यदि आप हिंदी व्याकरण सीख रहे हैं, तो “गुणवाचक विशेषण” (Gunvachak Visheshan) एक ऐसा टॉपिक है जिसे समझना बेहद ज़रूरी है। इस पोस्ट में हम Gunvachak Visheshan ki Paribhasha, Gunvachak Visheshan kise kahate hain, और Gunvachak Visheshan ke Udaharan को विस्तार से समझेंगे।
गुणवाचक विशेषण की परिभाषा (Gunvachak Visheshan ki Paribhasha)
“गुणवाचक विशेषण” वे विशेषण हैं जो संज्ञा या सर्वनाम के गुण, दोष, रंग, आकार, स्वाद, गंध, अवस्था, स्थिति आदि का वर्णन करते हैं। उदाहरण: सुंदर, कुरूप, लाल, मीठा, गरीब, भारतीय।
गुणवाचक विशेषण का अर्थ (Gunvachak Visheshan ka Arth):- “जो विशेषण किसी संज्ञा या सर्वनाम का गुण, दोष आदि को बतलाए, वे गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं ।”
- गुणवाचक = गुण + वाचक ।
- गुण = गुण/दोष ।
- वाचक = वोध कराना ।
गुणवाचक विशेषण किसे कहते हैं? (Gunvachak Visheshan kise kahate hain?)
परिभाषा: “जो विशेषण किसी व्यक्ति, वस्तु, या स्थान की विशेषताओं (गुण-दोष, रंग-आकार, स्वभाव, दशा) को स्पष्ट करें, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं।”
- उदाहरण वाक्य:
- “आम मीठा है।” (स्वाद बताने के लिए)
- “वह भारतीय है।” (स्थान बताने के लिए)
- “कपड़ा गीला है।” (अवस्था बताने के लिए)
गुणवाचक विशेषण के उदाहरण (Gunvachak Visheshan ke Udaharan) को वाक्य के द्वारा समझें, जो निम्न हैं
- “गुलाब लाल है।” रंग बोधक:
- “यह रस्सी लंबी है।” आकार बोधक:
- “वह झूठा व्यक्ति है।” दोष बोधक:
- “मैं राजस्थानी हूँ।” स्थान बोधक:
- “नींबू खट्टा है।” स्वाद बोधक:
- मदन गौरा है । (रंग – गौरा)
- आम खट्टा है । स्वाद – खट्टा)
- सीता सुंदर है । (गुण – सुंदर)
- राम का पिता अस्वस्थ हैं । (दशा – अस्वस्थ)
- फल मीठा है । (गुण – मीठा)
- मिट्टी गिला है । (अवस्था – गिला)
- राम की बहन कुरूप है । (दोष – कुरुप)
- मैं भारतीय हूँ । (स्थान बोधक – भारतीय)
- मंदिर में बिहारी रहता है । (स्थान बोधक – बिहारी)
- फूल खुशबूदार है । (गंध – खुशबूदार ) आदि ।
गुणवाचक विशेषण के उदाहरण (Gunvachak Visheshan Ke Udaharan) कुछ निम्न प्रकार समझे |
कुछ प्रकार | पहचान | कुछ उदाहरण (Gunvachak Visheshan ke Udaharan) |
---|---|---|
1. रंग बोधक | रंग से संबंधित | लाल, काला, चितकबरा, गुलाबी। |
2. आकार बोधक | आकृति या माप | लंबा, गोल, चौड़ा, पतला। |
3. गुण/दोष बोधक | व्यक्ति/वस्तु के अच्छे-बुरे गुण | सुंदर, ईमानदार, झूठा, कुरूप। |
4. गंध बोधक | सुगंध या दुर्गंध | सुगंधित, बदबूदार, खुशबूदार। |
5. अवस्था बोधक | वस्तु की हालत | सूखा, गीला, जला हुआ, टूटा। |
6. स्वाद बोधक | स्वाद से जुड़े | मीठा, खट्टा, कड़वा, नमकीन। |
7. दिशा बोधक | दिशा या स्थान | पूर्वी, भारतीय, उत्तरी, दक्षिणी। |
8. स्पर्श बोधक | स्पर्श की अनुभूति | कोमल, खुरदरा, मखमली, कठोर। |
9. काल बोधक | समय से संबंधित | पुराना, नया, प्राचीन, आधुनिक। |
10. स्वभाव बोधक | व्यक्तित्व के लक्षण | शांत, चंचल, गंभीर, मिलनसार। |
11. दशा बोधक | सामाजिक या शारीरिक स्थिति | गरीब, अमीर, स्वस्थ, बीमार। इत्यादि | |
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गुणवाचक विशेषण की तुलना:-
तुलनाबोधक विशेषण किसे कहते हैं? (Tulana bodhak Visheshan kise kahate hain)
“जिस विशेषणों के द्वारा दो या दो से अधिक विशेष्यों के गुण-अवगुण की तुलना की जाती है, उसे तुलनाबोधक विशेषण कहते हैं।” उदाहरण :- राम श्याम से सुन्दर है । सीता गीता से कुरुप है । सोहन मोहन से अधिक काल है। आदि।
तुलना के आधार पर विशेषण के अवस्था या प्रकार:
तुलना के आधार पर विशेषण की निम्नलिखित तीन प्रकार अवस्था हैं:-
(i) मूलावस्था विशेषण
(ii) उत्तरावस्था विशेषण
(iii) उत्तमावस्था विशेषण ।
(i)मूलावस्था विशेषण (Mulavastha Visheshan):
परिभाषा: “इसके अंतर्गत विशेषणों का मूल रूप आता है। इस अवस्था में तुलना नहीं होती है, सामान्य विशेषताओं का उल्लेख मात्र होता है।” उदाहरण :- सीता सुंदर है। मोहन लंबा है। पंकज गोर है। सोहन बड़ा है। गीता कुरूप है आदि ।
(ii)उत्तरावस्था विशेषण (Uttravastha Visheshak):
परिभाषा: “जब दो व्यक्ति या वस्तुओं के बीच अधिकता या न्यूनता की तुलना होती है, तब उस विशेषण को उत्तरावस्था विशेषण कहते हैं।” उदाहरण :- सीता गीता से सुंदर है। मोहन सोहन से लंबा है। पंकज मदन से काल है। मोहन राम से बुरा है। गीता रीता से कुरूप है आदि।
(iii)उत्तमावस्था विशेषण (Uttamavastha Visheshan):
परिभाषा: “वह विशेषण का सर्वोत्तम अवस्था जिसमें दो या दो से अधिक व्यक्तियों या वस्तुओं के बीच तुलना की जाती है और उनमें से एक को श्रेष्ठता या निम्नता दी जाती, उसे आत्मावस्था विशेषण कहते हैं।” उदाहरण :- सीता सबसे सुंदर है। मोहन सबसे लंबा है। पंकज सबसे गोरा है। सोहन सबसे बुरा है। गीता सबसे कुरूप है आदि ।
नोट (Note):- मूलावस्था में “तर और तम” लगाकर उसके उत्तरावस्था और उत्तमावस्था में परिवर्तन किया जाता है। जैसे: कुछ निम्न लिखित हैं:-
मूलावस्था | उत्तरावस्था | उत्तमावस्था |
अधिक | अधिकतर | अधिकतम |
उच्च | उच्चतर | उच्चतम |
सुंदर | सुंदरतर | सुंदरतम |
निम्न | निम्नतर | निम्नतम |
कोमल | कोमलतर | कोमलतम |
लघु | लघुतर | लघुतम |
प्रिय | प्रियतर | प्रियतम |
महत् | महत्तर | महत्तम |
कटु | कटुतर | कटुतम |
निकट | निकटतर | निकटतम |
न्यून | न्यूनतर | न्यूनतम |
मधुर | मधुतर | मधुतम |
कठोर | कठोरतर | कठोरतम |
सरल | सरलतर | सरलतम |
योग्य | योग्यतर | योग्यतम |
महान | महानतर | महानतम |
विशाल | विशालतर | विशालतम |
दृढ़ | दृढ़तर | दृढ़तम |
मृदु | मृदुतर | मृदूतम |
तीव्र | तीव्रतर | तीव्रतम |
तीक्ष्ण | तीक्ष्णतर | तीक्ष्णतम |
निर्बल | निर्बलतर | निर्बलतम |
बलिष्ठ | बलिष्ठतर | बलिष्ठतम |
गुरू | गुरुतर | गुरुतम |
उत्कृष्ट | उत्कृष्टतर | उत्कृष्टतम। आदि । |
गुणवाचक विशेषण के कुछ महत्वपूर्ण नोट निम्न हैं:
(i) गुणवाचक विशेषण (Gunvachak Visheshan) में कुछ विशेषण खास विशेष्य के साथ प्रयुक्त होते हैं तथा उनके प्रयोग से वाक्य अत्यंत सुंदर और मजेदार हो जाते हैं। उदाहरण:
- राम इस चिलचिलाती धूप में विद्यालय जाता है ।
- इस मुहल्ले का बजबजाता नाला नगर निगम की पोल खोल रहा है ।
- तुम्हें लाल-लाल टमाटर बहुत पसंद है ।
- ससिता के बाल बलखाती नागिन जैसे हैं ।
अतः उक्त वाक्यों में चिलचिलाती – धूप के लिए, बजबजाता-नाले के लिए, लाल-लाल – टमाटर के लिए और बलखाती – नागिन के लिए प्रयुक्त हुए हैं । इसे विशेषणों के “पदवाचक विशेषण” (Padvachak Visheshan) कहा जाता है ।
(ii)क्षेत्रीय भाषाओं में जहाँ के लोग कम पढ़े-लिखे होते हैं, वह कभी-कभी उक्त विशेषणों से भी जानदार विशेषण का प्रयोग करते देखे गए हैं। जैसे:-
- बहुत मूर्ख के लिए – मूर्खचपाट/चपाठ ।
- मूर्ख के लिए – काला अक्षर ।
- बहुत गहरा दोस्त के लिए – लंगोटिया यार ।
- बहुत गहरे लाल के लिए – लाल टुह-टुह ।
- बहुत घने तारों के लिए – तारा गज-गज ।
- बहुत मोटे के लिए – मोटा थुल-थुल ।
- बहुत मैला/गंदा – मैल कुच-कुच/खुट-खुट ।
- बहुत चिकने के लिए – चिक्कन चुलबुल ।
- बहुत अधिक लंबे के लिए – लम्बा डग-डग ।
- बहुत अधिक खट्टा के लिए – खट्टा चुक-चुक/खट्टा चुन ।
- बहुत अधिक हरे के लिए – हरिअर/हरा कचोर ।
- बहुत अधिक तिक्त के लिए – नीम हर-हर ।
- षहुत ज्यादा काले के लिए – कार खुट-खुट/ करिया स्याह। आदि ।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. गुणवाचक विशेषण और परिमाणवाचक विशेषण में क्या अंतर है?
उत्तर: गुणवाचक विशेषण गुण बताते हैं (जैसे: मीठा), जबकि परिमाणवाचक संख्या/मात्रा बताते हैं (जैसे: दो किलो)।
Q2. “भारतीय” किस प्रकार का विशेषण है?
उत्तर: यह स्थान बोधक गुणवाचक विशेषण (Gunvachak Visheshan) है।
Q3. क्या “सुंदर” और “कुरूप” दोनों गुणवाचक विशेषण हैं?
उत्तर: हाँ, “सुंदर” गुण बोधक और “कुरूप” दोष बोधक विशेषण है।
Q4. गुणवाचक विशेषण के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर: 3 प्रमुख प्रकार, जैसे रंग बोधक, आकार बोधक, स्वाद बोधक आदि।
Q5. तुलनात्मक अवस्था (Comparative Degree) क्या होती है?
उत्तर: जब दो व्यक्तियों/वस्तुओं के गुणों की तुलना की जाती है, जैसे “राम श्याम से लंबा है।”
Q6. “खट्टा चुक-चुक” जैसे शब्द क्या हैं?
उत्तर: ये क्षेत्रीय भाषाओं में प्रयुक्त अनोखे गुणवाचक विशेषण हैं, जो अत्यधिकता बताते हैं।
Q7. क्या “पुराना” गुणवाचक विशेषण है?
उत्तर: हाँ, यह काल बोधक Gunvachak Visheshan है।
Q8. गुणवाचक विशेषण वाक्य को कैसे प्रभावी बनाते हैं?
उत्तर: ये वाक्य में विस्तार और स्पष्टता लाते हैं, जैसे “चिलचिलाती धूप” में “चिलचिलाती” विशेषण।
बोर्ड परीक्षा में MCQ टाइप पूछे गये 15 महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर:
1.) गुणवाचक विशेषण किसे कहते हैं?
a) संज्ञा की संख्या बताने वाले शब्द
b) संज्ञा के गुण-दोष बताने वाले शब्द
c) क्रिया का समय बताने वाले शब्द
d) सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द
उत्तर: b) संज्ञा के गुण-दोष बताने वाले शब्द
2.) “मीठा” शब्द किस प्रकार का विशेषण है?
a) रंग बोधक
b) स्वाद बोधक
c) आकार बोधक
d) दिशा बोधक
उत्तर: b) स्वाद बोधक
3.) “सीता सबसे सुंदर है।” यह किस अवस्था का उदाहरण है?
a) मूलावस्था
b) उत्तरावस्था
c) उत्तमावस्था
d) तुलनात्मक अवस्था
उत्तर: c) उत्तमावस्था
4.) “गोरा” शब्द किस श्रेणी में आता है?
a) गंध बोधक
b) रंग बोधक
c) दोष बोधक
d) अवस्था बोधक
उत्तर: b) रंग बोधक
5.) निम्न में से कौन सा दोष बोधक विशेषण है?
a) ईमानदार
b) कुरूप
c) मीठा
d) गोल
उत्तर: b) कुरूप
6.) “मोटा थुल-थुल” किसका उदाहरण है?
a) मूलावस्था
b) क्षेत्रीय विशेषण
c) परिमाणवाचक विशेषण
d) संख्यावाचक विशेषण
उत्तर: b) क्षेत्रीय विशेषण
7.) “वह पंजाबी है।” में विशेषण का प्रकार बताएँ।
a) स्थान बोधक
b) दशा बोधक
c) स्वभाव बोधक
d) काल बोधक
उत्तर: a) स्थान बोधक
8.) तुलना के आधार पर विशेषण के कितनी अवस्थाएँ होती हैं?
a) 2
b) 3
c) 4
d) 5
उत्तर: b) 3
9.) “राम श्याम से अच्छा है।” यह किस अवस्था का उदाहरण है?
a) मूलावस्था
b) उत्तरावस्था
c) उत्तमावस्था
d) सामान्य अवस्था
उत्तर: b) उत्तरावस्था
10.) निम्न में से कौन सा गुण बोधक विशेषण नहीं है?
a) सुंदर
b) ईमानदार
c) गोरा
d) दो किलो
उत्तर: d) दो किलो
11.) “फूल सुगंधित है।” में विशेषण का प्रकार बताएँ।
a) गंध बोधक
b) स्वाद बोधक
c) स्पर्श बोधक
d) अवस्था बोधक
उत्तर: a) गंध बोधक
12.) “मिट्टी गीली है।” में “गीली” क्या है?
a) संज्ञा
b) सर्वनाम
c) गुणवाचक विशेषण
d) क्रिया
उत्तर: c) गुणवाचक विशेषण
13.) किस वाक्य में दिशा बोधक विशेषण है?
a) वह उत्तरी दिशा में रहता है।
b) आम मीठा है।
c) कपड़ा गीला है।
d) राम ईमानदार है।
उत्तर: a) वह उत्तरी दिशा में रहता है।
14.) “तुम्हारे बाल बलखाती नागिन जैसे हैं।” यहाँ किस प्रकार का विशेषण है?
a) पदवाचक विशेषण
b) गुणवाचक विशेषण
c) संख्यावाचक विशेषण
d) सार्वनामिक विशेषण
उत्तर: a) पदवाचक विशेषण
15.) “प्राचीन” शब्द किस श्रेणी का विशेषण है?
a) काल बोधक
b) स्वभाव बोधक
c) दशा बोधक
d) रंग बोधक
उत्तर: a) काल बोधक
गुणवाचक विशेषण का निष्कर्ष:
गुणवाचक विशेषण (Gunvachak Visheshan) हिंदी व्याकरण का वह टॉपिक है जो भाषा को सटीक और रोचक बनाता है। इस पोस्ट में आपने Gunvachak Visheshan ki Paribhasha, Gunvachak Visheshan kise kahate hain, और Gunvachak Visheshan ke Udaharan को विस्तार से सीखा। इसे शेयर करें और हिंदी व्याकरण के अन्य पाठों के लिए हमारे YouTube Channel को सब्सक्राइब करें और kamla classes के Facebook एवं Instagram के पेज को भी Follow करें, समय पर सभी नए लेख के Notification पाने के लिए ।