत् = चम्पूकाव्यम् + अरचयत् ।
  • चातीव = च + अतीव ।
  • तत्रैव = तत्र + एव ।

* शब्दार्थ :-

  • नरेशाः – राजाओं द्वारा ।
  • विदितमेव – ज्ञात ही (हैं)।
  • संनिवेशः – समावेश ।
  • तस्मिन्नेव – उन्हीं ।
  • प्रौढ़ं – श्रेष्ठ ।
  • छटा – शोभा ।
  • दीर्घतमं – सबसे बड़ा ।
  • तत्रैव – वहीं ।
* वस्तुनिष्ठ प्रश्न :-

Q1. कंपनराय की रानी कौन थी ?
उत्तर:- गंगा देवी ।
Q2. “मधुराविजयम्” महाकाव्य के रचनाकार कौन है ?
उत्तर:- गंगा देवी ।
Q3. “मधुराविजयम्” नामक महाकाव्य किस घटना का आश्रय लेकर रचा गया ?
उत्तर:- विजय घटना ।
Q4. अच्युतराय की रानी कौन थी ?
उत्तर:- तिरुलाम्बा ।
Q5. “वरदाम्बिका परिणय” क्या है ?
उत्तर:- चम्पूकाव्य ।
Q6. “वरदाम्बिका परिणय” नामक काव्य के रचनाकार कौन है ?
उत्तर:- तिरुलाम्बा ।

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7th Paragraph

* संधि-विच्छेद :-

  • प्रभृतयोऽनुदिनं = प्रभृतयः + अनुदिनं ।

* शब्दार्थ :-

  • नामधेया – नामक ।
  • तया – उनके द्वारा ।
  • महतो – महान ।
  • प्रणीतवती – रचना की ।
  • अनुदिनं – दिन-
  • प्रतिदिन ।

* वस्तुनिष्ठ प्रश्न :-

Q1.आधुनिक काल की संस्कृत लेखिका कौन है ?
उत्तर:- पंडिता क्षमाराव ।

Q2.”शंकरचरितं” की रचना किसने की ?
उत्तर:- पंडिता क्षमाराव ।

Q3.”कथामुक्तावली” की रचना किसने की ?
उत्तर:- पंडिता क्षमाराव ।

Q4.वर्तमान काल के संस्कृत लेखिका कौन-कौन है ?
उत्तर:- पुष्पादीक्षिता , वनमाला भवालकर , मिथिलेश कुमारी मिश्र ।

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Bihar Board Exam में पूछे जानेवाले महत्वपूर्ण हिन्दी प्रश्नोत्तर :-

Q1. संस्कृत में पंडिता क्षमाराव के योगदान का वर्णन करें ।
उत्तर:- “आधुनिक काल के संस्कृत लेखिकाओं में पंडिता क्षमाराव अग्रगनणीय है । इन्होंने अपने पिता शंकर पांडुरंग पंडित के महान विद्वता एवं जीवन-चरित्र को “शंकरचरितम्” नामक काव्य में वर्णन की है । एवं गांधी दर्शन से प्रभावित होकर वह सत्याग्रह गीता , मीरालहरी , कथामुक्तावली , विचित्र परिषद् यात्रा , ग्राम ज्योति आदि गद्य-पद्य ग्रन्थों की रचना की है ।”

Q2. “शंकरचरितम्” काव्य की विशेषताओं का वर्णन करें ।
उत्तर:- “शंकरचरितम्” काव्य की रचनाकार पंडिता क्षमाराव है । इसके अंतर्गत वे अपने पिता पंडित शंकर पांडुरंग की महान विद्वत्ता एवं जीवन चरित्र की वर्णन किया गया है ।”


Q3. आधुनिक काल की किन्हीं तीन संस्कृत लेखिकाओं के नाम लिखें।
उत्तर:- “आधुनिक काल के संस्कृत लेखिकाओं में पंडिता क्षमताराव , पुष्पादीक्षित , वनमाला भवालकर एवं मिथिलेश कुमारी मिश्र विशेष उल्लेखनीय हैं ।”


Q4. विजयाङ्का कौन थी और उसका समय क्या माना जाता है ?

उत्तर:-  “विद्वानों का मानना है , कि चालुक्य वंश के राजा चन्द्रादित्य की पत्नी (रानी) विजयभट्टारिका ही विजयाङ्का थी । इसका समय आठवीं (8वीं) सदी को माना जाता है ।”


Q5. पंडिता क्षमाराव की प्रमुख कृतियों के नाम लिखें ।

उत्तर:- “संस्कृत भाषा की आधुनिक संस्कृत लेखिकाओं में पंडिता क्षमाराव का महत्वपूर्ण स्थान है । इसके द्वारा लिखित पुस्तकों में शंकरचरितम्, सत्याग्रह गीता, मीरालहरी, कथामुक्तावली, विचित्र परिषद यात्रा, ग्राम ज्योति आदि उल्लेखनीय हैं ।”

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Q6. कौन-कौन दक्षिण भारतीय संस्कृत लेखिकाएँ अपने स्फूट पद्यों के लिए प्रसिद्ध हैं ?

उत्तर:- “शीलाभट्टारिका, देवकुमारिका, रामभद्राम्बा आदि दक्षिण भारतीय लेखिका अपने स्फूट पद्य के लिए प्रसिद्ध हैं ।”

 

Q7. संस्कृत साहित्य में स्त्रियों की क्या भूमिका है ?

उत्तर:- “संस्कृत साहित्य में स्त्रियों के भूमिका सराहनीय है, क्योंकि जिस प्रकार समाज रूपी गाड़ी पुरुषों और स्त्रियों दोनों के द्वारा चलती है । उसी प्रकार वैदिक युग में साहित्य में मंत्रों का वाचक न केवल ऋषिगण थे बल्कि ऋषि पत्नियाँ भी थी । अपला, उर्वशी, इंद्राणी, वागाम्भृणी आदि स्त्रियां के मंत्र दर्शन आज भी नक्षत्र के भाँति दीप्तिमान है । स्वयं याज्ञवल्क्य की पत्नी अपने पति से आत्मतत्व की शिक्षा ली है । जनक की सभा की शोभा बढ़ाने वाली गार्गी का नाम साहित्य में प्रसंसनीय है ।”


Q8. “सर्व शुक्ला सरस्वती” किसे कहा गया है और क्यों ?

उत्तर:- “सर्व शुक्ला सरस्वती विजयंका को कही गयी है । लौकिक संस्कृत साहित्य में विजयंका की भूमिका शोभायमान है एवं उनके पदों की कृति सराहनीय है । इसलिए साधारण लेखिका की कृति से प्रभावित होकर ही दण्डी ने उसे “सर्व शुक्ला सरस्वती” कहा है । विजयंका श्याम वर्ण की थी लेकिन कृतियाँ ज्योतिर्मय थी । नीलकमल की पंखुड़ियों की भांति अपनी रचना में अद्भुत लेखन कला की आभा बिखेरती है ।”


Q9. “मधुराविजयम्” महाकाव्य की क्या विशेषताएं हैं ?

उत्तर:- “मधुराविजयम्” कंपनराय की रानी गंगा देवी की उत्कृष्ट कृति है । यह महाकाव्य संस्कृत साहित्य की अमूल रत्न है । जिसे कंपनराय की रानी गंगा देवी ने अपने पति की विजय घटना को आधार बनाकर जीवन की अनुभूतियों को प्रदर्शित किया है । एवं इसमें अलंकारों का प्रयोग सजीवात्मक रूप में किया गया है ।

 

Q10. इस पाठ से हमें क्या संदेश मिलता है ?

उत्तर:- “इस पाठ से हमें संस्कृत साहित्य में नरियों की द्वंद्व सहभागिता का संदेश मिलती है, क्योंकि वैदिक युग से आधुनिक युग तक ऋषिकाएँ, कवयित्री, लेखिकाएँ संस्कृत साहित्य के संवर्धन में अतुलनीय सहभागिता प्रदान करती है । संस्कृत भाषा एवं साहित्य को बढ़ाने में पुरुषों के समतुल्य महिलाएँ भी चलती रही है ।”

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अभ्यासः (मौखिकः)

1. एकपदेन उत्तरं वदत -

(क) विपुलं किम् अस्ति ?
उत्तरं :- संस्कृतसाहित्यम् ।

(ख) विपुलं संस्कृतसाहित्यं कैः संवर्धितम् ?
उत्तरं :- कविभिः शास्त्रकारैश्च ।

(ग) काव्यानाम् रचने संरक्षणे च काः दत्तावधानाः ?
उत्तरं :- स्त्रियः ।

(घ) गङ्गादेवी किं महाकाव्यम् अरचयत् ?
उत्तरं :- मधुराविजयम् ।

(ङ) आधुनिकसंस्कृतलेखिकासु का प्रसिद्धा ?
उत्तरं :- पण्डिता क्षमाराव ।

2. पदार्थं वदत -

(क) “लभ्यन्ते” इत्यस्य कः अर्थः ?
उत्तरं:- मिलते हैं ।

(ख) “इन्द्राणी” इत्यस्य कः अर्थः ?
उत्तरं :- इन्द्र की पत्नी ।

(ग) “वर्तते” इत्यस्य कः अर्थः ?
उत्तरं :- हैं ।

(घ) “विपुलम्” इत्यस्य कः अर्थः ?
उत्तरं :- विशाल ।

(ङ) “ऋषिका” इत्यस्य कः अर्थः ?
उत्तरं :- ऋषि की पत्नी ।

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अभ्यासः (लिखितः)

1. एकपदेन उत्तरं दत्त -

(क) कस्मिन् यूगे मन्त्राणां दर्शका न केवला ऋषयः प्रत्युत ऋषिका अपि सन्ति ?
उत्तरं :- वैदिकयुगे ।

(ख) वागाम्भृणी कुत्र ऋषिका निर्दिश्यते ?
उत्तरं :- अथर्ववेदे ।

(ग) यावल्क्यस्य पत्नी का आसीत् ?
उत्तरं :- मैत्रेयी ।

(घ) कस्य सभायां शास्त्रार्थकुशला गार्गी वाचक्नवी तिष्ठति स्म ?
उत्तरं :- जनकस्य ।

(ङ) लौकिकसंस्कृतसाहित्ये चत्वारिंशत्कवयित्रीणां प्रथमकल्पा का वर्तते ?
उत्तरं :- विजयङ्का ।

(च) लौकिकसंस्कृतसाहित्ये कियतीनां कवयित्रीणां वर्णनं लभ्यते ?
उत्तरं :- चत्वारिंशत् ।

(छ) विजयभट्टारिका कस्य राज्ञी आसीत् ?
उत्तरं :- चन्द्रादित्यस्य ।

2. अधोलिखितानि रिक्तस्थानानि पूरयत

(क) बृहदारण्यकोपनिषदि याज्ञवल्क्यस्य पत्नी —मैत्रेयी— वर्णिता ।

(ख) जनकस्य सभायां शास्त्रार्थकुशला —गार्गी— वाचक्नवी तिष्ठति स्म ।

(ग) लौकिकसंस्कृतसाहित्ये प्रायेण –चत्वारिंशत्— कवयित्रीणां सार्धशतं पद्यानि लभ्यन्ते ।

(घ) तासु —विजयाङ्का— प्रथमकल्पा वर्तते ।

(ङ) सा च —श्याम— वर्णासीदिति ।

(च) चन्द्रादित्यस्य राज्ञी — विजयभट्टारिका— एव विजयाङ्का इति मन्यन्ते ।

(छ) षोडशशतके अच्युतरायस्य राज्ञी तिरूमलाम्बा —वरदाम्बिकापरिणय— नामक प्रौढ़ं चम्पूकाव्यम् अरचयत् ।

3. अधोलिखितप्रश्नानाम् उत्तराणि पूर्णवाक्येन संस्कृतभाषया दत्त

(क) ऋग्वेदे कति ऋषिकाः मन्त्रदर्शनवत्यो निर्दिश्यन्ते ?
उत्तरं :- ऋग्वेदे चतुर्विंशति ऋषिकाः मन्त्रदर्शनवत्यो निर्दिश्यन्ते ।
(ख) याज्ञवल्क्यस्य पत्नी केन रूपेण वर्णिता ?
उत्तरं :- याज्ञवल्क्यस्य पत्नी दार्शनिकरूचिमती रूपेण वर्णिता ।
(ग) याज्ञवल्क्यः तां किं शिक्षयति ?
उत्तरं :- याज्ञवल्क्यः तां आत्मतत्त्वं शिक्षयति ।
(घ) विजयाङ्कायाः वर्णः कः आसीत् ?
उत्तरं :- विजयाङ्कायाः वर्णः श्याम आसीत् ।
(ङ) तिरूमलाम्बा कस्य चम्पूकाव्यस्य रचनां कृतवती ?
उत्तरं :- तिरूमलाम्बा बरदाम्बिका चम्पूकाव्यस्य रचनां कृतवती ।
(च) शङ्करचरितम् इति जीवनचरितस्य रचयित्री का ?
उत्तरं :- शङ्करचरितम् इति जीवनचरितस्य रचयित्री पण्डिता क्षमाराव आसीत् ।

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4. पर्यायवाचिपदानि लिखत

(क) वृथा इत्यस्य–व्यर्थः– पर्यायपदम् ।
(ख) तत्परा इत्यस्य –उत्सुक– पर्यायपदम् ।
(ग) वर्तते इत्यस्य –अस्ति — पर्यायपदम् ।
(घ) ख्याताः इत्यस्य –प्रसिद्धः– पर्यायपदम् ।
(ङ) ज्ञातमेव इत्यस्य –ज्ञानंएव– पर्यायपदम् ।
(च) भार्या इत्यस्य –पत्नी– पर्यायपदम् ।
(छ) जननी इत्यस्य –माता– पर्यायपदम् ।

6. स्त्रीप्रत्यययोगेनशब्दं रचयत्

(क) लेखक + टाप् = लेखिका ।
(ख) नायक + टाप् = नायिका ।
(ग) वाचक + टाप् = वाचिका ।
(घ) विधायक + टाप् = विधायिका ।
(ङ) योजक + टाप् = योजिका ।
(च) धारक + टाप् = धारिका ।
(छ) पालक + टाप् = पालिका ।
(ज) गायक + टाप् = गायिका ।

7. उदाहरणम् अनुसृत्य रेखांकितपदानां स्थाने अन्यपदानि योजयत्

(क) बालकः प्रतिदिनं विद्यालयं गच्छन्ति स्म ।
उत्तरं :- बालकः प्रतिदिनं विद्यालयं अगच्छत् ।
(ख) छात्राः सायंकाले क्षेत्रे क्रीडन्ति स्म ।
उत्तरं :- छात्राः सायंकाले क्षेत्रे अक्रीडन्।
(ग) अध्यापकाः वर्गेषु पाठयन्ति स्म ।
उत्तरं :- अध्यापकाः वर्गेषु अपाठयन् ।
(घ) गजाः वने भ्रमन्ति स्म ।
उत्तरं :- गजाः वने अभ्रमन् ।
(ङ) कोकिलाः कुजन्ति स्म ।
उत्तरं :- कोकिलाः अकुजन् ।
(च) वानराः तरूशिखरेषु कूर्दन्ति स्म ।
उत्तरं :- वानराः तरूशिखरेषु अकूर्दन् ।

मुझे आशा है, कि उक्त लिखित पोस्ट Bihar Board Class 10 Sanskrit Chapter 4 Solutions, का संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः पीयूषम् भाग 2 (Sanskrit sahitye Lekhikah) के सभी श्लोकों का पूर्ण विश्लेषण को क्रमबद्ध तरीका से पढ़ें और समझें होंगे और आपके Bihar Board Class 10 Sanskrit Chapter 4 Solutions का पूर्ण विश्लेषण उपयोगी रहें होंगे ।

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