Visheshya in Hindi: विशेष्य की परिभाषा, उदाहरण, विशेषताएँ, प्रयोग, रचना और नियम इत्यादि |

विशेष्य का परिचय (Visheshya):

विशेष्य (Visheshya in Hindi ) हिंदी व्याकरण में संज्ञा या सर्वनाम होता है, जिसकी विशेषता विशेषण द्वारा बताई जाती है। यह वाक्य को स्पष्ट और प्रभावशाली बनाता है। उदाहरण के लिए, “सुंदर फूल” में “फूल” विशेष्य (Visheshya) है और “सुंदर” विशेषण है। विशेष्य (Visheshya) के बिना विशेषण अधूरा है, क्योंकि यह हमेशा विशेष्य की विशेषता बताता है।”

विशेष्य किसे कहते हैं (Visheshya kise kahate hain)?

जिन संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता बतलाई जाती है, उसे विशेष्य कहते हैं।

जैसे :- मोहन सुंदर लड़का है ।
(इस वाक्य में “सुंदर” विशेषण एवं मोहन “विशेष्य” हैं एवं सुंदर शब्द मोहन का विशेषता बतला रहा है । अतः “मोहन” विशेष्य है ।)

वह मोटी है
(इस वाक्य में “मोटी” विशेषण एवं वह “विशेष्य” हैं एवं मोटी शब्द वह की विशेषता बतला रहा है । अतः “वह” विशेष्य है ।)

सीता कुरूप लड़की है
(इस वाक्य में “कुरूप” विशेषण एवं सीता “विशेष्य” हैं एवं कुरूप शब्द सीता की विशेषता बतला रही है । अतः “सीता” विशेष्य है ।)

लड़कें मेधावी हैं
(इस वाक्य में “मेधावी” विशेषण एवं लड़कें “विशेष्य” हैं एवं मेधावी शब्द लड़कें की विशेषता बतला रहें हैं। अतः “लड़कें” विशेष्य है।)

आम लाल है
(इस वाक्य में “लाल” विशेषण एवं आम “विशेष्य” हैं एवं लाल शब्द आम की विशेषता बतला रहा है । अतः “आम” विशेष्य है ।)

गाय दस लीटर दूध देती है
(इस वाक्य में “दस लीटर” विशेषण एवं गाय “विशेष्य” हैं एवं दस लीटर शब्द गाय की विशेषता बतला रहा है । अतः “गाय” विशेष्य है।)

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विशेष्य का वाक्य में प्रयोग (Visheshya Ka Prayog):-

विशेष्य का प्रयोग वाक्य में विशेषण के साथ किया जाता है, जिससे वाक्य अधिक स्पष्ट, प्रभावशाली और समझने में आसान बन जाता है। विशेष्य संज्ञा या सर्वनाम होता है, जबकि विशेषण उसकी विशेषता बताता है। इस तरह, दोनों का संयोजन वाक्य को और अधिक व्यवस्थित और अर्थपूर्ण बनाने में मदद करता है।” उदाहरण के लिए-

विशेषण और विशेष्य के उदाहरण (Visheshya ke Udaharan)

  • सीता मोटी है । (विशेष्य – सीता)
  • थोड़ा दूध दो । (विशेष्य – दूध)
  • राम को तेज बुखार है । (विशेष्य – राम)
  • दो किलोग्राम चावल चाहिए । (विशेष्य – चावल)
  • रामायण प्राचीन ग्रंथ हैं । (विशेष्य – रामायण)
  • वेद चार होते हैं । (विशेष्य – वेद)
  • श्याम चार भाई है । (विशेष्य – श्याम)
  • राम और श्याम चतुर है । (विशेष्य – राम और श्याम)
  • सोना कीमती है । (विशेष्य – सोना)
  • बच्चा अस्वस्थ है । (विशेष्य – बच्चा ) आदि ।
  • वेलोग लम्बा हैं । (विशेष्य – वेलोग )

विशेष्य का शब्द रचना (Visheshya Ka Shabd Rachna) :-

(i) विशेष्य का अर्थ :- “जिस शब्द का विशेषता बतलाई जाए वे विशेष्य होता है।”

(ii) विशेष्य का वर्ण – विच्छेद क्या होता है ?
:- व् + इ + श् + ए + ष् + य + अ ।

(iii) विशेष्य में कौन- सा उपसर्ग है ?
:- “वि” उपसर्ग ।

(iv) विशेष्य कोई “संज्ञा या सर्वनाम” ही होता है ।

(v) अर्थ के आधार पर विशेष्य शब्द है –
:- सार्थक शब्द ।

विशेष्य की विशेषताएं (Visheshya Ka Visheshatayen):-

(i) यह वाक्य में विशेषण के साथ प्रयोग किया जाता है ।
(ii) कोई भी विशेष्य “संज्ञा यह सर्वनाम” ही होता है ।
(iii) किसी भी विशेष्य का लिंग, कारक और वचन विशेषण के साथ मेल होना चाहिए ।

विशेष्य का नियम (Visheshya ka Niyam):-

(i) विशेष्य वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम के रूप में होता है ।

उदाहरण:-

यह किताब मेरी है । (यहां “किताब” विशेष्य हैं ।)
घोड़ा तेज दौड़ता है । (यहां “घोड़ा” विशेष्य हैं ।)
रामू परिश्रमी है । (यहां “रामू” विशेष्य हैं ।)
सीता गोरी है । (यहां “सीता” विशेष्य हैं ।) आदि ।

(ii) विशेष्य का लिंग एवं वचन विशेषण के साथ मेल खाना चाहिए

उदाहरण:-

यह गाड़ी बड़ी है ।
(यहां “गाड़ी” स्त्रीलिंग है और “बड़ी” भी स्त्रीलिंग है ।)

यह किताब अच्छी है ।
(यहां “किताब” स्त्रीलिंग है और “अच्छी” भी स्त्रीलिंग है ।) आदि।

(iii) विशेष्य का स्थान वाक्य में विशेषण के पहले होगा।

निष्कर्ष:-

विशेष्य की परिभाषा (Visheshya ki paribhasha) , उदाहरण, विशेषताएँ, वाक्य में प्रयोग और नियम को समझना जरूरी है। विशेष्य (Visheshya) वह शब्द है जिसकी विशेषता विशेषण बताता है, जैसे “लाल गुलाब” में “गुलाब” विशेष्य है। इसकी विशेषताएँ हैं कि यह संज्ञा या सर्वनाम होता है और विशेषण के साथ मिलकर वाक्य को स्पष्ट बनाता है। वाक्य में प्रयोग करते समय विशेष्य का लिंग, वचन और कारक विशेषण से मेल खाना चाहिए। नियम यह है कि विशेष्य (Visheshya) के बिना विशेषण अधूरा होता है, क्योंकि विशेषण हमेशा विशेष्य की विशेषता बताता है।

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