Jativachak Sangya in Hindi || जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? परिभाषा, उदाहरण, अर्थ आदि |
मित्रों आपने पिछले Post में संज्ञा , संज्ञा के भेद ,व्यक्तिवाचक संज्ञा को जानें। इस Post के अन्तर्गत जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं ?(Jativachak sangya kise kahte hai) , जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा (Jativachak sangya ki paribhasha), जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण (Jativachak Sangya ke Udaharan), अर्थ आदि के बिषय में जानेंगे ।
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* जातिवाचक संज्ञा :- जाति + वाचक + संज्ञा अर्थात् जाति का बोध करानेवाली संज्ञा ।
जाति:-
- शर्माजी :- जितने शर्माजी हैं सबका बोध होगा ।
- वर्माजी :- जितने वर्माजी हैं सबका बोध होगा ।
- यादवजी :- जितने यादवजी हैं सबका बोध होगा ।
- पंडितजी :- जितने पंडितजी हैं सबका बोध होगा ।
जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं (jativachak sangya kise kahte hain)?
“जिस संज्ञा से किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि के सम्पूर्ण जाति भर का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं ।”
जैसे :- कलम, नदी, पुस्तक, बालक, लड़की, स्त्री , गाय , भैंस, कुत्ता, बिल्ली, पेड़-पौधा, पर्वत, सागर, झरना , महासागर, पठार, नक्षत्र, नगर, महानगर, गाँव, सड़क, झील, वर्ष, वाहन, कौआ, मैना, तोता, साँप, छिपकली, टेबुल, कुर्सी, किताब, काॅपी, पेंसिल, पंखा, विद्यालय, बगीचा, राज्य, देश, महादेश, द्वीप, महाद्वीप आदि ।
अथवा,
किसी अन्य शब्दों में – जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं ?(jativachak sangya kise kahte hain ?)
:- वह संज्ञा जो सम्पूर्ण जाति का प्रतिनिधित्व करती है, उसे Jativachak Sangya कहते हैं ।
जैसे:- कलम, नदी, पुस्तक, बालक, लड़की, स्त्री , गाय , भैंस, कुत्ता, बिल्ली, पेड़-पौधा, पर्वत, सागर, झरना , महासागर, पठार, नक्षत्र, नगर, महानगर, गाँव, सड़क, झील, वर्ष, वाहन, कौआ, मैना, तोता, साँप, छिपकली, टेबुल, कुर्सी, किताब, काॅपी, पेंसिल, पंखा, विद्यालय, बगीचा, राज्य, देश, महादेश, द्वीप, महाद्वीप आदि ।
अथवा,
किसी अन्य शब्दों में जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं ?(Jativachak sangya kise kahte hain ?)
“जहाँ एक के कहने से उस जैसे जितने भी व्यक्ति, वस्तु, स्थान है, सबका बोध हो जाता है , वह संज्ञा Jativachak Sangya कहलाती है “।
जैसे :- कलम, नदी, पुस्तक, बालक, लड़की, स्त्री , गाय , भैंस, कुत्ता, बिल्ली, पेड़-पौधा, पर्वत, सागर, झरना , महासागर, पठार, नक्षत्र, नगर, महानगर, गाँव, सड़क, झील, वर्ष, वाहन, कौआ, मैना, तोता, साँप, छिपकली, टेबुल, कुर्सी, किताब, काॅपी, पेंसिल, पंखा, विद्यालय, बगीचा, राज्य, देश, महादेश, द्वीप, महाद्वीप आदि ।
(अतः जब किसी संज्ञा को किसी भी प्रकार से अलग नहीं किया जा सकता हो, तो वह संज्ञा जातिवाचक संज्ञा हो जाती है ।
दिमशित्स ने (Jativachak Sangya) होने की निम्न शर्तें बताई हैं :-
(i) वस्तुओं के नाम :- कलम, किताब, घर, मेज, कुर्सी, पंखा, घड़ी, चिमटा, जग, गिलास, चश्मा, बोतल, थाली , मोबाइल, विद्यालय, श्यामपट्ट, घर, सड़क, खिलौना आदि ।
(ii) संबंधों (Realations) के नाम :- माँ, पिता, भाई, बहन, चाचा, चाची, मामा, मामी, नाना, नानी, मौसी, फुआ , फूफा आदि ।
(iii) पदों के नाम :- शिक्षक, प्रधानाचार्य, आर्मी, विधायक, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, चिकित्सक, स्टेशन मास्टर, पुलिस, दारोगा, कलेक्टर आदि ।
iv) व्यवसायों के नाम :- दुकान, फुटकर विक्रेता, पुजारी, पुरोहित, कुम्हार, कवि, लेखक, वेध आदि ।
(v) प्राकृतिक तत्वों के नाम :- नदी, झील, झरना, महासागर, पठार, सागर, घाटी, पहाड़, पर्वत, पेड़-पौधा, जल, मिट्टी आदि ।
(vi) पशुओं, जानवरों के नाम :- गाय, भैंस, बकरी, बैल, कुत्ता, बिल्ली, घोड़ा, गदहा, हाथी, शेर, बाघ, कंगारू, गिलहरी, हिरण, खरगोश, लकड़बग्घा, लोमड़ी, सियार, ऊँट, जिराफ, बारहसिंहा, सुअर आदि ।
(vii) पक्षियों के नाम :- तोता, मैना, कबूतर, कौआ, मोर, हंस, उल्लू, गिद्ध, बाज, चील, बुलबुल, गौरैया, चमगादड़ आदि ।
(viii) फल-फूल एवं सब्जियों के नाम – आम, अनार, केला, अमरूद, अनानास, सेब, अंगूर, पपीता, गुलाब जामुन, बैर, कटहल, नारियल, गुलाब, चम्पा, चमेली, जूही, गेंदा, बेला, गुलमेहंदी, रातरानी, परवल, आलू,हरा मिर्च, टमाटर, लौकी, प्याज, गोभी, शलगम, बैंगन, मटर, करेला, गाजर इत्यादि ।
(ix) कीट- पतंगों के नाम :- चींटी, मच्छर, मेढ़क, मक्खी, मधुमक्खी, छिपकली, मगरमच्छ आदि ।
(x) खाद्य-पदार्थों के नाम :- चावल, धान, गेहूँ, आटा, दाल, शक्कर, मूगफली आदि ।
(xi) घरेलू सामानों के नाम :- टेबुल, कुर्सी, पलंग, पंखा, अलमीरा, पर्दा , तोशक, तकिया, जाआदि ।
(xi) पहनने, ओढ़ने, बिछानेवाले आदि सामानों के नाम :- कुरता, पाजामा, धोती, साड़ी, कुरती, रजाई, चादर, तकिया , तोशक, जाजिम, कमीज, गंजी आदि ।
(xii) सवारियों के नाम :- साइकिल, कार, बस, ट्रक, जीप, रिक्शा, ऑटो रिक्शा, रेलगाड़ी , नाव, हवाई जहाज, टाँगा, बैलगाड़ी आदि ।
* नोट (Note) :- प्रश्न संख्या(1) पंखा यदि जातिवाचक संज्ञा है, तो बजाज का पंखा किस प्रकार की संज्ञा है :-
(a) व्यक्तिवाचक संज्ञा (b) जातिवाचक संज्ञा
(c) समुहवाचक संज्ञा (d) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर :- (b) जातिवाचक संज्ञा ।
(i) पंखा – जातिवाचक संज्ञा ।
बजाज का पंखा – Jativachak sangya
बजाज का टेबल पंखा –Jativachak sangya
राम के धर का बजाज का टेबल पंखा – Jativachak sangya
प्रश्न संख्या – (02) गाय यदि जातिवाचक संज्ञा है, तो जर्सी गाय किस प्रकार की संज्ञा है :-
(a) व्यक्तिवाचक संज्ञा (b) जातिवाचक संज्ञा
(c) समुहवाचक संज्ञा (d) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर :- (b) जातिवाचक संज्ञा ।
(ii) गाय– जातिवाचक संज्ञा ।
जर्सी गाय- Jativachak sangya ।
राम की जर्सी गाय – जातिवाचक संज्ञा ।
नोट (Note) :- यह संज्ञा “अर्थवान” होती है ।
जैसे :- नदी – नदी कहने से हमारे मन में नदी के आकार, प्रवृति, प्रकार आदि उभरकर आती है ।
कलम – कलम कहने से हमारे मन में “कलम” की विशेषता, आकृति, प्रकार आदि उभरकर आती है ।
लड़का – लड़का कहने से हमारे मन में लड़का का गुण, दोष, व्यवहार, रूप, स्वभाव आदि उभरकर आती है ।
अतः इसलिए यह संज्ञा “अर्थवान“ होती है ।
मैं आशा करता हूँ, कि ऊपर लिखें Post में जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं ?(Jativachak sangya kise kahte hai), जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा (Jativachak sangya ki) ,उदाहरण, अर्थ को अच्छी तरह समझ गये होंगे और हिन्दी व्याकरण (Hindi Grammar) के विषय में और अधिक विस्तृत जानकारी के लिए आप हमारे YouTube Channel को सब्सक्राइब करें और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे FaceBook और Instagram पर भी जुड़ें, आगामी नये अपडेट के लिए ।
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